Nobel Prize:
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को 'नवाचार-संचालित आर्थिक विकास की व्याख्या करने' के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया है. साल 1969 से अब तक आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में यह पुरस्कार कुल 56 बार दिया जा चुका है. जोएल मोकिर ने ऐतिहासिक स्रोतों का उपयोग करके यह समझाने का प्रयास किया कि निरंतर आर्थिक विकास क्यों एक नया सामान्य बन गया है. वहीं, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट ने निरंतर विकास के पीछे के तंत्रों का अध्ययन किया.
फिलिप अघियन और पीटर हॉविट ने 1992 में एक महत्वपूर्ण लेख में 'रचनात्मक विनाश' नामक गणितीय मॉडल प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि जब कोई नया और बेहतर उत्पाद बाजार में आता है, तो पुराने उत्पाद बेचने वाली कंपनियां पीछे रह जाती हैं और बाजार से बाहर हो जाती हैं. पिछले साल तीन अर्थशास्त्रियों डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन, और जेम्स ए. रॉबिन्सन को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया. इन शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया कि क्यों कुछ देश अमीर हैं जबकि अन्य गरीब. उनके निष्कर्षों से पता चला कि जिन देशों में अधिक स्वतंत्रता और खुलापन होता है, वे समृद्ध बनने की अधिक संभावना रखते हैं.
1969 से दिया जा रहा है ये पुरस्कार
इससे पहले पिछले सप्ताह मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, साहित्य, और शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई थी. ध्यान देने वाली बात यह है कि अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार असल में 'बैंक ऑफ स्वीडन प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज' के नाम से जाना जाता है, जिसे 1968 में स्वीडिश बैंक ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में स्थापित किया था. यह पुरस्कार 1969 से दिया जा रहा है. अल्फ्रेड नोबेल 19वीं सदी के एक स्वीडिश व्यवसायी और केमिस्ट थे, जिन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था. उन्होंने 5 नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की थी, जिनमें से अर्थशास्त्र का पुरस्कार उनके जीवनकाल में नहीं था. ये बाद में जोड़ा गया था.
यह भी पढ़ेंः नोबेल मिलने से पहले ही लीक हो गया था विजेता मारिया माचाडो का नाम? पुरस्कार देने वाली संस्था ने जताया शक, अब होगी जांच