Last Updated:October 18, 2025, 11:34 IST
Viral Post: सोशल मीडिया पर एक इंजीनियर का पोस्ट वायरल हो रहा है. इस शख्स को पहले 5000 रुपये मासिक सैलरी मिलती थी, जोकि अब बढ़कर 46 लाख रुपये सालाना हो गई है.

नई दिल्ली (Viral Post). सक्सेस स्टोरी सिर्फ किस्मत से नहीं लिखी जातीं, बल्कि मेहनत, पक्के इरादे और अपनों के त्याग से रची जाती हैं. बेंगलुरु के टेक इंजीनियर दिनेश की कहानी भी ऐसी ही है. उन्होंने साबित कर दिया कि अगर सीखने की लगन हो और आप चुनौतियों से नहीं डरते तो गरीबी भी आपके बड़े सपनों के आड़े नहीं आ सकती. दिनेश ने ₹5,000 महीने की सैलरी के साथ करियर शुरू किया था. लेकिन आज वह उसी कंपनी में इंजीनियरिंग मैनेजर हैं और उनका सालाना पैकेज 48 लाख रुपये है.
दिनेश की जीत उनकी मां के अटूट विश्वास और बहुत बड़े त्याग की कहानी है. दिनेश का जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ था. उनके माता-पिता खेतों में मजदूरी करते थे. घर में हमेशा पैसों की तंगी रहती थी. हालात इतने बुरे थे कि जब दिनेश सिर्फ 7 साल के थे तो उनके माता-पिता उन्हें और उनके बड़े भाई को गांव में छोड़कर अच्छी नौकरी की तलाश में बेंगलुरु चले गए थे. वहां उनकी मां दिनभर कई घरों में काम करती थीं. फिर शाम को कपड़े की फैक्ट्री में सिलाई का काम करती थीं. उनका लक्ष्य अपने बच्चों को बेहतर जिंदगी देना था.
माता-पिता ने परिवार के लिए लिया कठिन फैसला
गरीब परिवार में जन्मे दिनेश का बचपन बहुत मुश्किलों से भरा था. उनके माता-पिता को पेट पालने के लिए खेतिहर मजदूर का काम करना पड़ता था. जब वे उन्हें गांव में छोड़कर बेंगलुरु गए तो यह फैसला उनके लिए बहुत दर्द भरा था. मां ने बेंगलुरु में दिन-रात मेहनत की, जिससे बच्चों को पढ़ाया जा सके और उनका भविष्य सुधर सके. उनका यह त्याग ही दिनेश के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा बन गया.
मुफ्त हॉस्टल से मिली मदद
10वीं पास करने के बाद दिनेश के सामने पढ़ाई जारी रखने की बड़ी चुनौती थी. पैसों की तंगी के कारण उन्होंने हायर एजुकेशन के लिए सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज चुना. इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि वहां हॉस्टल बिल्कुल मुफ्त था. भले ही यह कॉलेज उनकी पहली पसंद नहीं था, लेकिन उन्होंने इसे जीवन का एक मौका माना. दिनेश ने यहां जी-तोड़ मेहनत की और जल्दी ही क्लास के सबसे होशियार छात्रों (टॉपरों) में गिने जाने लगे. यह उनकी जिंदगी का पहला बड़ा मोड़ साबित हुआ.
भाई ने की इंजीनियरिंग में मदद
पॉलिटेक्निक में अच्छा करने के बाद दिनेश ने इंजीनियरिंग (बी.टेक) करने का मन बनाया. तब तक उनके बड़े भाई को पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में अच्छी नौकरी मिल चुकी थी. भाई के हौसले और आर्थिक मदद से दिनेश ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी की. परिवार के सपोर्ट और अपनी मेहनत से दिनेश ने उच्च शिक्षा का सपना पूरा किया.
पहली सैलरी थी 5000 रुपये
इंजीनियरिंग की डिग्री मिलते ही दिनेश को बेंगलुरु की एक कंपनी में जूनियर वेब डेवलपर की नौकरी मिल गई. उनकी शुरुआती तनख्वाह केवल ₹5,000 महीना थी. सैलरी बहुत कम थी, लेकिन दिनेश में वेब डेवलपमेंट और कोडिंग सीखने का जोश बहुत ज्यादा था. उन्होंने कम सैलरी की परवाह न करते हुए अपने हुनर को लगातार बेहतर बनाया.
उसी कंपनी में बन गए मैनेजर
दिनेश की सीखने की ललक, पक्के इरादे और जबरदस्त मेहनत ने उन्हें आगे बढ़ाया. आज वह उसी कंपनी में एक बड़े पद पर यानी इंजीनियरिंग मैनेजर के तौर पर काम कर रहे हैं. उनका सालाना पैकेज ₹48 लाख रुपये है. इस सफलता से उन्होंने अपने गांव में 5 एकड़ जमीन खरीदी और एक कार भी ली है. दिनेश की यह कहानी सिर्फ एक नौकरी की कहानी नहीं है, बल्कि धैर्य, जुनून और मां के त्याग की शक्ति भी दर्शाती है.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...
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First Published :
October 18, 2025, 11:34 IST