DRDO का ये खास हथियार... उड़ा देगा पाकिस्तान-चीन की नींद!

4 weeks ago

Last Updated:September 21, 2025, 11:52 IST

Air Missile Defence System Kusha : डीआरडीओ द्वारा विकसित किए जा रहे मल्टी-लेयर एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम 'कुशा और हाइपरसोनिक हथियारों की क्षमता से भारत की सुरक्षा और मजबूत होगी. ये अत्याधुनिक तकनीक दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी है और पड़ोसी देशों के साथ-साथ अमेरिका की रणनीतिक चिंताओं को भी बढ़ाएगी.

कानपुर : जिस तरह आपने देखा, ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 सिस्टम के उपयोग से हमारी सेना ने दुश्मनों को हवा में ही ढेर किया. ठीक उसी तर्ज पर अब साल 2028 तक भारत के पास मल्टी लेयर एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘कुशा’ होगा. यह पूरी तरह से एक आधुनिक सिस्टम है, जो देश की सुरक्षा को बहुत अधिक मजबूती देगा. गौरलब है कि एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘कुशा’ एक आधुनिक मल्टी-लेयर सुरक्षा प्रणाली है, जो दुश्मन के हर तरह के हवाई हमलों से भारत को बचाने में सक्षम है. इस सिस्टम में लांग रेंज, मीडियम रेंज और शॉर्ट रेंज के ऑप्शन दिए गए हैं, जिससे हर दूरी पर दुश्मन को ट्रैक और नष्ट किया जा सकता है. राडार की मदद से यह 300 से 400 किलोमीटर दूर तक दुश्मनों के टारगेट को पहचानने और उन्हें हवा में ही ढेर करने की क्षमता रखता है.

शहर के छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के 40वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डा. समीर वी. कामत ने यह जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि संगठन ड्रोन तकनीक पर भी बहुत अधिक काम कर रहा है.खासतौर से फोकस यूएवी बनाने पर है.आने वाले समय में देश को कई स्वदेशी ड्रोन मिलने वाले हैं, जो सुरक्षा को मजबूती देने में कारगर साबित होंगे.

साइबर हमलों पर करना होगा फोकस
डीआरडीओ चेयरमैन ने कहा कि मौजूदा समय में देश की सुरक्षा व्यवस्था पर साइबर अटैक्स की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. एक दिन में मिलियंस अटैक्स हो रहे हैं, जो इंसानों को टारगेट कर रहे हैं. हमें साइबर ट्रेनिंग पर ज्यादा फोकस करना होगा. साइबर योद्धा तैयार करने होंगे. उन्होंने बताया कि आईआईटी, आईआईएससी, एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान साइबर सुरक्षा पर अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन देश को और मजबूत करने के लिए व्यापक ट्रेनिंग जरूरी है.

ऑपरेशन सिंदूर में दिखा भारतीय हथियारों का जलवा
उन्होंने आगे कहा कि साल 2028 तक भारत के पास हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम और लेजर आधारित हथियार भी होंगे. हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम सबसे एडवांस्ड है और इसे इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल होता है. इसी तरह लेजर आधारित हथियार सेनाओं को और अधिक ताकतवर बनाएंगे. डीआरडीओ चेयरमैन ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय हथियारों के प्रदर्शन को शानदार बताया. उन्होंने कहा कि आकाश सिस्टम, एयर डिफेंस सिस्टम, ब्रह्मोस (ऑफेंसिव मोड में), डी-4 यानी एंटी ड्रोन सिस्टम और यूएवी सिस्टम सभी ने अपनी अहम भूमिका निभाई और भारतीय तकनीक की ताकत दुनिया के सामने रखी.

मृत्‍युंजय बघेल

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु...और पढ़ें

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु...

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Location :

Kanpur,Kanpur Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

September 21, 2025, 11:52 IST

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