Last Updated:September 23, 2025, 17:28 IST
जीएसटी 2.0 के तहत इन 5 क्षेत्रों में टैक्स राहत से उत्पाद सस्ते होंगे. जीएसटी में किये बदलाव आम आदमी को राहत देने का काम कर रहे हैं. आइए समझते हैं कि कितना फायदा होगा...

56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऐलान किये गए सुधारों के तहत 22 सितंबर 2025 से टैक्स स्लैब में बदलाव कर दिया गया है. अब चार के बजाए 5% और 18% के दो स्लैब ही होंगे, जबकि लग्जरी और सिन गुड्स पर 40% टैक्स लगेगा. ये बदलाव आम आदमी को राहत देने का काम कर रहे हैं, दैनिक जरूरतों और स्वास्थ्य और परिवहन जैसे क्षेत्रों में देखने को मिला है.
इस रिपोर्ट में हम जानते हैं वो 5 प्रमुख क्षेत्रों, जिनमें आम आदमी को लाभ मिलेगा. यदि वह जीएसटी 2.0 के तहत डीलिंग करते हैं तो उनकी मौज होने वाली है. यह जानकारी PIB की आधिकारिक प्रेस रिलीज और जीएसटी काउंसिल के दस्तावेजों पर आधारित है, जो पत्रकारों के लिए विश्वसनीय स्रोत है.
जीएसटी 2.0 के बदलावों पर डालते हैं नजर
जीएसटी 2.0 ने पुराने चार स्लैब को सरल बनाया है, इससे वर्किंग कैपिटल फ्री होता है और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की जमा की समस्या कम होती है. PIB के अनुसार, इन सुधारों से आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स में राहत मिली है, जैसे साबुन, टूथपेस्ट, दूध और पेनीर पर 0% या 5% हो गया है, जबकि छोटी कारों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर 18% टैक्स की अंतर्गत आ गए हैं. इससे ग्रॉसरी का बिल 13% तक कम हो सकता है और छोटी कार खरीद पर ₹70,000 की बचत.
इन 5 सैक्टर में डीलिंग पर बल्ले-बल्ले
जीएसटी 2.0 के तहत इन 5 क्षेत्रों में टैक्स राहत से उत्पाद सस्ते होंगे, जिससे आम उपभोक्ता की जेब पर भार नहीं पड़ेगा और जीवन स्तर सुधरेगा. आ
डेली गुड्स सैक्टर
साबुन, टूथपेस्ट, शैंपू, बालों का तेल, टेबलवेयर, किचनवेयर और रोटी, परांठा जैसी आइटम, अब 5% या तो 0% टैक्स स्लैब में आ गए हैं. दूध और पनीर पर जीएसटी जीरो कर दी. आम आदमी के लिए यह सीधा लाभ है, क्योंकि खर्च कम होगा. PIB के अनुसार, ये बदलाव ग्रामीण और शहरी दोनों परिवारों को राहत देंगे. इससे इनका उपयोग बढ़ेगा और डेयरी सेक्टर को मजबूत होगा.
हेल्थ इंश्योरेंस सैक्टर
सभी को पर्सनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, हेल्थ इंश्योरेंस और रीइंश्योरेंस पर जीएसटी छूट मिली शुरू हुई है. सामान्य दवाओं और मेडिकल डिवाइस पर टैक्स कम किया गया है. इससे इंश्योरेंस प्रीमियम कम हुए हैं, जो मध्यम वर्ग के लिए वरदान साबित होंगे. PIB ने इसे दवाओं और डायग्नोस्टिक डिवाइस को सस्ता बनाने वाला बताया है, इससे स्वास्थ्य खर्च 10-15% कम होगा और लाखों परिवार कवरेज ले सकेंगे.
ऑटोमोटिव सेक्टर
छोटी कारें, दोपहिया वाहन, तीन-पहिया, बसें, ट्रक और ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी 28% से घटकर 18% की गई है, जबकि साइकिल और ई-साइकिल पर 5% जीएसटी होगी. इससे वाहन खरीद सस्ती होगी एक छोटी कार पर 70 हजार रुपए की बचत मिल सकती है. इससे ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण परिवहन को आसान होगा.
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर
एयर कंडीशनर, TV, LCD/LED, डिशवॉशर, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर जैसे अप्लाइंज अब 28% से 18% स्लैब में आ गए हैं. इससे घरेलू सामान सस्ता होगा. इससे मीडिल क्लास बाजार की खींचेगा और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन मिलेगा. आम आदमी को फेस्टिव सीजन में खरीदारी में 10-20% बचत हो सकती है.
कृषि और निर्माण सेक्टर
कृषि मशीनरी जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर,ड्रिप इरिगेशन, टायर और उर्वरक, बायो-पेस्टीसाइड्स पर 12-18% से 5% किया गया है. सीमेंट, मार्बल, ग्रेनाइट, सैंड-लाइम ब्रिक्स और बांस फ्लोरिंग पर 12-28% से 5-18% की गई है. इससे किसानों का खर्च कम होगा और निर्माण सस्ता होगा. इससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी और ग्रामीण मांग मजबूत होगी. रियल एस्टेट सैक्टर को गति मिलेगी और आम आदमी के लिए सस्ते घर के रास्ते खुलेंगे.
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First Published :
September 23, 2025, 17:28 IST
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