दिवाली को लेकर सिक्‍योरिटी टाइट, 26,000 पुलिसवालों की तैनाती

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Last Updated:October 18, 2025, 10:58 IST

Today Live: समाज के विभिन्‍न तबकों की मदद के लिए देशभर में हजारों की तादाद में एनजीओ यानी गैर सरकारी संस्‍थाएं काम कर रही हैं. ये ठीक तरह से काम कर सकें और किसी तरह का घालमेल न हो सके, इसको लेकर म...और पढ़ें

दिवाली को लेकर सिक्‍योरिटी टाइट,  26,000 पुलिसवालों की तैनाती

दिवाली को देखते हुए तमिलनाडु में हजारों पुलिसवालों की तैनाती की गई है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

Today Live: तमिलनाडु पुलिस और फायर ब्रिगेड एवं बचाव सेवा विभाग ने त्योहारों की भीड़ से पहले राज्य भर में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं. सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 26,000 से अधिक पुलिसकर्मियों का संयुक्त बल तैनात किया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, लगभग 18,000 पुलिसकर्मियों को प्रमुख व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जिनमें कानून-व्यवस्था, अपराध, यातायात, सशस्त्र रिजर्व, विशेष पुलिस और होमगार्ड विंग के अधिकारी शामिल हैं. यह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था 22 अक्टूबर तक पूरे दीपावली उत्सव की अवधि तक लागू रहेगी. चेन्नई में पुलिस ने भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए 16 अस्थायी निगरानी टावर लगाए हैं. इसके अलावा रियल टाइम मॉनिटरिंग और क्राउड मैनेजमेंट में समन्वय के लिए अस्‍थायी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं.

त्योहारों के दौरान होने वाले छोटे-मोटे अपराधों से निपटने के लिए भीड़-भाड़ वाले बाजारों और शॉपिंग ज़ोन में जेबकतरों और आदतन अपराधियों पर नजर रखने के लिए सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. शहर की पुलिस ने सुरक्षा निगरानी को मज़बूत भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन निगरानी और चेहरा पहचानने वाली प्रणालियां भी शुरू की हैं. तमिलनाडु अग्निशमन एवं बचाव सेवा विभाग ने चेन्नई शहर की सीमा में 43 दमकल केंद्रों सहित पूरे राज्य में 8,000 अग्निशमन कर्मियों को तैनात किया है. एहतियात के तौर पर राजधानी के महत्वपूर्ण स्थानों पर 24 अतिरिक्त दमकल गाड़ियां और 50 मेट्रो जल टैंकर तैनात किए गए हैं.

महाराष्‍ट्र में एनजीओ पर सख्‍ती

महाराष्ट्र सरकार ने दिव्‍यांगजनों के कल्‍याण, विकास और पुनर्वास के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और संस्‍थानों के पंजीकरण, निगरानी और नवीनीकरण के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है. यह निर्णय सामाजिक न्याय विभाग के दिव्‍यांग कल्‍याण विभाग द्वारा जारी एक सरकारी संकल्प (जीआर) के माध्‍यम से घोषित किया गया. दिव्‍यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 की धारा 49 से 53 के अनुसार, दिव्‍यांग कल्‍याण और पुनर्वास कार्यों में संलग्‍न सभी संस्‍थाओं के लिए पंजीकरण अनिवार्य है. इस एसओपी का उद्देश्‍य इस क्षेत्र में कार्यरत नागरिक समाज संगठनों के कामकाज में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है. अधिनियम के तहत दिव्‍यांग कल्‍याण आयुक्‍त को सक्षम प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया है.

क्‍या हैं नए दिशानिर्देश

महाराष्‍ट्र सरकार की ओर से लाए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, संस्‍थाओं का पंजीकरण सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, बंबई सार्वजनिक ट्रस्‍ट अधिनियम या कंपनी अधिनियम की धारा 8 के अंतर्गत होना चाहिए. सरकारी संकल्प में कहा गया है कि इन संस्‍थाओं के उद्देश्‍यों में दिव्‍यांगजनों के सशक्तीकरण, प्रशिक्षण, अनुसंधान और पुनर्वास को स्‍पष्‍ट रूप से शामिल होना चाहिए. साथ ही उनके पास पर्याप्‍त स्‍टाफ क्षमता, वित्‍तीय योग्‍यता, सुगम्यता और निर्धारित मानकों का अनुपालन भी होना अनिवार्य है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 18, 2025, 10:58 IST

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