Last Updated:May 19, 2025, 13:30 IST
Bangladesh garment import ban: भारत सरकार ने बांग्लादेश से ज़मीन के रास्ते रेडीमेड कपड़ों के आयात पर रोक लगा दी है. इससे 5.5 करोड़ रुपये के कपड़े लदे 36 ट्रक सीमा पर फंस गए हैं.

भारत बांग्लादेश व्यापार विवाद
बांग्लादेश और भारत की सीमा के बीच ‘नो मैन्स लैंड’ में इस वक्त 36 ट्रक खड़े हैं. इन ट्रकों में बांग्लादेश से आए रेडीमेड कपड़े हैं, जिनकी कीमत करीब 5.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है. शनिवार को भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर बांग्लादेश से आने वाले तैयार कपड़ों की ज़मीन के रास्ते एंट्री पर रोक लगा दी. इसके बाद से ये ट्रक पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले की पेट्रापोल सीमा पर फंसे हुए हैं.
बांग्लादेश से ट्रकों की संख्या में भारी गिरावट
शनिवार तक रोज़ाना बांग्लादेश से करीब 218 ट्रक भारत आते थे, लेकिन पाबंदी के बाद रविवार शाम 7:30 बजे तक ये संख्या घटकर 140 रह गई. इसका बड़ा कारण ये है कि अब कपड़े वाले ट्रक सीमा पार नहीं कर पा रहे. इससे पहले अप्रैल में भारत सरकार ने बांग्लादेश से होकर किसी तीसरे देश को कपड़े भेजने (ट्रांसशिपमेंट) पर भी रोक लगा दी थी. इन दोनों फैसलों से बांग्लादेश को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि भारत में आने वाले बांग्लादेशी रेडीमेड कपड़े देश के कुल बाजार का सिर्फ 0.5% हिस्सा हैं.
80% कपड़े बंगाल के ज़रिए ही भारत आते थे
भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के टेक्सटाइल कमेटी के चेयरमैन संजय जैन के मुताबिक, बांग्लादेश से 93% कपड़ों की सप्लाई ज़मीन के रास्ते होती है, जिसमें से 80% सप्लाई पश्चिम बंगाल के ज़रिए आती है. अब जब ये रास्ता बंद हो गया है, तो बांग्लादेशी कारोबारियों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
समंदर के रास्ते व्यापार मुश्किल, हवाई जहाज़ से महंगा पड़ेगा
भारत ने बांग्लादेश को समंदर के रास्ते व्यापार की छूट दी है, लेकिन ये सिर्फ कोलकाता पोर्ट और मुंबई के न्हावा शेवा पोर्ट तक सीमित है. व्यापारियों का कहना है कि ये रास्ता बहुत समय लेने वाला है और इससे माल का स्टॉक मैनेज करना मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में बांग्लादेशी कारोबारी अब हवाई रास्ता चुन सकते हैं, लेकिन इससे लागत काफी बढ़ जाएगी.
कोलकाता एयरपोर्ट से पहले होता था बड़ा व्यापार
अप्रैल से पहले बांग्लादेश से हर महीने करीब 8,000 से 9,000 टन कपड़े कोलकाता एयरपोर्ट के ज़रिए विदेश भेजे जाते थे. ढाका से कोलकाता तक सड़क और फिर एयर कार्गो के ज़रिए सामान भेजना सस्ता पड़ता था. वहां प्रति किलो लागत $3 से $3.5 आती थी, जबकि ढाका से सीधा एयर कार्गो भेजने में $5.5 से $6 प्रति किलो खर्च होता है. लेकिन अब कोलकाता एयरपोर्ट वाला रास्ता भी बंद हो गया है.
बड़े ब्रांडों को हो सकता है नुकसान, रिश्तों में दरार की चिंता
नाइकी, ज़ारा, एच एंड एम और प्राइमार्क जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बांग्लादेश में कपड़े बनवाते हैं क्योंकि वहां मजदूरी सस्ती है. लेकिन अब अगर कपड़ों की लागत बढ़ेगी, तो ये ब्रांड बांग्लादेश की जगह वियतनाम, श्रीलंका या चीन जैसे देशों का रुख कर सकते हैं. एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के जानकार जयदीप रहा का कहना है कि ऐसे प्रतिबंधों से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते खराब हो सकते हैं और निवेशकों का भरोसा भी डगमगा सकता है.
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