Last Updated:December 12, 2025, 21:32 IST
Indian Army Pinaka Rockets Range: भारतीय सेना ने 120 किलोमीटर रेंज वाले गाइडेड पिनाका रॉकेट का 2500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है. डीआरडीओ द्वारा विकसित ये रॉकेट पुराने लॉन्चर्स से ही दागे जा सकेंगे. सेना प्रमुख ने इस स्वदेशी प्रोजेक्ट का पूरा समर्थन किया है. इसके ट्रायल जल्द शुरू होंगे, जिससे विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम होगी और निर्यात के मौके बढ़ेंगे.
अब 40 नहीं, सीधे 120 किलोमीटर दूर तबाही! युद्ध के मैदान में गेमचेंजर साबित होगा नया पिनाक (Photo : DRDO)नई दिल्ली: भारतीय सेना अपनी ताकत को कई गुना बढ़ाने जा रही है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सेना ने अपनी लॉन्ग रेंज आर्टिलरी को और मजबूत करने का फैसला किया है. इसके तहत सेना ने 120 किलोमीटर तक मार करने वाले पिनाक रॉकेट को अपने बेड़े में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया है. यह प्रोजेक्ट करीब 2500 करोड़ रुपये का है. अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है तो दुश्मन के ठिकाने अब 120 किलोमीटर दूर से ही तबाह किए जा सकेंगे. रक्षा अधिकारी बताते हैं कि इन रॉकेट्स को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) विकसित करेगा. खास बात यह है कि इसके ट्रायल बहुत जल्द शुरू होने वाले हैं. सेना का यह कदम बताता है कि वह भविष्य की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार है.
2500 करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट, डीआरडीओ कैसे तैयार करेगा मौत का सामान?
रक्षा सूत्रों के मुताबिक सेना ने इस प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी मांगी है. रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) बहुत जल्द इस पर फैसला ले सकती है. इस प्रोजेक्ट की लागत 2500 करोड़ रुपये आंकी गई है. डीआरडीओ इस गाइडेड रॉकेट को डेवलप करेगा. सबसे पहले इसका डिजाइन और प्रोटोटाइप तैयार होगा. इसके बाद इसके ट्रायल किए जाएंगे. ट्रायल सफल होने के बाद इसके उत्पादन के लिए पार्टनर चुने जाएंगे. यह चयन एक बिडिंग प्रोसेस के जरिए होगा. रक्षा मंत्रालय, जिसका नेतृत्व राजनाथ सिंह कर रहे हैं, स्वदेशी हथियारों को लगातार बढ़ावा दे रहा है. पिनाक सिस्टम इसी मुहिम का एक शानदार उदाहरण है.
पुराने लॉन्चर से ही होगी नई तबाही? 40 से सीधे 120 किलोमीटर कैसे पहुंची मारक क्षमता?
इस नए प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत इसका टेक्निकल अपग्रेडेशन है. अभी तक पिनाक सिस्टम के रॉकेट 40 किलोमीटर तक मार करते थे. इसके बाद इसका उन्नत संस्करण आया जो 75 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक हमला कर सकता है. लेकिन अब सेना 120 किलोमीटर रेंज वाला गाइडेड रॉकेट चाहती है. अधिकारियों ने बताया कि ये नए रॉकेट उसी लॉन्चर से दागे जा सकेंगे जिसका इस्तेमाल अभी हो रहा है. इसका मतलब है कि सेना को नए लॉन्चर खरीदने या बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पुराने सिस्टम से ही ज्यादा दूरी तक हमला किया जा सकेगा. यह लॉजिस्टिक्स और खर्च के लिहाज से बहुत बड़ा फायदा है. सेना अपनी मौजूदा पिनाक रेजीमेंट्स को और मजबूत करने पर फोकस कर रही है. हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सेना को लंबी दूरी के सटीक हथियारों की जरूरत महसूस हुई है. पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (MLRS) अपनी तेजी और सटीकता के लिए जाना जाता है. यह आधुनिक युद्ध में सेना की क्षमता को कई गुना बढ़ा देता है.सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस सिस्टम पर पूरा भरोसा जताया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि सेना इस मिसाइल सिस्टम का पूरा समर्थन कर रही है. उन्होंने संकेत दिया कि जैसे ही पिनाक के लंबी दूरी वाले वर्जन तैयार हो जाएंगे, सेना दूसरे वैकल्पिक या विदेशी हथियारों की योजना को छोड़ सकती है. यह स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ा बयान है. डीआरडीओ पहले से ही 120 किलोमीटर वाले वर्जन को डेवलप करने के एडवांस्ड स्टेज में है. अगले वित्तीय वर्ष में इसके पहले टेस्ट की उम्मीद है.
सिर्फ रॉकेट नहीं, बारूद भी होगा खास! 10 हजार करोड़ की डील में सेना को क्या-क्या मिला?
सेना सिर्फ रॉकेट की रेंज ही नहीं बढ़ा रही बल्कि उसके बारूद को भी घातक बना रही है. इस साल की शुरुआत में रक्षा मंत्रालय ने 10,147 करोड़ रुपये के बड़े अनुबंध किए थे. यह डील इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (EEL) और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL) के साथ हुई थी.
इसके तहत सेना को ‘एरिया डिनायल म्यूनिशन’ (ADM) और हाई एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड रॉकेट मिलेंगे. एरिया डिनायल म्यूनिशन वह होता है जो दुश्मन को किसी खास इलाके में घुसने से रोकता है. इसके अलावा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ शक्ति सॉफ्टवेयर (SHAKTI Software) को अपग्रेड करने का भी समझौता हुआ है. यह सॉफ्टवेयर आर्टिलरी सिस्टम को और सटीक बनाता है.
दुनियाभर में बज रहा पिनाक का डंका, आर्मेनिया के बाद अब कौन सा सुपरपावर देश कतार में?
पिनाक रॉकेट सिस्टम सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी धाक जमा रहा है. यह स्वदेशी हथियार प्रणाली निर्यात के मामले में एक बड़ी सफलता की कहानी बन गई है. हाल ही में आर्मेनिया ने भारत से पिनाक सिस्टम खरीदा है.
इसके अलावा कई यूरोपीय देश भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं. खबरों के मुताबिक फ्रांस जैसा ताकतवर देश भी पिनाक सिस्टम में रुचि ले रहा है. यह भारत की डिफेंस इंडस्ट्री के लिए गर्व की बात है. पिनाक का सफल निर्यात यह साबित करता है कि भारतीय हथियार अब ग्लोबल स्टैंडर्ड के हैं. 120 किलोमीटर रेंज वाला नया रॉकेट इस सिस्टम की डिमांड को और बढ़ा सकता है.
About the Author
दीपक वर्मा (Deepak Verma) एक पत्रकार हैं जो मुख्य रूप से विज्ञान, राजनीति, भारत के आंतरिक घटनाक्रमों और समसामयिक विषयों से जुडी विस्तृत रिपोर्ट्स लिखते हैं. वह News18 हिंदी के डिजिटल न्यूजरूम में डिप्टी न्यूज़...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 12, 2025, 21:32 IST

1 hour ago
