Last Updated:July 14, 2025, 13:55 IST
Wholesale Inflation : सरकार ने थोक मूल्य आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी कर दिए हैं. जून में यह 0.13 फीसदी पहुंच गई है, जो मई में 0.39 फीसदी रही थी. पिछले साल तो यह 4 फीसदी के आसपास थी.

जून 2025 में थोक महंगाई दर गिरकर 0.13 फीसदी तक चली गई है.
हाइलाइट्स
थोक महंगाई दर जून में 0.13 फीसदी रहीखाद्य वस्तुओं की कीमतों में 3.75 फीसदी की गिरावटसब्जियों की कीमतों में 22.65 फीसदी की गिरावटनई दिल्ली. खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई के आंकड़े भी सामने आ गए हैं और जून में थोक मूल्य आधारित सूचकांक (WPI) गिरकर 0.13 फीसदी पर आ गया है. खाने-पीने की चीजों, ईंधन और फैक्ट्री उत्पादों की लागत में आई गिरावट की वजह से ही थोक महंगाई की वृद्धि दर में भी कमी दिख रही है. सरकार की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया गया है कि मई महीने में थोक महंगाई दर 0.39 फीसदी रही थी, जबकि पिछले साल जून में यह 3.43 फीसदी थी.
इस दौरान यह सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि जून में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले थोक महंगाई दर में 90 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. उद्योग मंत्रालय ने बताया कि जून 2025 में महंगाई दर में कमी की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, मूल धातुओं के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि की कीमतों में नरमी रही है. इसका असर थोक महंगाई के पूरे सूचकांक पर भी दिख रहा है.
किन चीजों की कीमतें ज्यादा घटीं
थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, जून में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 3.75 फीसदी की गिरावट आई जबकि इसमें मई में 1.56 फीसदी की गिरावट आई थी. सब्जियों की कीमतों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. जून में सब्जियों की कीमतों में 22.65 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि मई में यह 21.62 फीसदी थी. मैन्युफैक्चरिं प्रोडक्ट के मामले में थाक महंगाई दर इस साल जून में 1.97 फीसदी रही, जबकि मई में यह 2.04 फीसदी थी.
ईंधन-बिजली भी सस्ते हुए
जून में ईंधन और बिजली की महंगाई दर भी 2.65 फीसदी रही जो मई में 2.27 फीसदी ही थी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्यतः खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है. थोक महंगाई के बाद सरकार जल्द ही खुदरा मुद्रास्फीति के जून के आंकड़े भी जारी कर सकती है. गौरतलब है कि आरबीआई ने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच पिछले महीने नीतिगत ब्याज दर में 0.50 फसीदी की भारी कटौती करके 5.50 फीसदी कर दिया था.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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