किसी University की मान्यता रद्द होने पर क्या होता है? डिग्री पर क्या असर?

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Last Updated:November 13, 2025, 16:03 IST

University Education: यूनिवर्सिटीज को अपने संचालन के लिए यूजीसी, नैक जैसी एजेंसीज से मान्यता लेनी होती है. इस मान्यता को कुछ-कुछ सालों के अंतर पर रीइश्यू करवाना जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द कर दी जाती है. किसी यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने के बाद वहां पढ़ाई कर रहे या पढ़ाई कर चुके स्टूडेंट्स का क्या होता है?

किसी University की मान्यता रद्द होने पर क्या होता है? डिग्री पर क्या असर?University Accreditation: यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने पर कई तरह की समस्याएं आती हैं

नई दिल्ली (University Education). किसी भी यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होना बहुत ही गंभीर स्थिति मानी जाती है. इसका सीधा असर वहां पढ़ाई कर रहे और पासआउट हो चुके स्टूडेंट्स के साथ-साथ कार्यरत प्रोफेसर्स पर भी पड़ता है. मान्यता रद्द होने का अर्थ है कि यूजीसी या नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) अब उस संस्थान को डिग्री देने के लिए अधिकृत नहीं मानते हैं. यह स्थिति तब बनती है, जब यूनिवर्सिटी शिक्षा के निर्धारित मानकों, फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी या राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित गंभीर दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती है.

यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने पर सबसे बड़ा संकट मौजूदा स्टूडेंट्स पर आता है. उनका भविष्य अधर में लटक जाता है क्योंकि उनकी डिग्री की वैधता समाप्त होने का खतरा पैदा हो जाता है. वहीं, जो छात्र पहले ही पासआउट हो चुके हैं, उनकी डिग्री की कानूनी स्थिति भी सवालों के घेरे में आ जाती है. इससे उन्हें रोजगार और आगे की शिक्षा में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, यूनिवर्सिटी में कार्यरत प्रोफेसरों और कर्मचारियों की नौकरी भी खतरे में पड़ जाती है.

मौजूदा स्टूडेंट्स पर मान्यता रद्द होने का क्या प्रभाव पड़ता है?

यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने पर वर्तमान छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नियामक निकाय कई कदम उठा सकते हैं. हालांकि इसकी प्रक्रिया काफी स्ट्रेसफुल होती है:

वर्तमान स्टूडेंट्स का एडजस्टमेंट

यह सबसे आम समाधान है. नियामक निकाय (जैसे UGC) आमतौर पर प्रभावित छात्रों को उसी या पड़ोसी राज्यों की मान्यता प्राप्त अन्य यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर करने की व्यवस्था करते हैं. छात्रों के पहले से पूरे किए गए एकेडमिक क्रेडिट्स को नई यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर कर दिया जाता है. इससे उन्हें शुरू से पढ़ाई नहीं करनी पड़ती है. हालांकि, इसके लिए छात्रों को नए संस्थान की फीस और नियमों का पालन करना पड़ सकता है.

डिग्री की वैधता

जिन स्टूडेंट्स को मान्यता रद्द होने की ऑफिशियल घोषणा से पहले डिग्री मिल चुकी है, उनकी डिग्री आमतौर पर वैध मानी जाती है. वहीं, जो स्टूडेंट्स कोर्स के फाइनल ईयर में हैं, उन्हें अक्सर विशेष अनुमति के साथ परीक्षा देने और डिग्री पूरी करने का अवसर दिया जाता है. इसे नियामक निकाय संयुक्त रूप से जारी करते हैं ताकि उनकी मेहनत बेकार न जाए.

पासआउट छात्रों और प्रोफेसर्स का भविष्य क्या होता है?

किसी यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने पर पासआउट स्टूडेंट्स और वहां पढ़ा रहे प्रोफेसर्स का भविष्य भी संकट में आ जाता है.

1. पासआउट छात्र

डिग्री की वैधता: आमतौर पर मान्यता रद्द होने की डेट से पहले जारी की गईं डिग्रियां वैध मानी जाती हैं और उन्हें कानूनी रूप से नौकरी या आगे की शिक्षा के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति होती है. मार्केट में प्रभाव: हालांकि मार्केट में इन डिग्रियों की क्रेडिबिलिटी कम हो सकती है, खासकर अगर मान्यता रद्द होने का कारण गंभीर misconduct रहा हो. छात्रों को अपनी डिग्री की वैधता साबित करने में अतिरिक्त प्रयास करने पड़ सकते हैं.

2. प्रोफेसर और कर्मचारी

रोजगार समाप्ति: यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने पर उसके ऑपरेशंस धीरे-धीरे बंद हो जाते हैं. इससे सभी प्रोफेसर्स और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरी खत्म हो जाती है. भविष्य की संभावनाएं: प्रोफेसर्स को शैक्षणिक रिकॉर्ड और रिसर्च वर्क के आधार पर नई नौकरी की तलाश करनी पड़ती है. मान्यता रद्द होने की वजह से उनकी प्रतिष्ठा पर कानूनी असर डायरेक्ट नहीं पड़ता, जब तक कि वे खुद भी मिसकंडक्ट में शामिल न पाए गए हों. वेतन और बकाया: कर्मचारी अक्सर अपने बकाया वेतन और अन्य बेनिफिट्स के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते हैं, जो यूनिवर्सिटी की liquidation प्रक्रिया पर निर्भर करता है.

Deepali Porwal

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...

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First Published :

November 13, 2025, 16:03 IST

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