Last Updated:September 23, 2025, 15:46 IST
Bihar Chunav 2025: प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में भ्रष्टाचार को अपना 'ब्रह्मास्त्र' बना लिया है. पीएम मोदी के भ्रष्चाचार वाले मुद्दे को औजार बनाकर पीके बीजेपी नेताओं पर ही हमला बोलना शुरू कर दिया है. क्या दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी, संजय जायसवाल और मंगल पांडे बिहार चुनाव में बीजेपी के कमजोर कड़ी साबित होंगे?

पटना. बिहार चुनाव में पीके ने उस ‘अस्त्र’ को अपना ब्रह्मास्त्र बना लिया है, जिसके दम पर पीएम मोदी साल 2014 से लेकर अब तक सत्ता में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिस चीज से सबसे ज्यादा नफरत है, उसी को प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में अपना सबसे बड़ा औजार बना लिया है. बिहार चुनाव में पीके भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाकर बीजेपी नेताओं को ही घेरने लगे हैं. साल 2014 में पीएम मोदी ने भी भ्रष्टाचार को अपना प्रमुख औजार बनाया था. पीएम मोदी की हर रैली में ये शब्द ‘ना खाऊंगा और न खाने दूंगा’ की गूंज होती थी. पीके तब चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े हुए थे. अब पीएम वाला अस्त्र उन्होंने खुद उठा लिया है. पीके ने जिस अंदाज में बिहार में बीजेपी नेताओं पर एक के बाद एक भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा रहे हैं, उससे बिहार की सियासत में तूफान आ गया है.
बीजेपी के एक नहीं चार-चार कद्दावर नेता पीके के आरोपों के चपेट में आ गए हैं. पीके के आरोप में कितना दम है, यह तो वक्त बताएगा. लेकिन जिस तरह के आरोप लगे हैं, वह बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ है. पीके ने सबसे पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल फिर सम्राट चौधरी, संजय जायसवाल और मंगल पांडे पर भ्रष्टाचार के एक के बाद एक आरोप लगाए हैं. पीके बेखौफ होकर नेताओं पर बोल ही नहीं भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा रहे हैं. क्या बीजेपी आलाकमान पीके के इस आरोप को हल्के में लेगी या फिर आने वाले दिनों में सख्ती दिखाएगी?
पीके के आरोप से बीजेपी में खलबली?
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में एक नया तूफान खड़ा हो गया है. जन सुराज के संस्थापक पीके ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक ऐसा दांव चला है, जिसने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है. पीके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े ‘अस्त्र’ यानी ‘भ्रष्टाचार’ को ही अपना ‘ब्रह्मास्त्र’ बना लिया है. पीके ने बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं पर एक के बाद एक भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने सीधे तौर पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी, संजय जायसवाल और मंगल पांडे पर हमला बोला है.
पीएम मोदी का ‘अस्त्र’ और पीके का ‘ब्रह्मास्त्र’
नरेंद्र मोदी 2014 में ‘भ्रष्टाचार’ के मुद्दे को ही अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर सत्ता में आए थे. उन्होंने लगातार कहा कि ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’. पीएम मोदी ने अपने शासनकाल में कई बार भ्रष्ट अधिकारियों और मंत्रियों पर सख्त कार्रवाई भी की है. लेकिन, अब जब बिहार में उनकी ही पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं तो बीजेपी के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
पीके का दांव…बीजेपी में ‘अमंगल’?
प्रशांत किशोर यह जानते हैं कि बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत उसकी भ्रष्टाचार-विरोधी छवि है. इस छवि पर हमला करके वह बीजेपी को कमजोर कर सकते हैं. प्रशांत किशोर के आरोपों से बीजेपी के भीतर भी हलचल मच गई है. खबरों के मुताबिक, बीजेपी के ही कुछ नेताओं ने इन आरोपों पर सवाल उठाए हैं और पार्टी आलाकमान से जवाब मांगा है.
अब बीजेपी आलाकमान के सामने एक बड़ी दुविधा खड़ी हो गई है. अगर वह इन आरोपों को नजरअंदाज करती है तो जनता के बीच यह संदेश जाएगा कि नीतीश सरकार में शामिल कुछ मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. और अगर वह इन नेताओं पर कार्रवाई करती है, तो इससे यह लगेगा कि आरोप सही थे. इससे पार्टी के भीतर कलह भी बढ़ सकती है. ऐसे में प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में एक बड़ा ‘खेला’ कर दिया है. उन्होंने भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे को उठाकर चुनाव की दिशा बदल दी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी आलाकमान इन आरोपों को हल्के में लेगा या फिर ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ के अपने नारे को हकीकत में बदल कर इन नेताओं पर कार्रवाई करेगा.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
September 23, 2025, 15:46 IST