Agency:एजेंसियां
Last Updated:July 14, 2025, 17:42 IST
Supreme Court on Freedom of Speech: वजाहत खान की याचिका पर सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को बोलने की आजादी का सम्मान करना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ेगा.

सुप्रीम कोर्ट
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर बोलने में संयम की बात कही.वजाहत खान के पुराने ट्वीट्स पर कार्रवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की.कोर्ट ने चेताया- अगर नागरिक नहीं संभलेंगे तो सरकार दखल देगी.नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फ्रीडम ऑफ स्पीच से जुड़े एक मामले पर अहम टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि बोलने की आजादी जरूर है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कोई कुछ भी कह दे. हर इंसान को अपनी ज़ुबान और अपने शब्दों पर काबू रखना सीखना चाहिए, खासकर सोशल मीडिया पर.
दरअसल, ये मामला वजाहत खान से जुड़ा है, जिन्होंने पहले सोशल मीडिया पर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत की थी. लेकिन जब उनके खुद के पुराने ट्वीट्स सामने आए, तो उनके ऊपर भी कई राज्यों में केस दर्ज हो गए. अब वजाहत खान ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अलग-अलग राज्यों में चल रहे केसों को एक जगह कर दिया जाए या खत्म कर दिया जाए.
क्यों दोहराई वही गलती?- कोर्ट ने लगाई फटकार
वजाहत खान के वकील ने कहा कि उन्होंने जो ट्वीट किए, वो सिर्फ एक प्रतिक्रिया थी, लेकिन कोर्ट ने साफ पूछा- आपने वही गलती दोबारा क्यों की? अदालत को बताया गया कि उन्होंने कामाख्या देवी की पूजा करने वालों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले जिम्मेदारी जरूरी है.
आजादी का गलत इस्तेमाल बढ़ रहा है
जजों ने कहा कि कई बार लोग सोचते हैं कि सोशल मीडिया पर कुछ भी कह देने की आजादी है, लेकिन जब उसका गलत इस्तेमाल होता है, तो बात कोर्ट तक पहुंच जाती है. इससे अदालतों पर दबाव बढ़ता है. पुलिस का भी असली मामलों से ध्यान हट जाता है. कोर्ट ने आगे कहा कि अगर लोग अपनी बातों पर कंट्रोल नहीं रखेंगे तो फिर सरकार को बीच में आना पड़ेगा. और कोई नहीं चाहता कि सरकार हर बार टोकती रहे. जज ने यह भी जोड़ा कि अगर समाज में आपसी भाईचारा और समझ बनी रहे, तो इस तरह की नफरत वाली बातें कम हो जाएंगी.
फिलहाल राहत, लेकिन मामला अभी खत्म नहीं हुआ
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने वजाहत खान को राहत दी है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया है कि ये मामला सिर्फ एक शख्स तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों की जिम्मेदारी और सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल से जुड़ा बड़ा मुद्दा है.
Location :
New Delhi,Delhi