कार पर ₹80, बस पर 140... अब उत्तराखंड में प्रवेश से पहले भरना होगा 'ग्रीन सेस'

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Last Updated:October 27, 2025, 16:28 IST

Uttarakhand Green Cess: उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जहां बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस वसूला जाएगा. दिसंबर से लागू होने वाली इस व्यवस्था से राज्य को हर साल लगभग 100 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.

कार पर ₹80, बस पर 140... अब उत्तराखंड में प्रवेश से पहले भरना होगा 'ग्रीन सेस'

Uttarakhand Green Cess: क्या आप भी यूपी-दिल्ली-एनसीआर या फिर किसी अन्य राज्य में रहते हैं और दिसंबर में उत्तराखंड जाने का प्लान बना रहे हैं, यह खबर आपके लिए बेहद खास है. दरअसल, दिसंबर 2025 से उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने पर आपको ग्रीन सेस (Green Cess) देना होगा. जी हां… राज्य सरकार अब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है.

इसके तहत बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों को अब राज्य में प्रवेश के लिए ग्रीन सेस देना होगा. राज्य स्थापना के 25 साल पूरे होने पर उत्तराखंड ने यह पहल की है. फिलहाल इस योजना पर तेजी से काम चल रहा है और दिसंबर से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.

कैसे लिया जाएगा ग्रीन सेस
राज्य की सीमाओं पर 37 एंट्री पॉइंट्स पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जा रहे हैं. ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर उनके फास्टैग से स्वतः निर्धारित राशि काट देंगे. मुख्यमंत्री के विशेष सचिव एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि बॉर्डर पर लगाए गए कैमरे वाहन का नंबर स्कैन करेंगे और फास्टैग से निर्धारित राशि अपने आप कट जाएगी.

यह सेस 24 घंटे के लिए मान्य रहेगा. कटौती की गई राशि नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के प्लेटफॉर्म के माध्यम से सीधे राज्य सरकार के खाते में जाएगी.

वाहनों पर लगेगा इतना सेस
कारों से 80 रुपये, यात्री बसों से 140 रुपये, मालवाहक वाहनों से 250 रुपये और 10 टायर वाले भारी वाहनों से 700 रुपए तक सेस लिया जाएगा. वहीं, एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन, टू-व्हीलर, इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन इस नियम से मुक्त रहेंगे.

पर्यावरण संरक्षण और पारदर्शिता पर जोर
ग्रीन सेस का मुख्य जिम्मा परिवहन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास रहेगा. इस सेस से प्राप्त राशि का उपयोग प्रदूषण नियंत्रण, सड़क सुरक्षा और शहरी परिवहन सुधार में किया जाएगा. अनुमान है कि इस नई व्यवस्था से राज्य सरकार को हर साल करीब 100 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘उत्तराखंड का पर्यावरण क्षेत्र में बड़ा योगदान है और हमें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ती है. हमारे राज्य का 71 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है. अब राज्य में आने वाले लोग भी ग्रीन सेस के जरिए पर्यावरण संरक्षण में भागीदारी निभाएंगे.’

क्या है ग्रीन सेस?
आरटीओ देहरादून संदीप सैनी ने बताया कि यह ग्रीन सेस राज्य में प्रवेश करते ही लागू हो जाएगा और इसकी वैधता 24 घंटे होगी. ग्रीन सेस से होने वाली कमाई को प्रदूषण नियंत्रण, सड़क सुरक्षा और शहरी परिवहन के सुधार में इस्तेमाल किया जाएगा.

Rahul Goel

मैं राहुल गोयल न्यूज़ 18 हिंदी में हाइपरलोकल (यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश) के लिए काम कर रहा हूं. मुझे हिंदी मीडिया में 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. मैंने प्रिंट में रिपोर्टिंग से लेकर डिजिटल मीड...और पढ़ें

मैं राहुल गोयल न्यूज़ 18 हिंदी में हाइपरलोकल (यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश) के लिए काम कर रहा हूं. मुझे हिंदी मीडिया में 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. मैंने प्रिंट में रिपोर्टिंग से लेकर डिजिटल मीड...

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First Published :

October 27, 2025, 16:28 IST

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