Last Updated:November 13, 2025, 15:54 IST
Supreme Court on Delhi Pollution: दिल्ली की जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया. जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने कहा कि प्रदूषण ‘बहुत-बहुत गंभीर’ है और वकीलों को कोर्ट आने की जरूरत नहीं, वे वर्चुअल सुनवाई करें. वहीं कपिल सिब्बल ने जो जवाब दिया वह पढ़ने लायक है. तो पढ़िए कोर्ट में सिब्बल ने क्या जवाब दिया है और सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ.
दिल्ली प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. (फाइल फोटो PTI)Supreme Court on Delhi Pollution: दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है. और अब इसकी गूंज देश की सबसे ऊंची अदालत तक पहुंच चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि “स्थिति बहुत-बहुत गंभीर है.” अदालत ने साफ कहा कि यह प्रदूषण लोगों के शरीर को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है.
जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वकीलों को कोर्ट आने की ज़रूरत नहीं है, वे वर्चुअल सुनवाई की सुविधा का इस्तेमाल करें. इस दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा, “हम मास्क पहनकर आए हैं.” इस पर जस्टिस नरसिम्हा बोले, “सिर्फ मास्क काफी नहीं… हम इस पर मुख्य न्यायाधीश से भी बात करेंगे.”
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस. चंद्रचूड़ दिल्ली की हवा की खतरनाक स्थिति पर सुनवाई कर रही थी. कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण का स्तर अब इतना बढ़ गया है कि यह इंसानों के स्वास्थ्य को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है.
जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने कहा,
आप सब यहां क्यों आए हैं? हमारे पास वर्चुअल सुनवाई की सुविधा है, उसी का इस्तेमाल कीजिए. यह प्रदूषण स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है.
दिल्ली में हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंची
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के मुताबिक मंगलवार सुबह 9 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 425 तक पहुंच गया था. यह ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. इसके बाद NCR में तुरंत GRAP (Graded Response Action Plan) के स्टेज-III के तहत 9-बिंदु ऐक्शन प्लान लागू किया गया.
CAQM की 9-बिंदु योजना में शामिल कदम
निर्माण गतिविधियों पर सख्त रोक सरकारी और निजी दफ्तरों में कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सलाह ट्रकों की एंट्री पर रोक पानी का छिड़काव और सड़क धुलाई बढ़ाना डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर रोक स्कूलों में आउटडोर गतिविधियां बंद सार्वजनिक परिवहन की सेवाओं में वृद्धि पेट्रोल-डीजल वाहनों पर निगरानी औद्योगिक इकाइयों की जांच में तेजीपराली जलाने पर कोर्ट की सख्ती
एक दिन पहले चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से पूछा था कि उन्होंने पराली जलाने पर क्या कार्रवाई की है. कोर्ट ने कहा था कि राज्यों को स्पष्ट बताना होगा कि प्रदूषण फैलाने वालों पर क्या ठोस कदम उठाए गए हैं. क्योंकि दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा में इन राज्यों की भूमिका भी अहम है.
दिल्ली प्रदूषण: आंकड़ों में समझिए गंभीरता
| AQI (दिल्ली) | 425 | गंभीर (Severe) |
| PM 2.5 | 350 µg/m³ | WHO मानक से 7 गुना ज्यादा |
| तापमान | 17°C | ठंडी हवा, प्रदूषण फंसा |
| विजिबिलिटी | 800 मीटर | सामान्य से 60% कम |
| स्वास्थ्य पर असर | सांस की समस्या, आंखों में जलन, खांसी | दीर्घकालिक खतरा |
सुप्रीम कोर्ट का संदेश: तकनीक से बचाइए सेहत
सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों और नागरिकों को साफ संदेश दिया है कि अगर आप घर से काम कर सकते हैं, तो बाहर निकलने से बचें. अदालत ने कहा कि जब वर्चुअल सुनवाई की सुविधा मौजूद है, तो उसे अपनाना ही समझदारी है.
गौरतलब है कि दिल्ली की हवा में घुला जहर सिर्फ मास्क से नहीं रुकेगा. सुप्रीम कोर्ट की चिंता साफ है. अगर तुरंत कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो यह प्रदूषण स्थायी नुकसान छोड़ जाएगा. अब देखना यह होगा कि अदालत की चेतावनी के बाद प्रशासनिक मशीनरी कितनी तेजी से हरकत में आती है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
November 13, 2025, 15:28 IST

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