Last Updated:September 29, 2025, 21:27 IST

नई दिल्ली. सरकार ने लद्दाख के मामलों पर एपेक्स बॉडी लेह (ABL) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ किसी भी समय बातचीत के लिए हमेशा खुला रुख अपनाया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, “हम लद्दाख पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) या किसी अन्य मंच के माध्यम से ABL और KDA के साथ चर्चा का स्वागत करना जारी रखेंगे.”
लद्दाख पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) के माध्यम से एपेक्स बॉडी लेह (ABL) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के साथ स्थापित बातचीत तंत्र ने अब तक लद्दाख की अनुसूचित जनजातियों के लिए बढ़ा हुआ आरक्षण, LAHDCs में महिलाओं को आरक्षण, और स्थानीय भाषाओं का संरक्षण जैसे अच्छे परिणाम दिए हैं. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 1800 सरकारी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. सरकार के मुताबिक उन्हें विश्वास है कि निरंतर बातचीत निकट भविष्य में वांछित परिणाम देगी.
ग़ौरतलब है कि लेह एपेक्स बाडी जो कि लद्दाख रीजन के कई संगठनों की संयुक्त बॉडी है, जिसमें कारगिल प्रमुख ट्रक अलायंस भी शामिल है. उसने फ़िलहाल वार्ता में न शामिल होने की बात कही थी. एपेक्स बॉडी के इस रुख़ के बाद भारत सरकार की लद्दाख में शांति के लिए यह प्रतिक्रिया सामने आई है. लद्दाख में हिंसा के बाद लेह एपेक्स बॉडी लगातार यह मांग कर रही थी कि वहां हिंसा के दौरान मारे गए चार युवकों की मौत की जांच न्यायिक कमीशन करे.
बता दें कि लद्दाख में लेह हिंसा और सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद हालात कंट्रोल में हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच हिंसा में मारे गए चार में से दो युवकों का दोपहर में अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर बयान जारी करते हुए कहा था कि यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी. उन्होंने बताया कि वांगचुक 10 सितंबर से अपने आंदोलन की शुरुआत के बाद से ही लोगों को उकसाने का काम कर रहे थे.
डीजीपी एसडी सिंह जामवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा था कि उनके (सोनम वांगचुक) भाषणों में एक पैटर्न दिखाई देता है. वे लोगों को भड़काने और युवाओं को उकसाने वाले बयान दे रहे थे. उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल साफ है कि यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी. वह इसे भड़का रहे थे. वह हंगामा खड़ा करना चाहते थे और 10 सितंबर से जब उन्होंने अपना आंदोलन शुरू किया था और 24 सितंबर तक, उनके भाषणों में एक पैटर्न देखा जा सकता है. वह लोगों को भड़का रहे थे और उसी मंच पर कुछ अन्य लोग भी युवाओं को भड़काने वाले भाषण दे रहे थे. इसके परिणामस्वरूप 24 सितंबर को हिंसक घटनाएं हुईं.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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First Published :
September 29, 2025, 21:27 IST