नीला पड़ा चेहरा... जवान ने किया ऐसा चमत्‍कार, टग गई 8 माह के बच्‍चे की बला

9 hours ago

Last Updated:October 18, 2025, 12:10 IST

Indian Army Soldier Saved Child's life: राजधानी एक्सप्रेस में 13 अक्टूबर को सेना के सिपाही सुनील ने सीपीआर देकर 8 महीने के मासूम की जान बचाई है. इस बहादुरी और इंसानियत की मिसाल ने पूरे सफर के यात्रियों को भावुक कर दिया.

नीला पड़ा चेहरा... जवान ने किया ऐसा चमत्‍कार, टग गई 8 माह के बच्‍चे की बला

Indian Army Soldier Saved Child’s life: कहते हैं, सच्चा हीरो वही होता है जो बिना किसी उम्मीद के दूसरों की मदद करे. कुछ ऐसा ही कर दिखाया भारतीय सेना के सिपाही सुनील ने. दरअसल, यह मामला 13 अक्टूबर को डिब्रूगढ़ जा रही राजधानी एक्‍सप्रेस का है. इस ट्रेन के बी-4 कोच में सफर कर रहे पैसेंजर्स में एक पैसेंजर भारतीय सेना के 456 फील्ड हॉस्पिटल में बतौर एम्बुलेंस असिस्टेंट तैनात सिपाही सुनील भी थे.

उस दिन, शाम के करीब 4:30 बजे रहे होंगे. अचानक एक महिला अपने बच्‍चे के नाम जोर-जोर से पुकारते हुए रोने लगी. महिला की आवाज सुनने के बाद सिपाही सुनील खुद को रोक नहीं सके. वह फौरन उस महिला की सीट के पास पहुंच गए. वहां पहुंचकर उन्‍होंने देखा कि एक आठ महीने का बच्चा अपनी मां की गोद में बेसुध लेटा हुआ था. उसका चेहरा लगभग नीला पड़ चुका था और वह सांस भी नहीं ले रहा था.

बच्‍चे की यह हालत देख मां बेहद घबरा कर गई थी. वह चीख-चीख कर लोगों से मदद की गुहार लगा रही थी. कुछ ही मिनटों के बाद सदमें में आई बच्‍चे की मां भी बेहोश हो गई. ऐसी स्थिति में मौके पर मौजूद किसी भी पैसेंजर को कुछ समझ नहीं आ रहा था. ट्रेन में लगभग अफरा-तफरी का माहौल बच चुका था. बच्‍चे की यह हालत देख सिपाही सुनील हरकत में आ गए. उन्होंने बच्चे को अपनी गोद में लिया और उसको चेक करना शुरू कर दिया.

बच्‍चे की ना नब्ज थी और ना ही सांस. लेकिन सुनील ने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने बच्चे को सीट पर लिटाया और तुरंत पेडियाट्रिक कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) शुरू कर दिया. चूं‍कि सीपीआर महज 8 माह के बच्‍चे को दिया जाना था. ऐसे में, हथेलियों से चेस्‍ट को प्रेशर देना आसान नहीं था. लिहाजा, उन्‍होंने बच्चे को सीपीआर देने के लिए टू-फिंगर चेस्ट कंप्रेशन टेक्नीक का इस्‍तेमाल किया और माउथ-टू-माउथ ब्रीदिंग दी.

दो राउंड सीपीआर देने के बाद बच्चे में हल्की-सी हलचल हुई. उसकी सांसें लौटने लगीं और चेहरा धीरे-धीरे सामान्य होने लगा. ये देखकर वहां मौजूद हर शख्स की जान में जान आई. अब तक होश में आ चुकी बच्चे की मां ने सिपाही सुनील के पैर पकड़कर रोने लगी. बाकी यात्री भी सुनील की तारीफ करने लगे. लेकिन सुनील का काम यहीं खत्म नहीं हुआ था. उन्होंने तुरंत ट्रेन स्टाफ और रेलवे पुलिस से बात की और बच्चे को अगले स्टेशन, रंगिया, पर मेडिकल हेल्प दिलाने का इंतजाम किया.

सुनील ने सुनिश्चित किया कि बच्चे को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए, ताकि उसकी हालत स्थिर हो सके. उनकी इस प्रोफेशनल अप्रोच और कूल-हेडेडनेस ने हर किसी को हैरान कर दिया.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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First Published :

October 18, 2025, 12:10 IST

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