Last Updated:August 02, 2025, 15:18 IST
Rahul Gandhi News: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कृषि कानून को लेकर ऐसा दावा किया है, जिससे फिर विवाद पैदा हो गया है. यह मामला दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेट...और पढ़ें

Rahul Gandhi News: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों लगातार सुर्खियों में चल रहे हैं. बिहार में वोटर लिस्ट के संशोधन (SIR) से लेकर पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर तक के मुद्दे पर राहुल गांधी के बयानों ने अखबारों की हेडलाइन बनाई. अब एक बार फिर से उन्होंने ऐसा दावा किया है, जिसपर राजनीतिक विवाद होना तय माना जा रहा है. दरअसल, राहुल गांधी ने कहा कि जब वे कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे, तब उन्हें धमकाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली को भेजा गया था. दिलचस्प बात यह है कि कृषि कानून 2020 में अमल में आया था, जबकि अरुण जेटली का निधन साल 2019 में ही हो गया था. राहुल गांधी के इस दावे पर बीजेपी और अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने इसपर सवाल उठाए हैं.
सालाना लीगल कॉन्क्लेव-2025 में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने मुझसे कहा था कि अगर आप सरकार का विरोध करते रहे और कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ते रहे, तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी. तब मैंने उनकी तरफ देखा और कहा कि मुझे नहीं लगता कि आपको पता है कि आप किससे बात कर रहे हैं…’ बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था. साल 2021 में इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की गई थी.
अरुण जेटली के बेटे का राहुल को जवाब
राहुल गांधी के दावे की हवा खुद दिवंगत अरुण जेटली बेटे रोहन जेटली ने निकाल दी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘राहुल गांधी अब दावा कर रहे हैं कि मेरे दिवंगत पिता अरुण जेटली ने उन्हें कृषि कानूनों को लेकर धमकाया था. मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ था. कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता का स्वभाव किसी को भी विरोधी विचार के लिए धमकाना नहीं था. वह एक कट्टर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे. अगर कभी ऐसी स्थिति आती भी (जैसा कि राजनीति में अक्सर होता है) तो वे सभी के लिए एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए स्वतंत्र और खुली चर्चा का आह्वान करते थे. वह बस ऐसे ही थे और आज भी उनकी यही विरासत है. मैं राहुल गांधी की इस बात के लिए सराहना करूंगा कि वे उन लोगों के बारे में बोलते समय सचेत रहें जो हमारे साथ नहीं हैं. उन्होंने मनोहर पर्रिकर के साथ भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की थी (उनके अंतिम दिनों का राजनीतिकरण किया) जो उतना ही घटिया था…दिवंगत आत्मा को शांति मिले.’
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 02, 2025, 15:18 IST