Last Updated:December 12, 2025, 22:07 IST
Justice GR Swaminathan: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, द्रमुक नेता टी आर बालू तथा कई अन्य नेताओं ने ओम बिरला से मुलाकात कर जस्टिस जी आर स्वामीनाथन के खिलाफ नोटिस दिया. इस नोटिस पर 107 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं.
विपक्षी दलों ने जस्टिस स्वामीनाथन को पद से हटाने का प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस ओम बिरला को सौंपा है. (फाइल फोटो)नई दिल्ली. द्रमुक की तरफ से मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश जी आर स्वामीनाथन को पद से हटाने के प्रयास की निंदा करते हुए शुक्रवार को 56 पूर्व न्यायाधीशों ने एक बयान जारी किया और इसे ‘न्यायाधीशों को डराने-धमकाने का एक निर्लज्ज प्रयास’ बताया. एक दिसंबर को न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने फैसला सुनाया कि अरुलमिघु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर, उची पिल्लैयार मंडपम के पास प्रथागत दीपक जलाने के अतिरिक्त, दीपाथून में भी दीपक जलाने के लिए कर्तव्यबद्ध है. एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि ऐसा करने से निकटवर्ती दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा.
इस आदेश से विवाद खड़ा हो गया और नौ दिसंबर को द्रमुक के नेतृत्व में कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को न्यायाधीश को हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाने का नोटिस सौंपा. बयान में कहा गया, “यह समाज के एक विशेष वर्ग की वैचारिक और राजनीतिक अपेक्षाओं के अनुरूप न चलने वाले न्यायाधीशों को धमकाने का एक निर्लज्ज प्रयास है. यदि ऐसे प्रयास को जारी रहने दिया गया, तो यह हमारे लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही नष्ट कर देगा.”
इसमें कहा गया है कि यदि हस्ताक्षरकर्ता सांसदों द्वारा बताए गए कारणों को अक्षरशः मान भी लिया जाए, तो भी ये पद से हटाने जैसे दुर्लभ, असाधारण और गंभीर संवैधानिक उपाय का सहारा लेने के लिए अपर्याप्त हैं. बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीश, विभिन्न उच्च न्यायालयों के पांच पूर्व मुख्य न्यायाधीश और 49 सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल हैं.
कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों ने तमिलनाडु में एक दरगाह के निकट स्थित मंदिर में ‘कार्तिगई दीपम’ से जु़ड़े मामले में आदेश पारित करने वाले न्यायमूर्ति स्वामीनाथन को पद से हटाने का प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस 9 दिसंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपा था. इस नोटिस पर 107 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं.
विपक्षी दलों ने नोटिस में कहा, “न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन का आचरण न्यायपालिका की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष कार्यप्रणाली के संबंध में गंभीर सवाल खड़े करता है. ऐसा लगता है कि इस मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता एम. श्रीचरण रंगनाथन को अनुचित तरीके से लाभ दिया गया और साथ ही एक विशेष समुदाय के अधिवक्ताओं का भी पक्ष लिया गया.” नोटिस में यह दावा भी किया गया है कि विशेष राजनीतिक विचारधारा के आधार पर और भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के विरुद्ध मामलों का निर्णय किया गया.
About the Author
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 12, 2025, 21:57 IST

1 hour ago
