Last Updated:September 25, 2025, 18:31 IST
Sonam Wangchuk News: लेह-लद्दाख हिंसा में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की भूमिका जांची जा रही है. सीबीआई पिछले कुछ समय से वांगचुक और उनकी संस्थाओं के फायनेंशियल रिकॉर्ड्स खंगाल रही थी.

नई दिल्ली/लेह: लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. बुधवार को हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें जिम्मेदार ठहराया था. अब वांगचुक ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें ‘बलि का बकरा’ बना रही है और अब उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत जेल भेजने की तैयारी है. वांगचुक का दावा है कि अगर उन्हें जेल में डाला गया तो हालात और बिगड़ेंगे. ‘मैं जेल जाने को तैयार हूं, लेकिन जेल में सोनम वांगचुक बाहर वाले वांगचुक से ज्यादा मुश्किलें पैदा करेंगे.’ इसी बीच एक नया मोर्चा वांगचुक के खिलाफ खुला है. सीबीआई पिछले दो महीने से उनकी संस्था हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) और अन्य इकाइयों की फंडिंग की जांच कर रही है. आरोप है कि अवैध तरीके से विदेशी फंडिंग ली गई है. सूत्रों का दावा है कि फरवरी 2025 में वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा ने भी खुफिया एजेंसियों के कान खड़े किए थे.
सोनम वांगचुक की संस्था का FCRA लाइसेंस रद्द
केंद्र सरकार ने वांगचुक की संस्था का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है. गृह मंत्रालय ने 20 अगस्त 2025 को शो कॉज नोटिस जारी किया था और 10 सितंबर को ईमेल के जरिए जवाब मांगा था. सूत्रों के अनुसार, वांगचुक की संस्था ने 19 सितंबर को जवाब दिया, लेकिन जांच में कई गंभीर उल्लंघन सामने आए. मंत्रालय ने पाया कि वित्त वर्ष 2021-22 में वांगचुक ने 3.5 लाख रुपये सीधे FCRA अकाउंट में जमा कर दिए, जो धारा 17 का उल्लंघन है. संस्था ने सफाई दी कि ये रकम 2015 में खरीदी गई बस की बिक्री से आई थी, लेकिन सरकार ने दलील को मानने से इनकार कर दिया. अब लाइसेंस रद्द होने के बाद वांगचुक की संस्था न तो विदेशी फंडिंग ले सकेगी और न ही विदेश से आए पैसे का इस्तेमाल कर पाएगी.
क्या है उन बैंक खातों का राज
दस्तावेज बताते हैं कि वांगचुक और उनकी संस्थाओं से जुड़े कई बैंक खाते छिपाए गए हैं: HIAL के 7 अकाउंट में से 4 घोषित नहीं हैं. पिछले साल 6 करोड़ की डोनेशन इस बार 15 करोड़ तक पहुंच गई. इनमें 1.5 करोड़ से ज्यादा की विदेशी रकम बिना FCRA रजिस्ट्रेशन के आई. SECMOL के 9 खातों में से 6 घोषित नहीं हैं. Sheshyon Innovations Pvt Ltd में HIAL से सीधे 6.5 करोड़ ट्रांसफर किए गए. इस कंपनी ने 9.85 करोड़ टर्नओवर पर महज 1.14% प्रॉफिट दिखाया, जबकि पहले 6% से ज्यादा था. खुद वांगचुक के 9 पर्सनल अकाउंट मिले, जिनमें से 8 घोषित नहीं. 2018 से 2024 तक अलग-अलग खातों में 1.68 करोड़ की विदेशी रकम आई. 2021 से 2024 के बीच उन्होंने अपने निजी खातों से 2.3 करोड़ रुपये विदेश भेजे. वांगचुक कॉर्पोरेट सेक्टर की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन रिकॉर्ड दिखाते हैं कि उनकी संस्थाओं ने कई बड़ी कंपनियों और सरकारी पीएसयू से CSR फंड लिया.सरकार ने साफ कर दिया है कि लद्दाख हिंसा की जड़ वांगचुक और उनका आंदोलन है. वहीं वांगचुक का कहना है कि यह सब उन्हें चुप कराने की साजिश है. लेकिन सवाल उठ रहा है कि अगर सब आरोप सही निकले तो क्या पर्यावरण एक्टिविज्म के नाम पर करोड़ों की विदेशी फंडिंग और राजनीतिक उकसावे का खेल चल रहा था?
वांगचुक ने युवाओं के गुस्से को बताया असली वजह
वांगचुक का कहना है कि लद्दाख की जनता बेरोजगारी और टूटे वादों से तंग आ चुकी है. ‘छह साल की बेरोजगारी और अधूरे वादों ने युवाओं को उग्र बना दिया है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आंशिक नौकरी आरक्षण दिखाकर जनता को गुमराह कर रही है जबकि राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग पूरी तरह अनदेखी की जा रही है.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
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First Published :
September 25, 2025, 18:08 IST