Last Updated:June 16, 2025, 08:58 IST
LoC fencing project controversy video: राजौरी में एलओसी पर बाड़बंदी प्रोजेक्ट को लेकर एडीईओ त्रियाम सिंह और कर्नल अंकुश चौधरी में विवाद हुआ. त्रियाम सिंह ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर से इनकार कर कर्नल पर हमला किय...और पढ़ें

कर्नल और रक्षा अधिकारी के बीच विवाद सोशल मीडिया छाया हुआ है.
LoC fencing project controversy video: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बाड़बंदी के एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर हुआ विवाद काफी आगे बढ़ गया है. इस विवाद में सहायक रक्षा संपदा अधिकारी (एडीईओ) त्रियाम सिंह ने भारतीय सेना के कर्नल अंकुश चौधरी पर कथित तौर पर हमला कर दिया. यह घटना 12 जून 2025 को सुबह करीब 11:45 बजे की है. रिपोर्ट के मुताबिक त्रियाम सिंह ने बाड़बंदी प्रोजेक्ट के लिए जरूरी बोर्ड प्रोसीडिंग्स पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा. इसने न केवल रक्षा मंत्रालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों को भी हवा दी. जवाब में कर्नल के सिख सैनिकों ने एकजुटता दिखाते हुए त्रियाम सिंह के खिलाफ कार्रवाई की, जिसने इस मामले को और गरमा दिया.
क्या है पूरा मामला
हमारी सहयोगी वेबसाइट लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार कर्नल अंकुश चौधरी इस बाड़बंदी प्रोजेक्ट के प्रभारी थे. उन्होंने त्रियाम सिंह से प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया. यह प्रोजेक्ट 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है. इस हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए. इस हमले के बाद एलओसी पर बाड़बंदी को मजबूत करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम हो गया है.
लेकिन त्रियाम सिंह ने कथित तौर पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया और बहस के दौरान कर्नल चौधरी पर शारीरिक हमला कर दिया. इस घटना ने सैनिकों में गुस्सा भड़का दिया और इंजीनियर रेजिमेंट के सिख सैनिकों ने त्रियाम सिंह के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में सैनिकों की यह प्रतिक्रिया साफ दिखाई देती है.
सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा
घटना का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया खासकर एक्स पर लोगों ने त्रियाम सिंह के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया. एक यूजर @KomalMahajan_ ने लिखा- यह न केवल एक अधिकारी पर हमला है, बल्कि उन सभी सैनिकों का अपमान है जो हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं. एक अन्य यूजर @Fasih_Ahmed ने टिप्पणी की- एडीईओ भाग्यशाली थे कि जवान वहां मौजूद नहीं थे, वरना कहानी कुछ और होती. सैन्य दिग्गजों ने भी इस घटना की निंदा की है. केजेएस ढिल्लन ने एक्स पर लिखा- सैनिकों के लिए उनका कमांडिंग ऑफिसर भगवान के समान होता है.
Colonel Ankush Chaudhary, the commanding officer of the Engineer Regiment, was tasked with proposing the construction of fencing along the Line of Control (LOC) to prevent infiltration, especially in light of the recent attack in Pahalgam. However, the Assistant Defence Estate… pic.twitter.com/YCR62a9Cqd
— Lt Col Sushil Singh Sheoran, Veteran (@SushilS27538625) June 14, 2025
कई लोगों ने रक्षा संपदा कार्यालय (डीईओ) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. एक एक्स पोस्ट में दावा किया गया कि डीईओ अक्सर प्रोजेक्ट्स को रिश्वत के लिए रोकता है. इस घटना ने मार्च 2025 में पंजाब के पटियाला में हुई एक अन्य घटना की याद दिला दी, जिसमें कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनके बेटे पर पंजाब पुलिस के कर्मियों ने हमला किया था. उस मामले में 12 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था. एलओसी पर बाड़बंदी का यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर हाल के आतंकी हमलों के बाद.बाड़बंदी प्रोजेक्ट का उद्देश्य घुसपैठ को रोकना और सीमा पर सुरक्षा को और मजबूत करना है.
विवाद और सवाल
इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं. क्या रक्षा मंत्रालय के भीतर भ्रष्टाचार इतना गहरा है कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोजेक्ट्स को भी प्रभावित कर रहा है? त्रियाम सिंह के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई की खबर नहीं आई है, जिससे लोगों में और नाराजगी बढ़ रही है. सैनिकों की प्रतिक्रिया को कुछ लोगों ने अनुशासनहीनता करार दिया, जबकि अन्य ने इसे अपने कमांडर के प्रति वफादारी का प्रतीक बताया.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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