Last Updated:November 13, 2025, 17:44 IST
Nyoma Airbase News: भारत ने लद्दाख में 13,710 फीट की ऊंचाई पर नया न्योमा एयरबेस शुरू किया. चीन सीमा से सिर्फ 35 किमी दूर बने इस एयरबेस पर 230 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. यह दुनिया के सबसे ऊंचे एयरफील्ड्स में एक है और अब भारी विमान व फाइटर जेट यहां से उड़ान भर सकेंगे. भारत का यह कदम चीन को स्पष्ट रणनीतिक संदेश देता है. इस खबर में जानिए न्योमा एयरबेस के बारे में सबकुछ.
ड्रोन और हवाई सेंसर से सतत निगरानी संभव.नई दिल्ली: भारत ने बुधवार को लद्दाख की ऊंची पहाड़ियों में एक और बड़ी रणनीतिक उपलब्धि दर्ज की. चीन सीमा से महज 35 किलोमीटर दूर स्थित न्योमा एयरबेस को आधिकारिक तौर पर सक्रिय कर दिया गया है. समुद्र तल से 13,710 फीट की ऊंचाई पर बना यह एयरबेस, भारतीय वायुसेना की ताकत को नई ऊंचाई पर ले जाएगा. इसका सीधा मतलब है अब भारत की हवा से निगरानी और त्वरित जवाब देने की क्षमता पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत होगी.
करीब 230 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस एयरबेस का उद्घाटन खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने किया. उन्होंने दिल्ली के हिंडन एयरबेस से C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान उड़ाकर सीधे न्योमा में लैंड किया. यह वही इलाका है, जो पूर्वी लद्दाख में 2020 के चीन के घुसपैठ वाले इलाकों जैसे पैंगोंग झील, डेमचोक और देपसांग से कुछ ही दूरी पर है.
🚨BREAKING : #IAF Chief inaugurates the world’s highest airbase at #Nyoma (13,700 ft) in Eastern #Ladakh, just 30 km from the #LAC with #China.
न्योमा एयरबेस: ऊंचाई पर बना भारत का ‘सुपर कवच’
न्योमा एयरबेस दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य एयरफील्ड्स में से एक है. यह अब भारी-भरकम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट्स और ड्रोन ऑपरेशन्स के लिए पूरी तरह तैयार है. इस एयरबेस से न केवल सैनिकों और हथियारों की तेज़ आवाजाही संभव होगी, बल्कि भारत को LAC (Line of Actual Control) के हर इंच पर लगातार निगरानी की सुविधा भी मिलेगी.
लद्दाख से अरुणाचल तक भारत अब चीन सीमा पर “टू-फ्रंट ऑपरेशनल रेडीनेस” की नीति पर काम कर रहा है.
एयरबेस की प्रमुख विशेषताएं
ऊंचाई: 13,710 फीट दूरी: चीन सीमा (LAC) से लगभग 35 किमी लागत: ₹230 करोड़ रनवे लंबाई: 2.7 किमी ‘Rigid Pavement’ प्रकार नए निर्माण: ATC कॉम्प्लेक्स, हैंगर, क्रैश बे, आवासीय क्षेत्र उपयोग: C-130J, C-17, Su-30 MKI और Rafale जैसी उड़ानों के लिए उपयुक्त 2026 तक फाइटर ऑपरेशंस की पूरी क्षमता हासिल करने का लक्ष्यन्योमा प्रोजेक्ट: आंकड़ों में पूरी कहानी
| एयरबेस स्थान | न्योमा, पूर्वी लद्दाख |
| ऊंचाई | 13,710 फीट |
| लागत | ₹230 करोड़ |
| दूरी चीन सीमा से | 35 किलोमीटर |
| संचालन शुरू | नवंबर 2025 |
| प्रमुख उद्देश्य | सैनिक, उपकरण और हथियारों की त्वरित तैनाती |
| प्रमुख क्षेत्र | पैंगोंग त्सो, डेपसांग, देमचोक |
IAF का ‘उत्तर-दक्षिण फ्रंट’ तैयार
लद्दाख से अरुणाचल तक भारत अब चीन सीमा पर “टू-फ्रंट ऑपरेशनल रेडीनेस” की नीति पर काम कर रहा है. जहां लद्दाख में न्योमा एयरबेस भारत की पश्चिमी सीमा पर ‘एयर पॉवर’ का नया स्तंभ बनेगा, वहीं अरुणाचल प्रदेश में इसी समय ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ नामक विशाल सैन्य अभ्यास चल रहा है. इस अभ्यास में भारतीय थलसेना की 3 स्पीयर कोर, वायुसेना, ITBP और विशेष बल शामिल हैं. इसका उद्देश्य-
Right Force, Right Place, Right Time
यानि सही समय पर सही जगह पर सही शक्ति पहुंचना.
चीन के सामने भारत का जवाब
भारत ने पिछले पांच सालों में LAC पर अपने सभी एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (ALGs) को आधुनिक बनाया है- जैसे लेह, कारगिल, थॉइस, दौलत बेग ओल्डी, और अब न्योमा. वहीं चीन ने अपनी ओर होटान, काशगर, शिगात्से, न्यिंगची और होपिंग जैसे एयरबेसों को अपग्रेड किया है. जानकारों का कहना है कि अब भारत के पास भी हवाई जवाबदेही की बराबर क्षमता है.
क्यों है यह गेमचेंजर?
तत्काल प्रतिक्रिया क्षमता: सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी आपात स्थिति में सैनिक और हथियार तुरंत भेजे जा सकेंगे. लॉजिस्टिक सपोर्ट: मुश्किल भौगोलिक स्थितियों में सप्लाई चेन बनाए रखने में मदद. निगरानी और खुफिया लाभ: ड्रोन और हवाई सेंसर से सतत निगरानी संभव. चीन को संदेश: भारत का सुरक्षा संदेश स्पष्ट है- कोई भी स्थिति हो जवाब तैयार है.भले ही भारत-चीन के बीच कूटनीतिक संवाद जारी है, लेकिन ‘ट्रस्ट डेफिसिट’ (भरोसे की कमी) अब भी गहरी है. 2020 की घुसपैठ के बाद से भारतीय सैनिक लगातार फॉरवर्ड तैनाती पर हैं. और यह छठा सर्द मौसम है जब दोनों देशों के बीच वास्तविक डी-एस्केलेशन नहीं हुआ है. न्योमा एयरबेस सिर्फ एक सैन्य ठिकाना नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है. 13,710 फीट की ऊंचाई पर यह बेस साबित करता है कि चाहे भूगोल कितना भी कठिन क्यों न हो-भारत हर मोर्चे पर तैयार है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
November 13, 2025, 17:44 IST

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