दिल दहल जाएगा यमन में भारतीय नर्स को दी जाने वाली फांसी के तरीके को जानकर

5 hours ago

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जाने वाली है. ये सजा उसे यमन के नागरिक और व्यावसायिक पार्टनर की हत्या के लिए दी जा रही है. भारतीय नर्स के परिवार ने ब्लड मनी देकर पीड़ित परिवार ये सजा रोकने की कोशिश की लेकिन वो हो नहीं पाया. यमन में फांसी की सजा दिल दहला देने वाले तरीके से दी जाती है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना भी होती रही है.

भारतीय नर्स निमिषा पर 2017 में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है. उसने महतो को मारकर उसके शव को कई हिस्सों में काटकर टैंक में डालकर छिपा दिया था. यमन में मृत्युदंड की प्रक्रिया इस्लामी शरिया कानून पर आधारित है, और यह दुनिया के सबसे क्रूर और अमानवीय तरीकों में से एक मानी जाती है.

बहुत वीभत्स तरीके से दी जाती है मौत की सजा

भारत में तो फांसी की सजा फंदे से लटकाकर दी जाती है लेकिन हूती के कब्जे वाले यमन के हिस्सों में फांसी के लिए अलग प्रक्रिया अपनाई जाती है. वो वाकई बहुत वीभत्स और दर्दनाक की जा सकती है. यमन में आमतौर पर फांसी की सजा गोली मारकर दी जाती है, जिसे फायरिंग स्क्वाड कहा जाता है. इसके तरीका भी सीधा नहीं बल्कि अलग ही होता है

सजा से पहले कैदी क्या कर सकता है

यमन में फायरिंग स्कवॉड से मौत की सजा दिए जाने से पहले कैदी को आमतौर पर कोई विशेष भोजन देने या उसकी कोई खास इच्छा पूरी करने की परंपरा नहीं है, जैसी कि कुछ अन्य देशों (जैसे अमेरिका) में देखने को मिलती है. यमन में मृत्युदंड की प्रक्रिया काफी सख्त और औपचारिक होती है, जिसमें धार्मिक और कानूनी रस्मों का पालन किया जाता है.

कैदी को आमतौर पर उसकी सजा के बारे में पहले ही सूचित कर दिया जाता है. अंतिम समय में उसे धार्मिक अनुष्ठान (जैसे नमाज पढ़ने या कुरान की आयतें सुनने) का मौका दिया जाता है, ताकि वह प्रायश्चित कर सके और अल्लाह से माफी मांग सके.

फिर उसकी आंख पर पट्टी बांधकर खुले में लाते हैं

इसके बाद मौत की सजा याफ्ता कैदी को आंखों पर पट्टी बांधकर बाहर खुले में उस जगह लाया जाता है जहां उसे मौत की सजा दी जानी होती है. यह तरीका दुनिया के कई देशों में फायरिंग स्कवॉड के तहत फांसी देने के दौरान अपनाया जाता है. पट्टी बांधने का उद्देश्य कैदी को गोली चलने का दृश्य न दिखाना और मानसिक दबाव को कम करना होता है.

दोषी को जमीन पर लिटाते हैं फिर तड़ातड़ फायरिंग

सजा के समय कैदी को आमतौर पर एक कंबल या कपड़े में लपेटा जाता है. उसे कंबल या गलीचे पर उल्टा लिटाया जाता है. पीठ पर डॉक्टर ठीक उस जगह पर दिल का निशान बनाता है, जहां दिल होता है. फिर जल्लाद ऑटोमेटिक राइफल से उसकी पीठ पर खासकर दिल के स्थान पर कई राउंड तड़ातड़ फायर करता है ताकि उसकी तुरंत मृत्यु हो जाए.

राइफल के मॉडल का स्पष्ट उल्लेख नहीं है. शायद इसके लिए AK-47 या इसी श्रेणी की सैन्य राइफल का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि ये यमन में व्यापक रूप से उपलब्ध हैं.

यमन के राष्ट्रपति के पास माफी का अधिकार

यमन की दंड संहिता के मुताबिक, मौत की सजा देने के कई तरीके हैं, जैसे गोली मारना, पत्थर मारना या सिर कलम करना. मौजूदा समय में सबसे आम तरीका गोली मारना ही है. सजा देने से पहले राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होती है. यमन के हूती प्रशासन ने उनकी फांसी को मंजूरी दे दी है.

