Tariffs War: अगर 50 दिनो में नहीं... अमेरिका ने रूस को दी आखिरी चेतावनी, ट्रंप ने कही ये बड़ी बात

7 hours ago

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को लेकर बड़ा बयान देते हुए धमकी दी है कि यदि यूक्रेन युद्ध 50 दिनों के भीतर नहीं थमता, तो वह रूस पर कड़े टैरिफ लगाएंगे. सोमवार को नाटो महासचिव मार्क रुटे के साथ ओवल ऑफिस में हुई बैठक में ट्रंप ने यह चेतावनी दी.

ट्रंप ने मीडिया के सामने कहा कि अगर 50 दिनों के भीतर यूक्रेन युद्ध पर कोई समझौता नहीं होता, तो हम रूस पर बेहद सख्त टैरिफ लगाने जा रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैं ट्रेड का इस्तेमाल कई चीजों के लिए करता हूं, लेकिन यह युद्ध सुलझाने के लिए बहुत उपयोगी होता है.

ट्रंप के इस बयान ने ग्लोबल पॉलिटिक्स और बिजनेस रिलेशन्स में हलचल मचा दी है. हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह टैरिफ किस तरह से लागू किए जाएंगे या किन सेक्टर्स को प्रभावित करेंगे. लेकिन उन्होंने इशारा दिया कि रूस पर आर्थिक दबाव बनाना उनकी स्ट्रेटेजी का हिस्सा रहेगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप के इस बयान से रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ेगा. इससे पहले भी अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई बैन लगाए हैं, लेकिन युद्ध अब तक थमा नहीं है.

रूस यूक्रेन युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से जारी युद्ध ने अब तक हजारों जानें ली हैं और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं. अमेरिका की मौजूदा बाइडेन सरकार कूटनीतिक और सैन्य सहयोग के जरिए यूक्रेन का समर्थन कर रही है. वहीं ट्रंप का यह बयान दिखाता है कि यदि वह दोबारा सत्ता में आते हैं तो वह व्यापारिक दंड के जरिए रूस पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाएंगे.

अमेरिका के एक्स्ट्रा टैरिफ से नहीं डरेगा भारत!
अमेरिका द्वारा भारत समेत BRICS देशों पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की संभावित चेतावनी के बीच, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिसर्च रिपोर्ट का कहना है कि अगर भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौता वैसा नहीं होता जैसा उम्मीद की जा रही है और भारत पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ भी लगाया जाता है, तब भी भारत के पास अपने निर्यात को बढ़ाने और ग्लोबल ट्रेड में नए अवसर तलाशने के पर्याप्त रास्ते हैं.

SBI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब ऐसे मुकाम पर है जहां वह अमेरिका और एशिया के प्रभावित बाजारों में केमिकल्स, वस्त्र, कृषि उत्पाद और प्रोसेस्ड फूड जैसे सेक्टर्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है. रिपोर्ट कहती है कि भारत के पास लचीलापन और क्षेत्रीय क्षमता है जिससे वह ग्लोबल टैरिफ झटकों को अवसर में बदल सकता है.

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