Last Updated:October 18, 2025, 11:51 IST
Bablu Srivastava Murder Case: हाजीपुर की जिला अदालत ने पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और पूर्व सांसद सुरज भान सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. यह मामला 13 जून 1998 का है. बबलू श्रीवास्तव खुद एक कुख्यात गैंगस्टर था और भुटकन शुक्ला हत्याकांड में आरोपी था. इस हत्याकांड ने बिहार को हिलाकर रख दिया था.

बिहार की राजनीति और अपराध की दुनिया में बबलू श्रीवास्तव हत्याकांड एक ऐसा नाम है, जिसने 90 के दशक के अंत में पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था. यह वही दौर था जब अपराध, राजनीति और सत्ता की तिकड़ी बिहार की हकीकत बन चुकी थी. इस केस में एक बड़ा मोड़ तब आया जब शुक्रवार को हाजीपुर की एक जिला अदालत ने पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और पूर्व सांसद सुरज भान सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
यह फैसला उस समय आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज है और ऐसे में इस केस का राजनीतिक असर भी कम नहीं माना जा रहा.
जब गोलियों की बौछार में गिरा बबलू श्रीवास्तव
यह मामला 13 जून 1998 का है. बबलू श्रीवास्तव खुद एक कुख्यात गैंगस्टर था और भुटकन शुक्ला हत्याकांड में आरोपी था. उस दिन हाजीपुर जेल से मुजफ्फरपुर कोर्ट में पेशी के लिए लाया जा रहा था. रास्ते में वैशाली जिले के पटेढ़ा गांव के पास पुलिस वैन पर अज्ञात हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया.
हमलावरों ने पुलिस वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें बबलू श्रीवास्तव की मौके पर ही मौत हो गई. इसके साथ ही वैन में मौजूद तीन पुलिसकर्मी भी मारे गए. उस समय इस वारदात ने बिहार पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे और पूरे प्रदेश में सनसनी मच गई थी.
बदले की आग में रची गई साजिश?
इस केस में पुलिस ने बाद में मुन्ना शुक्ला और पूर्व सांसद सुरज भान सिंह को मुख्य आरोपी बनाया. पुलिस का आरोप था कि यह हत्या किसी सामान्य गैंगवार का हिस्सा नहीं थी, बल्कि भुटकुन शुक्ला की हत्या का बदला लेने के लिए की गई एक योजनाबद्ध साजिश थी.
भुटकुन शुक्ला मुन्ना शुक्ला के बड़े भाई थे. 1994 में उसकी हत्या कर दी गई थी. उस हत्याकांड में बबलू श्रीवास्तव का नाम सामने आया था. पुलिस के मुताबिक, मुन्ना शुक्ला ने अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए बबलू श्रीवास्तव की हत्या करवाई.
लंबी चली कानूनी लड़ाई
घटना के बाद केस कई सालों तक अदालत में चलता रहा. शुरुआती जांच में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन प्रत्यक्ष गवाहों के मुकरने और सबूतों की कमी के कारण मामला धीरे-धीरे कमजोर पड़ता गया.
2005 में अदालत ने मुन्ना शुक्ला और सुरज भान सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. हालांकि दोनों ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में अपील की.
अब हाजीपुर की जिला अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि दोनों ही आरोपी हत्या की साजिश में शामिल थे. इसलिए दोनों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.
बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड से भी जुड़ा नाम
दिलचस्प बात यह है कि मुन्ना शुक्ला और सुरज भान सिंह का नाम एक और हाई-प्रोफाइल बिहार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड से भी जुड़ा है. 13 जून 1998 को ही, यानी बबलू श्रीवास्तव की हत्या वाले दिन पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (IGIMS) में मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इस हत्या में उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का नाम सामने आया था, जो मुन्ना शुक्ला के करीबी माने जाते थे. इस मामले में भी अदालत ने मुन्ना शुक्ला और सुरज भान सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे वे अब भी काट रहे हैं.
इस फैसले के बाद दोनों नेताओं के परिवारों में राहत की लहर है. मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को हाल ही में राजद ने लालगंज सीट से उम्मीदवार बनाया है, जबकि सुरज भान सिंह की पत्नी वीणा देवी मोकामा से मैदान में हैं और वहां उनका मुकाबला बाहुबली नेता अनंत सिंह से होना है.
सियासत और अपराध का संगम
बबलू श्रीवास्तव हत्याकांड केवल एक आपराधिक मामला नहीं था. यह उस दौर की राजनीति का आईना था, जब अपराधियों और नेताओं के बीच की रेखा धुंधली पड़ चुकी थी. अदालत का यह फैसला जहां कानूनी प्रक्रिया का एक हिस्सा है, वहीं यह बिहार की राजनीति में अपराध और सत्ता के जटिल रिश्ते को एक बार फिर उजागर करता है.
28 साल पुराने इस हत्याकांड में बरी होना भले ही मुन्ना शुक्ला और सुरज भान सिंह के लिए राहत की खबर हो, लेकिन यह बिहार के न्यायिक और राजनीतिक तंत्र के कई अनसुलझे सवाल भी छोड़ जाता है.
बबलू श्रीवास्तव हत्याकांड अब इतिहास बन चुका है, लेकिन इस केस की परछाई अब भी बिहार की राजनीति पर मौजूद है, जहां अपराध, बदला और सत्ता की कहानियां अब भी एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हैं.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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First Published :
October 18, 2025, 11:50 IST