Last Updated:August 13, 2025, 07:36 IST
Maharashtra Meat Ban Row: महाराष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस पर मीट बैन को लेकर विवाद बढ़ रहा है. केडीएमसी ने यह आदेश दिया है, जिसका उपमुख्यमंत्री अजित पवार और आदित्य ठाकरे ने विरोध किया है.

महाराष्ट्र में मीट बैन को लेकर एक नया विवाद छिड़ता दिख रहा है. दरअसल कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी स्लॉटरहाउस और मीट की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है, जिसके खिलाफ वहां विरोध तेज हो गया है. इस बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को साफ कहा कि वह इस बैन से सहमत नहीं हैं. पवार ने कहा, ‘मैं आस्था के मौके पर बैन को समझ सकता हूं… लेकिन गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर बैन लगाना मुश्किल है.’
इसी विवाद के बीच नागपुर और मालेगांव समेत कुछ और नगर निगमों ने भी 15 अगस्त को मीट और पशु वध पर रोक लगाने का निर्णय ले लिया. केडीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त योगेश गोडसे ने कहा कि यह आदेश 1989 के राज्य सरकार के निर्देश के तहत है, जो हर साल कई निगमों में लागू किया जाता है. उन्होंने साफ किया कि यह मीट खाने पर पाबंदी नहीं है, लोग चाहें तो मीट खा सकते हैं. नगर आयुक्त अभिनव गोयल ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से यह आदेश जारी किया जा रहा है, लेकिन अगर लोग विरोध कर रहे हैं तो उनकी भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव केएच गोविंदराज ने इस पर टिप्पणी नहीं की, लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि स्वतंत्रता दिवस पर मीट बैन का कोई राज्य सरकार का अनिवार्य आदेश नहीं है, स्थानीय निकाय अपने स्तर पर फैसला लेते हैं.
केडीएमसी के आदेश की विपक्षी नेताओं, नागरिकों और मीट व्यापार से जुड़े हिंदू खटीक समाज ने आलोचना की है. उनका कहना है कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला है और एक समुदाय को निशाना बनाता है.
‘नवरात्रि के प्रसाद में झींगा और मछली’
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने केडीएमसी आयुक्त को सस्पेंड करने की मांग की. उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस पर क्या खाएं, यह हमारा हक है. मेरे घर में तो नवरात्रि में भी प्रसाद में झींगा और मछली होती है- यही हमारी परंपरा और हिंदुत्व है.’
उधर अजित पवार ने कहा, ‘आस्था के अवसर जैसे आषाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि, महावीर जयंती पर बैन समझ में आता है, लेकिन राष्ट्रीय दिवसों पर यह उचित नहीं. हमारे राज्य और देश में कुछ लोग शाकाहारी हैं, तो कुछ मांसाहारी.’ उन्होंने बताया कि कोकण में लोग सब्जियों में मछली डालते हैं और ग्रामीण इलाकों व आदिवासी समुदायों में मांसाहार परंपरा का हिस्सा है.
वहीं शिवसेना विधायक विश्वनाथ भोइर ने आदेश का समर्थन करते हुए कहा कि ‘एक दिन मीट न खाने से किसी को नुकसान नहीं होगा.’
शरद पवार की एनसीपी भी विरोध में
समाजवादी पार्टी विधायक रईस शेख ने आरोप लगाया कि यह आदेश एक खास समुदाय को निशाना बनाता है और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा. एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र आव्हाड ने आदेश को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन बताते हुए 15 अगस्त को डोंबिवली में मटन खाने का ऐलान किया. पूर्व मनसे विधायक प्रमोद पाटिल ने सवाल किया कि क्या केएफसी और मैकडॉनल्ड्स जैसे नॉन-वेज रेस्टोरेंट भी बंद रहेंगे, जबकि ठाणे, उल्हासनगर और नवी मुंबई में ऐसा कोई बैन नहीं है.
उधर हिंदू खटीक समाज ने चेतावनी दी है कि अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो 15 अगस्त को केडीएमसी दफ्तर के बाहर प्रतीकात्मक मीट की दुकान लगाकर विरोध किया जाएगा.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
August 13, 2025, 07:36 IST
महाराष्ट्र में मीट बैन पर महाभारत, ठाकरे और पवार बोलने लगे एक ही जुबान