यमन में फांसी (मौत की सजा) को माफ करने या रोकने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है. राष्ट्रपति के पास यह अधिकार है कि वह सजा को पूरी तरह माफ कर सकते हैं, उसे टाल सकते हैं या उसकी सजा को कम करके आजीवन कारावास में बदल सकते हैं.

यदि दोषी महिला गर्भवती हो तो…

यदि दोषी महिला गर्भवती है, तो बच्चे के जन्म के बाद और उसकी देखभाल के लिए कोई दूसरा व्यक्ति मिलने तक सजा नहीं दी जाती. ऐसे में उसकी सजा एक से डेढ़ साल तक आगे बढ़ जाती है.

यमन में मौत की सजा किन अपराधों में

यमन के कानून में मौत की सजा बहुत से अपराधों के लिए दी जाती है, जिसमें सिर्फ हत्या, बलात्कार या आतंकवाद ही नहीं, बल्कि व्यभिचार, समलैंगिकता, धर्म परिवर्तन, ड्रग्स तस्करी, देशद्रोह, जासूसी, और सैन्य अपराध भी शामिल हैं.

यहां फांसी की सजा खूब दी जाने लगी

2014 के बाद से यमन के उत्तरी हिस्सों में हूती विद्रोहियों का नियंत्रण है, जिन्होंने मौत की सजा का इस्तेमाल बढ़ा दिया है, खासकर “नैतिक अपराधों” और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ. हूती प्रशासन ने हाल के वर्षों में सामूहिक मौत की सजाएं सुनाई हैं, जिनमें कई बार निष्पक्ष सुनवाई के बिना फांसी दी गई. यमन में न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी है. कई बार आरोपियों को उचित कानूनी सहायता या निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिलती.

यहां बच्चों को भी नहीं बख्शते

यमन में बच्चों और नाबालिगों को भी मौत की सजा दी जा चुकी है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यमन में हूतियों द्वारा दी जाने वाली फांसी की आलोचना भी हुई है लेकिन यमन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है.

यमन के किस हिस्से पर किसका नियंत्रण

यमन में उत्तर-पश्चिमी और पश्चिमी हिस्सों पर मुख्य रूप से हूती विद्रोहियों का नियंत्रण है. इसमें राजधानी सना, हुदायदाह, रास ईसा और सालिफ बंदरगाह जैसे प्रमुख शहर और बंदरगाह शामिल हैं. हूती विद्रोही ईरान समर्थित हैं. वो इन इलाकों में अपनी प्रशासनिक और सैन्य सत्ता चला रहे हैं.

बाकी यमन—विशेषकर दक्षिणी, पूर्वी और कुछ मध्यवर्ती क्षेत्र पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार और उसके सहयोगी का नियंत्रण है. इन इलाकों में अदन (Aden) जैसी प्रमुख बंदरगाह और शहर आते हैं.

क्या है फायरिंग स्क्वॉड, कितने देशों में ये प्रचलित

फायरिंग स्क्वॉड वह तरीका है जिसमें मृत्युदंड पाने वाले व्यक्ति को एक निश्चित स्थान पर खड़ा या बैठा दिया जाता है, उसकी आंखों पर पट्टी बांधी जाती है. फिर एक निश्चित दूरी से कई बंदूकधारी (अक्सर 3–5 या उससे अधिक) एक साथ उस पर गोली चलाते हैं. अधिकतर दिल के पास निशाना लगाकर. इसका उद्देश्य त्वरित और निश्चित मृत्यु सुनिश्चित करना होता है.

वर्तमान समय में यह तरीका कुछ देशों में ही प्रचलित है, जैसे यमन, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, उत्तर कोरिया, चीन, अमेरिका (कुछ राज्यों में, जैसे यूटा और दक्षिण कैरोलिना). हालांकि अमेरिका में यह तरीका बहुत कम इस्तेमाल होता है. हाल के वर्षों में कुछ राज्यों ने इसे घातक इंजेक्शन की विफलता की स्थिति में विकल्प के रूप में फिर से लागू किया है.

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