तिरंगे का हर रंग, हर पट्टी गर्व की बात...गोपालगंज से J&K तक की गौरव भरी यात्रा

16 hours ago

Last Updated:August 13, 2025, 10:25 IST

Independence Day: तिरंगे की शान सिर्फ रंगों में नहीं, बल्कि उसकी हर सिलाई में देशभक्ति की भावना छुपी होती है. कुछ ऐसा ही जज़्बा देखने को मिल रहा है गोपालगंज के कॉलेज रोड स्थित खादी ग्रामोद्योग में जहां हाथों से...और पढ़ें

तिरंगे का हर रंग, हर पट्टी गर्व की बात...गोपालगंज से J&K तक की गौरव भरी यात्रागोपालगंज खादी ग्रामोद्योग से बने तिरंगे, बिहार से राष्ट्रीय फलक तक की यात्रा

गोपालगंज/गोविंद कुमार. बिहार में गोपालगंज के कॉलेज रोड पर खादी ग्रामोद्योग भवन में तिरंगे की हर सिलाई देशभक्ति की कहानी बयां करती है.यहां पिछले 50 वर्षों से तिरंगा बनाया जा रहा है. बीते पांच दशकों से इस ऐतिहासिक कार्य को करने वाले मुस्लिम कारीगर शमसुल मियां और उनकी टीम सालभर तिरंगे की कटाई-सिलाई और डिजाइनिंग में लगे रहते हैं और तिरंगा बनाकर बिहार की शान बढ़ा रहे हैं. इस बार उनके बनाए 2000 तिरंगे जम्मू-कश्मीर के सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में लहराएंगे. किफायती कीमत और बेहतरीन गुणवत्ता के साथ ये तिरंगे न सिर्फ रंगों का प्रतीक हैं, बल्कि एकता और समर्पण की जीवंत मिसाल भी हैं.

शमसुल मियां और तिरंगे का जज़्बा

शमसुल मियां बताते हैं कि “हम तिरंगा सिर्फ बनाते नहीं, उसे जीते हैं. तिरंगे का हर रंग, हर पट्टी हमारे लिए गर्व की बात है.” बता दें कि शमसुल मियां के नेतृत्व में 15-20 प्रशिक्षित कारीगर मानक के अनुसार तिरंगे तैयार करते हैं जो देश के कोने-कोने में भेजे जाते हैं. इस बार खादी ग्रामोद्योग से करीब 2000 तिरंगे जम्मू-कश्मीर भेजे गए हैं जो अब वहां सरकारी कार्यालयों और स्कूलों पर फहराए जाएंगे. पहले यह तिरंगा बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा तक ही सीमित थे, लेकिन अब इसकी डिमांड राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है. संस्थान में 15-20 प्रशिक्षित कारीगर लगातार काम कर रहे हैं.

तिरंगे की शान, गोपालगंज का गर्व

स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों से पहले यहां रौनक देखते ही बनती है. तिरंगा मानक के अनुसार हाथ से तैयार होता है और फिर अच्छी पैकिंग कर देश के कोने-कोने में भेजा जाता है. ढाई सौ से तीन सौ रुपये तक की किफायती कीमत पर मिलने वाले इस तिरंगे की सबसे बड़ी खासियत है इसकी गुणवत्ता और शुद्धता है. यहां हर तिरंगा हाथों से तैयार होता है, जिसमें कारीगरों का प्यार और समर्पण झलकता है. स्वतंत्रता दिवस से पहले यहां का माहौल उत्साह से भरा होता है, जब कारीगर दिन-रात तिरंगे की सिलाई और पैकिंग में जुटे रहते हैं. गोपालगंज का ये खादी ग्रामोद्योग सिर्फ तिरंगा नहीं बना रहा, बल्कि एकता, समर्पण और देशभक्ति की मिसाल गढ़ रहा है.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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Gopalganj,Gopalganj,Bihar

First Published :

August 13, 2025, 10:25 IST

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