Last Updated:September 23, 2025, 06:48 IST
Diwali Bonus : दिवाली के त्योहारों पर ज्यादातर कंपनियां और सरकारें अपने कर्मचारियों को बोनस बांटती हैं. इस बीच तेलंगाना सरकार की एक कोयला कंपनी ने बोनस के रूप में करीब 2 लाख रुपये बांटने का ऐलान किया है.

नई दिल्ली. दिवाली का त्योहार नजदीक आ रहा है और हर साल की तरह इस बार भी कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस की उम्मीद लगी है. इस बीच एक सरकारी कंपनी ने अपने हजारों कर्मचारियों को 819 करोड़ रुपये का बोनस बांटने का ऐलान कर दिया है. कंपनी का कहना है कि उसके हर कर्मचारी को औसतन 2 लाख रुपये का बोनस दिया जाएगा. ऐसा नहीं है कि कंपनी ने पहली बार अपना खजाना खोला है, पिछले साल भी यह कंपनी अपने कर्मचारियों को करीब पौने 2 लाख रुपये का बोनस बांट चुकी है.
दरअसल, तेलंगाना सरकार ने सरकारी कोयला खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के कर्मचारियों को बीते वित्तवर्ष में अर्जित शुद्ध लाभ में से 819 करोड़ रुपये बोनस के रूप में देने का ऐलान किया है. राज्य के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क मल्लू ने कहा कि एससीसीएल ने पिछले वित्तवर्ष में 6,394 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया जिसमें से 4,034 करोड़ रुपये नई परियोजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं.
हर कर्मचारी को कितने पैसे मिलेंगे
कंपनी की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, अभी काम कर रहे करीब 41,000 कर्मचारियों को यह बोनस बांटा जाएगा. इस लिहाज से प्रत्येक कर्मचारी को औसतन 1,95,610 रुपये मिलेंगे. यह एक साल पहले की तुलना में 8,289 रुपये यानी 4.4 प्रतिशत ज्यादा बोनस होगा. इसके अलावा, कंपनी के 30,000 संविदा कर्मचारियों को भी इस साल 5,500 रुपये बोनस देने की घोषणा की गई है. कर्मचारियों को यह पैसे दिवाली से पहले ही बांट दिए जाएंगे.
कितनी है सरकार की हिस्सेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना में मौजूद सभी कोयला क्षेत्रों का नियंत्रण सिंगरेनी को देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे. इसमें सतुपल्ली और कोयागुडेम खदान ब्लॉक भी शामिल होंगे, जिन्हें पहले नीलामी के माध्यम से निजी इकाइयों को दे दिया गया था. एससीसीएल एक सरकारी कोयला खनन कंपनी है, जिसका 51 प्रतिशत स्वामित्व तेलंगाना सरकार के पास है जबकि केंद्र सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
10 फीसदी कोयले का उत्पादन
एससीसीएल देश की एक बड़ी कोयला खदान कंपनी है, जो देश के कुल कोयला उत्पादन का करीब 10 फीसदी पैदा करती है. इस कंपनी के कोयले का 76 फीसदी से ज्यादा आपूर्ति आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में स्थित कोयले से बिजली बनाने वाले संयंत्रों में की जाती है. गौरतलब है कि देश की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड है, जिसमें ज्यादातर हिस्सेदारी केंद्र सरकार के पास है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 23, 2025, 06:48 IST