Last Updated:November 07, 2025, 13:37 IST
Delhi IGI Airport AMSS Glitch: दिल्ली के IGI एयरपोर्ट के एएमएसएस सिस्टम में आई तकनीकी खराबी की वजह से 150 से ज्यादा फ्लाइट्स डिले हो गई. क्या होता है एएमएसएस और कैसे करता है काम, आइये यहां जानें सबकुछ.
Delhi IGI Airport AMSS Glitch: शुक्रवार की सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुछ ऐसा हुआ, जिसने हजारों यात्रियों की परेशानियां बढ़ा दीं. एयरपोर्ट पर हालात यहां तक बिगड़ गए कि जमीन से लेकर आसमान तक फ्लाइट्स की कतारें लग गईं. इस अफरा-तफरी की असल वजह थी एक ऐसा टेक्निकल ग्लिच, जिसके नाम और काम से आप वाकिफ नहीं होंगे.
दरअसल, शुक्रवार सुबह एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के जिस सिस्टम में खराबी आई, उसे ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम यानी एएमएसएस (AMSS) के नाम से जाना जाता है. यह वही सिस्टम है जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए फ्लाइट प्लान, एराइवल-डिपार्चर डेटा और मौसम की स्थति जैसी जरूरी जानकारियों को एयरलाइंस, पायलट सहित दूसरी एजेंसियों को ऑटोमैटिकली भेजता है.
शुक्रवार सुबह एटीसी ने ने पाया कि एएमएसएस सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है. कुछ देर के बाद इस सिस्टम ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया. जिसके बाद, पूरे एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया फ्लाइट ऑपरेशन से जुड़े सभी डाटा मैनुअली शेयर किए जाने लगे. बस यही से शुरू हो गई डिले की कहानी. एटीसी टॉवर से एक-एक फ्लाइट की जानकारी मैन्युअली प्रोसेस किया जा रहा था.
नतीजा ये हुआ कि उड़ानें देर से क्लियर हुईं, टेकऑफ स्लॉट्स खिसक गए और रनवे पर लंबी कतारें लग गईं. एयरपोर्ट सोर्सेज के अनुसार, एएमएसएस सिस्टम में आई तकनीकी खराबी की वजह से शुक्रवार सुबह करीब 150 फ्लाइट्स डिले में फंस गईं और अपने निर्धारित समय पर उड़ान नहीं भर पाई. इस तकनीकी खामी को दूर करने में एएआई, डायल के साथ दूसरी एक्सपर्ट टीमें लगी हुई हैं.
आखिर AMSS होता क्या है?
ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम एक कंप्यूटर-बेस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम है, जो दुनिया भर के एयरपोर्ट्स में फ्लाइट ऑपरेशन से जुड़े कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसी सिस्टम के जरिए एयरपोर्ट, एटीसी, एयरलाइंस, मौसम विभाग और पायलट आपस में कम्युनिकेशन करती है. एएमएसएस के जरिए ही एयरपोर्ट्स और एटीसी स्टेशन्स के बीच जरूरी एविएशन मैसेजे ट्रांसफर किए जाते हैं.
एविएशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, एएमएसएस ‘स्टोर एंड फॉरवर्ड’ टेक्नोलॉजी पर काम करता है. यानि जब भी फ्लाइट के प्लान, ऑपरेशन या अपडेट जुड़ा कोई मैसेज भेजे जाते हैं, उसे पहले एएमएसएस रिसीव करता है. इसके बाद, एएमएसएस ही तय करता है कि यह मैसेज किस-किस को कब भेजना है. निर्धारित समय पर यह सिस्टम मैसेज को सही जगह तक पहुंचा देता है. अगर नेटवर्क या सिस्टम व्यस्त हो, तो मैसेज कुछ देर के लिए स्टोर रहता है और बाद में अपने आप डिलीवर हो जाता है.
कैसे काम करता है ये सिस्टम?
एयरलाइंस, एटीसी, मौसम विभाग या अन्य एविएशन सर्विसेज से जुड़ी एजेंसियां फ्लाइट ऑपरेशन से जुड़े मैसेज तैयार कर एएमएसएस सिस्टम में डाल देती है. मैसेज मिलने के बाद एएमएसएस सिस्टम तय करता है कि इस संदेश को किस एटीसी सेंटर या एयरलाइन ऑपरेशन हब तक भेजना है. अगर गंतव्य सिस्टम उस वक्त बिजी है, तो एएमएसएस उसे अस्थायी रूप से स्टोर कर देता है और मौका मिलते ही फॉरवर्ड कर देता है. एएमएसएस की मदद से ही एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट रीयल-टाइम (Real-Time) में बिना किसी देरी के ऑपरेट किया जाता है.क्या है फ्लाइट ऑपरेशन में एएमएसएस का रोल?
एएमएसएस एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए उतना ही जरूरी है जितना इंजन किसी विमान के लिए. यही सिस्टम तय करता है कि कौन सी फ्लाइट कब टेकऑफ करेगी और कौन सी फ्लाइट किस दिशा से लैंडिंग करेगी. इसी सिस्टम के जरिए एयरपोर्ट पर एटीसी और एओसीसी को पता चला है किस रूट और डायरेक्शन में एयर ट्रैफिक ज्यादा है. फ्लाइट प्लान्स तैयार करने के साथ क्लियरेंसेज भी इसी सिस्टम से किए जाते हैं.
एटीसी कंट्रोलर को रीयल-टाइम इंफॉर्मेशन एएमएसएस से ही मिलती है, जिससे वह आसमान में दो फ्लाइट के बीच सेफ डिस्टेंस बनाए रख पाते हैं. वेदर और इमरजेंसी अपडेट्स भी इसी सिस्टम के जरिए सभी स्टेकहोल्डर्स तक पहुंचाए जाते हैं. अगर यह सिस्टम डाउन हो जाए तो फिर कंट्रोलरों को सब कुछ मैन्युअली करना पड़ता है. दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर आज यही हुआ है.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...
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First Published :
November 07, 2025, 13:06 IST

3 hours ago
