Last Updated:October 07, 2025, 18:05 IST
Weather Change In North India: उत्तर भारत में जब लोग नमी और सूरज की तेज तपिश महसूस कर रहे थे, उसी दौरान तीन दिनों से हो रही बारिश ने बदले हुए मौसम का अहसास करा दिया है. क्या ये बारिश ठंड ले आई है

अक्टूबर के पहले हफ्ते के आखिर में उत्तर भारत में अचानक बादल छा गए. फिर कई दिन बारिश के नाम रहे. जिससे मौसम ठंडा हो गया है. यूं भी भारत में मध्य अक्टूबर से ठंड का आगमन माना जाता है. तो क्या ये माना जाए कि कई दिनों की इस बारिश ने ठंड के आने का रास्ता साफ कर दिया है और मौसम में ठंड घुलने लगी है. जानिए मौसम के इस बदलाव में बारिश का क्या रोल है और सूरज की क्या भूमिका है.
वैसे आपको बता दें कि इस बारिश का ठंड जल्दी आने से सीधा संबंध है. क्योंकि इस लगातार बारिश ने तापमान को तब घटाया है जब सूरज भी पृथ्वी से दूरी बढ़ाने लगता है.
सवाल – मौजूदा बारिश और बदल रहे मौसम में ठंड का क्या रिश्ता है?
– करीब करीब समूचे उत्तर भारत में ये बारिश पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई है. इसी वजह से हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी भी हुई है. इससे उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत तेज़ हो सकती है, खासकर जब यह विक्षोभ अधिक सक्रिय और तीव्र हो. पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर के क्षेत्र से ठंडी और नम हवाएं लाकर भारत के उत्तरी क्षेत्रों -जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी कराता है, जिससे तापमान अचानक गिर जाता है और ठंडक जल्दी महसूस होती है.
जब पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है, तो हवाओं में भारी नमी के साथ ठंडी चक्रवातीय शक्तियां होती हैं. हिमालयी क्षेत्रों और उत्तर भारतीय मैदानों में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण तापमान कुछ ही दिनों में 4-6°C तक गिर सकता है. अभी अक्टूबर 2025 में आए विक्षोभ ने पहाड़ों में जल्दी बर्फबारी कराई और बड़े शहरों में भी तापमान गिराया, जिससे आमतौर पर नवंबर में शुरू होने वाली ठंड पहले ही आ गई.
विशेषज्ञों और मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का असर पहले दो-तीन दिन ज्यादा रहता है; इसके बाद तापमान सामान्य गिरावट के साथ और ठंडक बढ़ती है. यदि पश्चिमी विक्षोभ जल्दी और तीव्रता से सक्रिय हो जाए तो क्षेत्र में ठंड का आगमन तेज़ हो जाता है, जो इस बार साफतौर पर दीख रहा है तो ये कह सकते हैं कि उत्तर भारत जो बर्फबारी और बारिश हुई है, उससे ठंड आ चुकी है. ये ठंड महसूस भी होने लगी है, खासकर पहाड़ी इलाकों और उत्तर भारत के मैदानों में.
सवाल – बारिश से वायुमंडल में क्या होता है, जो तापमान गिरने लगता है?
– बारिश के बाद वायुमंडल में नमी बढ़ जाती है, जिससे तापमान गिरता है और ठंड महसूस होती है. साथ ही, बारिश के समय बादल सूर्य की किरणों को रोकते हैं, जिससे धरती को कम गर्मी मिलती है. तापमान जल्दी गिरने लगता है. बारिश के ठंडे पानी और तेज हवाओं की वजह से भी ठंडक बढ़ जाती है.
सवाल – भारत में ठंड कैसे आती है और इसमें सूरज की क्या भूमिका होती है?
– पृथ्वी अपनी धुरी पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है. इस झुकाव की वजह से साल के अलग-अलग समय पर सूरज की किरणें पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों पर अलग कोण से पड़ती हैं.
गर्मी के समय यानि मई-जून में सूर्य की किरणें भारत पर करीब सीधी पड़ती हैं, सूर्य सीधे कर्क रेखा से नीचे असर डालता है. इससे तापमान बढ़ता है. सर्दी के समय यानि दिसंबर-जनवरी के समय पृथ्वी ऐसी स्थिति में होती है कि सूर्य की सीधी किरणें मकर रेखा यानी दक्षिणी गोलार्ध में जाती हैं. इस बार ये स्थिति पहले आती हुई लग रही है. मध्य अक्टूबर के बाद भारत पर सूर्य की किरणें तिरछे कोण से पड़ती हैं. ऊर्जा कम मिलती है. वातावरण ठंडा हो जाता है.
फिर इन महीनों में रातें बड़ी और दिन छोटे हो जाते हैं. इसका मतलब ये है कि धरती को कम सौर ऊर्जा मिलती है. इससे धरती और हवा दोनों का तापमान घटने लगता है.
सवाल – ठंड के मौसम में सूरज और हिमालयन हवाओं का रिश्ता क्या रहता है, जो ठंड को बढ़ाता है?
– जब उत्तर भारत में सूरज की गर्मी घट जाती है, तब हिमालय के पार से आने वाली ठंडी, शुष्क हवाएं जिन्हें साइबेरियन हवाएं भी कहते हैं, वो सीधे नीचे उतरने लगती हैं. फिर ये हवाएं पूरे उत्तर भारत, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार तक फैल जाती हैं. हवा का तापमान गिरता है, सुबह-शाम को कोहरा और ठिठुरन बढ़ जाती है.
सवाल – ठंड का मौसम भारत में कब आधिकारिक तौर पर शुरू होता है?
– भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, असली सर्दी का मौसम दिसंबर से फरवरी तक माना जाता है. मानसून का जाना या शरद ऋतु सितंबर से नवंबर तक चलती है. अक्टूबर की ठंडक असल में “शरद ऋतु” का संकेत है, न कि पूरी तरह “सर्दी” का. हालांकि, उत्तर भारत में सुबह-शाम की ठंडक इतनी तेज़ हो जाती है कि ये मिनी जाड़ा जैसा महसूस होने लगता है.
सवाल – अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से तापमान गिरने की क्या वैज्ञानिक वजहें मानी जाती हैं?
– अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से तापमान गिरने की ये वैज्ञानिक वजहें हैं
– सूर्य का कोण कर्क रेखा से हटकर दक्षिण की ओर झुक जाता है और किरणें सीधी नहीं आकर तिरछी पड़ने लगती हैं.
– साफ़ आसमान होने के कारण रात में ऊष्मा का बाहर निकलने से ठंड बढ़ने लगती है.
– उत्तर की ओर से हिमालयी इलाकों से ठंडी, शुष्क हवा नीचे उतरने लगती है.
Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
October 07, 2025, 18:04 IST