Last Updated:September 29, 2025, 19:07 IST
Tata Group Valuation Erode : टाटा समूह की कंपनियों के वैल्यूएशन में बड़ी गिरावट आई है. समूह की बाजार में लिस्टेड 16 में से 12 कंपनियों के मार्केट कैप में कमी देखी जा रही है.

नई दिल्ली. टाटा समूह को साल 2025 में 75 अरब डॉलर यानी करीब 6.66 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस साल सितंबर तक यानी 9 महीने में ही टाटा ग्रुप को इतना बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. इसकी वजह अमेरिका की ओर से वीजा नियमों को सख्त बनाना और साइबर अटैक को माना जा रहा है. टाटा समूह के तहत 16 कंपनियां आती हैं और यह देश का सबसे बड़ा कारोबारी समूह है. लेकिन, इस ग्रुप के मार्केट कैपिटल में 75 अरब डॉलर की कमी बताती है कि रतन टाटा के जाने के बाद से ही कंपनी के साथ चीजें ठीक नहीं चल रही हैं.
टाटा समूह की सभी 16 कंपनियों का सामूहिक बाजार मूल्य गिरकर 2 साल के निचले स्तर पर चला गया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट बताती है कि सिर्फ सितंबर महीने में ही टाटा समूह के वैल्यूएशन में 20 अरब डॉलर की गिरावट आई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिका के वीजा नियमों को सख्त किया है, टीसीसएस सहित कई कंपनियों पर इसका गहरा असर दिख रहा है. यही वजह है कि टाटा समूह को पिछले कई दशक में इतनी बड़ी गिरावट पहली बार झेलनी पड़ी है.
टीसीएस को सबसे ज्यादा नुकसान
टाटा समूह का क्राउन मानी जाने वाली आईटी कंपनी टीसीएस को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है. कंपनी को पिछले सप्ताह ही 8 फीसदी की गिरावट झेलनी पड़ी है, जो कोरोनाकाल में साल 2020 में हुए नुकसान के बाद सबसे ज्यादा है. अमेरिका ने जबसे एच-1बी वीजा की फीस बढ़ाई है, टीसीएस के अलावा इन्फोसिस और विप्रो को भी नुकसान झेलना पड़ा है. ब्लूमबर्ग के इंटेलीजेंस एनालिस्ट अनुराग राना और एंड्रयू गिरार्ड का कहना है कि वीजा नियमों की वजह से इन कंपनियों ने अपने आगे के कॉन्ट्रैक्ट भी लेने बंद कर दिए हैं.
टाटा मोटर्स में भी बड़ी गिरावट
टाटा समूह की दूसरी बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड के शेयरों में भी 5 फीसदी की गिरावट दिखी है, क्योंकि कंपनी के ओवरसीज प्लांट जगुआर लैंड रोअर पर साइबर अटैक हुआ था. यूके की इस लग्जरी कार मेकर ब्रांड ने अपने 2 अरब डॉलर के कर्ज का सुरक्षित रखने के लिए बड़े कदम उठाए. शेयर बाजार में लिस्टेड 16 में से 12 कंपनियों के मार्केट कैप में गिरावट आई है. तेजस नेटवर्क लिमिटेड ने तो अपने वैल्यू का 50 फीसदी गंवा दिया है, जबकि ट्रेंट लिमिटेड और नेलको में भी 33 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.
शेयर बाजार पर भी दबाव
ऐसा नहीं है कि अमेरिकी वीजा के नियमों का असर कंपनियों पर ही पड़ा है, बल्कि शेयर बाजार पर भी इसका दबाव साफ दिख रहा है. तभी तो लगातार 7 कारोबारी दिनों से गिरावट दिख रही है. निवेशकों के भी लाखों करोड़ रुपये बाजार में डूब चुके हैं. सबसे ज्यादा असर आईटी कंपनियों पर दिखा है, जहां जीएसटी की दरें घटाने के बाद आई डिमांड का भी असर नहीं दिख रहा है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 29, 2025, 19:07 IST