Last Updated:July 18, 2025, 14:42 IST
Nimisha Priya : निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रोक दी गई है. इसमें कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. भारत सरकार ने इस मामले के सवाल के जवाब में कहा कि उनको मुफ्ती मुस्लियार की हस्तक्षेप के बारे में कोई ज...और पढ़ें

निमिषा को आखिर किसने बचाया? भारत सरकार ने क्या दिया जवाब.
Nimisha Priya News: यमन में 16 जुलाई 2025 को होने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को लेकर एक नाटकीय मोड़ आया है. इस घटना ने न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हो रही है कि आखिर 16 जुलाई को निमिषा की फांसी कैसे रोक दी गई. खबरों के अनुसार, निमिषा की फांसी को टालने में कथित तौर पर भारत के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद उर्फ कंथापुरम ए.पी. मुस्लियार की अहम भूमिका रही है. हालांकि, भारतीय सरकार ने इस बात की जानकारी से इनकार कर दिया है.
निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं. उनको 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है. फांसी रोके जाने के बाद इस मामले में अब एक नई उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या वास्तव में ग्रैंड मुफ्ती की दखलंदाजी ने इस फांसी को टालने में मदद की?
सजा वाले दिन टला फांसी
निमिषा प्रिया का मामला 2017 में तब सुर्खियों में आया था. उनपर अपने बिजनेस पार्टनर को नशीला पदार्थ देकर बेहोश करने की कोशिश में हत्या करने का आरोप लगा. घटना के बाद निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और 2020 में यमनी कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई. 2023 में सुप्रीम जुडिशियल काउंसिल ने इस सजा को बरकरार रखा, जिसके बाद 16 जुलाई 2025 को फांसी की तारीख तय की गई. भारतीय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को स्वीकार किया कि यमन के साथ सीमित कूटनीतिक संबंधों के कारण वह इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती. लेकिन, फांसी वाली रात के वक्त एक आश्चर्यजनक घटना घटी और निमिषा की फांसी को टाल दिया गया. लोगों का कहना है कि ग्रैंड मुफ्ती मुस्लियार के हस्तक्षेप से इसे रोका गया.
मुफ्ती मुस्लियार कौन हैं: कैसे निमिषा को बचाया?
शेख अबूबकर अहमद को कंथापुरम ए.पी. मुस्लियार के नाम से जाना जाता है. वह भारत में सुन्नी समुदाय के सबसे प्रभावशाली धार्मिक नेताओं में से एक हैं. 94 वर्षीय यह नेता केरल के कोझिकोड जिले में जन्में हैं. साल 2019 में दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक सम्मेलन में उन्हें ‘ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया’ का सम्मानित खिताब दिया गया. वह ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलमा के महासचिव और मार्काज नॉलेज सिटी के चांसलर हैं. यह एक बड़ा शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्र है. मुस्लियार को इस्लामिक शास्त्रों और शरिया कानून में गहरी जानकारी के लिए जाना जाता है. वे अक्सर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक व्याख्यान देने जाते हैं.
मुस्लियार ने कैसे बचाई निमिषा की जान?
निमिषा की फांसी को टालने के लिए मुस्लियार ने अपनी धार्मिक और सामाजिक पहुंच का इस्तेमाल किया. उन्होंने इसके बाद मुस्लियार ने यमनी सुन्नी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज से संपर्क स्थापित किया. शेख हबीब ने निमिषा के मामले में पीड़ित परिवार से बातचीत शुरू की और शरिया कानून के तहत ‘दियाह’ (खून का मुआवजा) की व्यवस्था का प्रस्ताव रखा. मुस्लियार ने यमनी अधिकारियों से अपील की कि वे पीड़ित परिवार से माफी की संभावना तलाशें. उनकी मध्यस्थता के बाद यमनी अधिकारियों ने फांसी को टालने का फैसला लिया, जिससे निमिषा और उसके परिवार को राहत मिली.
सरकार का रुख और आगे का रास्ता
हालांकि, सरकार ने इस दावे को लेकर अस्पष्टता बरती है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि वे निमिषा के मामले में हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यमन के साथ कूटनीतिक संबंधों की कमी उनके हाथ बांध रही है. दूसरी ओर, मुस्लियार का दावा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को इस विकास के बारे में सूचित किया है. अब सवाल यह है कि क्या पीड़ित परिवार मुआवजे को स्वीकार कर निमिषा को माफ करेगा. निमिषा की मां यमन में हैं और वे भी पीड़ित परिवार से माफी की गुहार लगा रही हैं.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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