Last Updated:October 18, 2025, 08:22 IST
Gujarat Mosque News: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के अहमदाबाद में बनी 400 साल पुरानी मंचा मस्जिद पर बुलडोजर चलाने का रास्ता साफ कर दिया है. यह मस्जिद लगभग 400 साल पुरानी है. माना जाता है कि इसे मुगल काल में बनवाया गया था.

गुजरात की 400 साल पुरानी मंचा मस्जिद पर बुलडोजर चलाने का रास्ता सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है. शीर्ष अदालत ने अहमदाबाद में सड़क चौड़ीकरण के लिए मस्जिद परिसर के एक हिस्से को तोड़े जाने की इजाजत देने वाले गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कदम जनता की भलाई के लिए उठाया गया है और इसमें किसी के धार्मिक अधिकारों का हनन नहीं होता.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में केवल मस्जिद के पास की खाली जमीन और प्लेटफॉर्म का हिस्सा हटाया जा रहा है, जबकि मस्जिद की मूल संरचना पूरी तरह सुरक्षित रहेगी. अदालत ने यह भी साफ किया कि यह मामला धार्मिक स्वतंत्रता से नहीं, बल्कि संपत्ति के अधिकार और मुआवजे से जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, ‘अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) यहां लागू नहीं होता. यहां बात संपत्ति के अधिकार की है. यह कार्रवाई जनता के हित में है और पूरे शहर के लिए लाभकारी है.’
मस्जिद के वकील ने क्या दी दलील
वहीं मंचा मस्जिद ट्रस्ट की ओर से पेश वकील वारिशा फरासत ने दलील दी कि नगर निगम के आदेश में सार्वजनिक हित का कोई जिक्र नहीं किया गया था और यह आदेश मनमाना है. उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत है, इसलिए उस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई वक्फ अधिनियम के दायरे में आए बिना नहीं की जा सकती.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट की इन दलीलों को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि यह तय करना कि यह संपत्ति वक्फ है या नहीं, अब आगे की प्रक्रिया में मुआवजे के दायरे में तय किया जा सकता है.
400 साल पुरानी मस्जिद का इतिहास
इस फैसले के साथ ही गुजरात हाईकोर्ट का सितंबर में दिया गया आदेश बरकरार रहेगा, जिसमें अहमदाबाद नगर निगम (AMC) के नोटिस पर रोक लगाने से इनकार किया गया था. यह नोटिस सरसपुर इलाके में मस्जिद परिसर के एक हिस्से को खाली कराने के लिए जारी किया गया था, ताकि सड़क चौड़ीकरण का काम आगे बढ़ सके.
यह मंचा मस्जिद लगभग 400 साल पुरानी है और मुगल काल में बनवाई गई मानी जाती है. यह मस्जिद स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मस्जिद का मुख्य ढांचा तो सुरक्षित रहेगा, लेकिन परिसर के कुछ हिस्सों पर अब बुलडोजर चलाया जाएगा, ताकि अहमदाबाद शहर के लिए सड़क चौड़ीकरण परियोजना को पूरा किया जा सके.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 18, 2025, 08:22 IST