ऑपरेशन महादेव तो जान गए, अब ये शिव शक्ति क्या है जिसमें दो आतंकी ठोके गए

20 hours ago

Last Updated:July 30, 2025, 14:10 IST

Operation Shivshakti: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में भारतीय सेना ने ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत दो आतंकियों को मार गिराया. ये आतंकी पाकिस्तान से घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे.

ऑपरेशन महादेव तो जान गए, अब ये शिव शक्ति क्या है जिसमें दो आतंकी ठोके गएपुंछ में सर्च ऑपरेशन जारी है

हाइलाइट्स

सेना ने दो पाकिस्तानी आतंकियों को LOC पार करते ही मार गिराया.ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत भारी हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए.सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाकर पूरी घेराबंदी की.

पुंछ (जम्मू-कश्मीर): जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय सेना ने सोमवार रात एक बड़ा ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन में दो आतंकियों को मार गिराया गया, जो अंधेरे का फायदा उठाकर भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे. सेना को पहले से इनपुट मिला था कि कुछ आतंकी लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) के रास्ते भारत में घुसने वाले हैं. जैसे ही उनकी हलचल देखी गई, सेना ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी.

कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन शिवशक्ति?
सेना और खुफिया एजेंसियों को कुछ दिन पहले जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकवादी पुंछ के देगवार सेक्टर से घुसपैठ की योजना बना रहे हैं. सोमवार रात को जैसे ही LOC के पास कुछ संदिग्ध हलचल देखी गई, सेना ने सतर्कता बरतते हुए पूरे इलाके को घेर लिया. घुसपैठ करने वाले आतंकियों को ललकारा गया और जवाब में गोलीबारी शुरू हो गई. इस मुठभेड़ में दोनों आतंकी मारे गए.

आतंकियों के पास से क्या मिला?
मुठभेड़ के बाद जब सुरक्षा बलों ने इलाके की तलाशी ली तो आतंकियों के पास से तीन अत्याधुनिक हथियार मिले. इसके अलावा बड़ी संख्या में गोलियां, ग्रेनेड, वायरलेस सेट और खाने-पीने का सामान भी बरामद हुआ. यह सब देखकर साफ हो गया कि ये आतंकी पूरी तैयारी के साथ आए थे और उनका इरादा भारत में कोई बड़ा हमला करने का था.

क्यों रखा गया इस ऑपरेशन का नाम ‘शिवशक्ति‘?
भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को ‘शिवशक्ति’ नाम दिया. इस ऑपरेशन को सावन में भगवान शिव से प्रेरित होकर नाम दिया गया है, जो राक्षसों के नाश का प्रतीक माना जाता है. इससे कुछ दिन पहले ही एक और ऑपरेशन ‘महादेव’ नाम से चलाया गया था, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े तीन आतंकियों को मारा गया था. ऑपरेशन शिवशक्ति उसी सख्त कार्रवाई का अगला कदम है.

पहले से क्यों था खतरे का अंदेशा?
जम्मू-कश्मीर में इन दिनों आतंकी गतिविधियां अचानक से बढ़ गई हैं. कुछ ही हफ्ते पहले पहलगाम में हुए हमले ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया था. ऐसे हमलों के बाद आतंकी अक्सर नए रास्तों से घुसने की कोशिश करते हैं. LOC यानी लाइन ऑफ कंट्रोल ऐसी जगह है जहां से कई बार आतंकी चोरी-छिपे भारत में दाखिल होते हैं. इस बार भी उन्हें लगा कि रात के अंधेरे में सेना को धोखा दिया जा सकता है, लेकिन सेना पहले से तैयार थी.

सेना और पुलिस की साझा कार्रवाई
इस ऑपरेशन को सिर्फ सेना ने नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर अंजाम दिया. इन्हें पहले से इनपुट मिला था कि कुछ संदिग्ध लोग सीमा पार से भारत में आने की कोशिश कर रहे हैं. जैसे ही इसकी पुष्टि हुई, तुरंत पूरी टीम को एक्टिव कर दिया गया. यही वजह रही कि आतंकी भारत की सीमा में ज्यादा अंदर तक नहीं आ पाए और LOC के पास ही मारे गए.

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New Delhi,Delhi

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