Last Updated:November 13, 2025, 17:43 IST
Gold Loan Rule : अगर आपने भी गोल्ड लोन लिया है तो ग्लोबल मार्केट और घरेलू बाजार में सोने की कीमतें गिरने पर खास नजर रखें. अगर सोने की कीमत गिर जाए तो आपके गोल्ड लोन पर भी असर पड़ेगा. सोने की कीमत का आपके लोन पर किस तरह असर पड़ता है, इसकी जानकारी होना भी जरूरी है.
सोने की कीमत घटने पर गोल्ड लोन भी बुरी तरह प्रभावित होता है. नई दिल्ली. इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पड़े तो सबसे पहले विचार आता है गोल्ड लोन लेने का. आपके घर में रखे सोने और पुराने गहनों के बदले बैंक या एनबीएफसी तत्काल फंड मुहैया कराते हैं. यह इतना ही आसान होता है, मानों आप अपने बैंक जाकर विड्रॉल फॉर्म भरते हैं और पैसे ले आते हैं. लेकिन, गोल्ड लोन (Gold Loan) लेना जितना आसान होता है, यह उतना ही जोखिम भी पैदा कर सकता है. आखिर कैसे गोल्ड लोन की वजह से आपकी परेशानी बढ़ सकती है, इसकी डिटेल में जानकारी होना बहुत जरूरी है.
सबसे पहले यह समझते हैं कि गोल्ड लोन पर सोने की भाव का आखिर कैसे असर पड़ता है. अभी ग्लोबल मार्केट में काफी उठापटक चल रही है, जिसका असर सीधे तौर पर सोने की कीमतों पर भी पड़ रहा है. बाजार में अनिश्चितता बढ़ने की वजह से ज्यादातर निवेशक सोने में अपना दांव लगा रहे हैं. दुनियाभर के रिजर्व बैंक भी इस अस्थिरता से निपटने के लिए सोना ही खरीद रहे, जिससे इसकी कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. जब सोने की कीमत बढ़ती है तो आपको अपने गोल्ड के बदले ज्यादा रकम भी मिल जाती है. लेकिन, जरा फर्ज कीजिए कि अगर ग्लोबल मार्केट में सुधार आ जाए और सोने की डिमांड घटने लगे तो इसकी कीमतों में भी गिरावट आ जाएगी. तब आपके गोल्ड लोन पर क्या असर पड़ेगा.
बैंक और ग्राहक दोनों पर होगा असर
ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतों में गिरावट आने से गोल्ड लोन पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से असर पड़ता है. दरअसल, आरबीआई का नियम है कि बैंक या एनबीएफसी आपको सोने की कुल कीमत का करीब 70 से 75 फीसदी (LTV) तक ही लोन देंगे. यानी अगर सोने की वैल्यू 1 लाख रुपये है तो आपको 70 से 75 हजार रुपये का लोन मिल जाएगा. अगर सोने की कीमत बढ़ती है तो आपकी एलटीवी भी बढ़ जाएगी और आपको अपने गोल्ड की ज्यादा कीमत मिलेगी. वहीं, सोने की कीमत गिरने पर आपकी एलटीवी भी कम हो जाएगी और बैंक आपसे अतिरिक्त सोना या फिर कैश की मांग कर सकता है.
अगर सोने की कीमत गिरी तो क्या होगा…
मान लीजिए आपने 1 लाख रुपये मूल्य का सोना बैंक में जमा करके गोल्ड लोन लिया है. एलटीवी के हिसाब से आपको 70 या 75 हजार रुपये तक का लोन मिलेगा. मान लेते हैं बैंक आपको 70 हजार का लोन दे रहा है. कुछ दिनों बाद सोने की कीमत गिरी और आपके सोने का भाव 1 लाख की बजाय 80 हजार रुपये रह गया. इस हिसाब से आपके 70 फीसदी लोन की रकम सिर्फ 56 हजार रुपये होगी. ऐसे में बैंक आपसे अतिरिक्त 14 हजार रुपये को कैश के रूप में वापस मांग सकता है या फिर अतिरिक्त गोल्ड जमा करने के लिए कह सकता है.
आपके ऊपर क्या होगा असर
बैंक अपने मार्जिन कॉल को पूरा करने के लिए अतिरिक्त केश या गोल्ड की डिमांड कर सकता है. ऐसे में ग्राहक को लोन का कुछ हिस्सा तत्काल चुकाना पड़ेगा, वरना बैंक उसके गोल्ड की नीलामी भी कर सकता है. ऐसा होता है तो निश्चित रूप से ग्राहक पर बड़ी मुसीबत आ जाएगी.
अगर आपने बैंक के एलटीवी को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कैश या गोल्ड जमा नहीं किया और आपका लोन डिफॉल्ट कर गया तो अगली बार भी गोल्ड लोन मिलने में समस्या आएगी. ज्यादातर बैंक ऐसे ग्राहकों का एलटीवी 70 से 75 फीसदी से घटाकर 60 फीसदी कर देते हैं. इसका मतलब है कि भविष्य में आपको गोल्ड लोन पर कम कीमत मिलेगी.
3 साल पहले आई थी ऐसी मुसीबत
ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ एक कल्पना है और ग्राहकों को सिर्फ सचेत करने के लिए बताया जा रहा है. महज तीन साल पहले ही देश के लाखों गोल्ड लोन ग्राहकों को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था. तब अप्रैल, 2022 में सोने की कीमत 52 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अक्टूबर, 2025 में गिरकर 49 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई थी. यानी इसमें 6 फीसदी की गिरावट आई थी. तब गोल्ड लोन देने वाली देश की सबसे बड़ी एनबीएफसी मुत्थूट फाइनेंस और मणप्पुरम ने 10 लाख से ज्यादा ग्राहकों को मार्जिन कॉल भेजी थी. अतिरिक्त कैश या गोल्ड जमा नहीं करने पर इनमें से 5 फीसदी से ज्यादा ग्राहकों का सोना नीलाम भी किया गया था, जबकि नए लोन बांटने में 8 से 10 फीसदी तक गिरावट आई थी.
गोल्ड लोन लेते समय क्या ध्यान रखें
गोल्ड लोन लेते समय अपनी एलटीवी पहले से ही 75 फीसदी से कम रखें. गोल्ड लोन लेने के बाद हर महीने अपने गोल्ड की कीमतें चेक करते रहें.बैंक से मार्जिन कॉल आती है तो तत्काल पैसे या अतिरिक्त गोल्ड भरें और ऑक्शन से बचें. कोशिश करें कि ईएमआई से ज्यादा पैसे चुकाएं, ताकि प्रिंसिपल कम होता जाए और ब्याज भी कम हो जाए. अगर ऑक्शन की नौबत आई तो बैंक को फायदा और आपको नुकसान होगा.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 13, 2025, 17:43 IST

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