Last Updated:October 01, 2025, 18:35 IST
BRO PROJECT SWASTIK: BRO ने सबसे ज्यादा निर्माण नॉर्दर्न बॉर्डर के लद्दाख, अरुणाचल, जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम में हुआ है. पिछले 60 साल में BRO ने 62,214 किलोमीटर की सड़कें, 1,005 पुल, 7 सामरिक महत्त्व की टनल और 21 एयर फील्ड का निर्माण किया है.

BRO PROJECT SWASTIK: बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन का गठन 1960 में हुआ था. सिर्फ दो प्रोजेक्ट्स पूर्वोत्तर में प्रोजेक्ट टसकर जिसे आज वर्तक के नाम से जाना जाता है और नॉर्थ में प्रोजेक्ट बीकॉन के साथ शुरू किया था. BRO 11 प्रोजेक्ट्स को देश के सीमावर्ती राज्यों में चला रही है. इनमें से सिक्किम में जारी प्रोजेक्ट स्वस्तिक को स्थापित हुए 65 साल पूरे हो गए. इन 65 साल में ना सिर्फ 1412 किलोमीटर से ज्यादा नई सड़के सीमावर्ती इलाके में बनाइ बल्कि 80 से ज्यादा पुलों का निर्माण किया गया. इन सभी के देखरेख की जिम्मेदारी भी बॉर्डर रोड़ के हाथों में है. सबसे बडी चुनोती है हर साल आने वाले सिक्किम में प्राक्रतिक आपदा. इसके बावजूद BRO सड़को के दुरुस्त कर कमूनिक्शन को सुचारू रखते है.
प्रोजेक्ट स्वस्तिक
1 अक्टूबर 1960 में स्थापित किया गया था बीआरओ प्रोजेक्ट स्वस्तिकसिक्किम की दूर दराज की घाटियों और फॉर्वर्ड इलाके को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ने का काम सौंपा गया. 65 साल में 1,412 किलोमीटर से अधिक सड़कों और 80 प्रमुख पुलों का निर्माण और रखरखाव किया है. पिछले दशक में 350 किलोमीटर से अधिक सड़कों, 26 पुलों और एक टनल का निर्माण पूरा किया. इस प्रोजेक्ट ने ग्लेशियर झीलों के फटने, बादल फटने और तीस्ता नदी की बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है. भविष्य की परियोजनाओं में 1,152.66 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिमी सिक्किम राजमार्ग, एनएच 310ए और एनएच 310 एजी का निर्माण शामिल है.ताबड़तोड़ बिछता सड़कों का जाल
भारतीय सेना 9,000 फीट से लेकर 19,000 फीट की ऊंचाई पर विषम परिस्थितियों में तैनात है. तैनाती और मुस्तैदी के लिए सबसे जरूरी है सड़कें. सरकार ने इस काम को प्राथमिकता देते हुए सड़कों का जाल बिछाया है। बॉर्डर रोड के कई प्रोजेक्ट सीमावर्ती इलाकों में जारी हैं. पहले जंग की सूरत में कम समय में सीमाओं तक पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती होती थी. अब ऐसा नहीं है, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ताबड़तोड़ बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में जुटी है.
नई तकनीक से मिली नई स्पीड
हाई एल्टीट्यूड एरिया में सड़कें बनाना वाकई किसी चुनौती से कम नहीं. बर्फबारी, माइनस तापमान और भारी बारिश के चलते साल में काम करने के लिए महज 4 से 5 महीने ही मिलते हैं. पहाड़ों में टनल के लिए ड्रिलिंग भी बहुत कठिन होती है, लेकिन नई तकनीक के उपकरण और BRO के जज़्बे के सामने सभी कठिनाइयां बौनी साबित हो रही हैं. सरकार ने तकनीक को प्राथमिकता देते हुए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को छूट दी है अपना काम करने के लिए. इस समर्थन से कार्यशैली में परिवर्तन किया और उसी के मिश्रण से यह तेजी आई है. चाहे सड़कें बनानी हों या फिर टनल, BRO दुनिया में तकनीक के मामले में सबसे बेहतर हो गई है. BRO ने साल 2021 में 102 प्रोजेक्ट्स, 2022 में 103 प्रोजेक्ट्स, 2023 में 125 और 2024 में 75 रोड और टनल को तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया है.
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First Published :
October 01, 2025, 18:35 IST