हूतियों के निशाने पर यूएई का बुर्ज खलीफा? क्या है सोशल मीडिया पर किए गए दावे की सच्चाई

7 hours ago

Houthi threaten: गाजा पर इजरायली हमलों के बाद दुनिया के तमाम मुस्लिम मुल्कों ने एक होने का ऐलान किया था. लेकिन क्या लंबे युद्ध में कंगाल हो चुका यमन अब इस्लामिक देश यूएआई (UAE) को धमका रहा है. क्या उसने बुर्ज खलीफा को उड़ाने का ऐलान किया है. ये सवाल हमने इसलिए लिखे क्योंकि कुछ सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि यमन ने अफ्रीकी देश सूडान में यूएई के दखल के चलते उसे ये धमकी दी है. बुर्ज खलीफा को उड़ाने की धमकी के पीछे क्या है पूरी खबर आप भी देखिए. 

क्या है सच्चाई?

यमन के गुस्से की चिंगारी अरब देशों तक क्यों पहुंची? अफ्रीका की हिफाजत से यमन का क्या है वास्ता? वहीं सूडान का खजाना बहाना बुर्ज खलीफा बनेगा निशाना?  यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती गुट और इजरायल के बीच काफी समय से तनातनी चल रही है. गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से हूती और इजरायल की आर्मी भी आमने-सामने है.

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चौंकाने वाले दावे का सच क्या है?

अमेरिका के दखल के बाद सीजफायर का ऐलान तो हुआ. लेकिन आर्थिक और सामरिक तौर पर कमजोर हूती के लिए खुद को खड़ा करना एक चैलेंज हो गया है. यही वजह है कि अब यमन के हवाले से सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि अगर सूडान और अफ्रीका में प्राकृतिक संसाधनों की चोरी के उद्देश्य से किए जा रहे नरसंहार को नहीं रोका गया. तो वे बुर्ज खलीफा सहित यूएई के प्रमुख शहरों पर हमला कर देंगे.

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आपको बता दें कि सोने की दौलत से मालामाल लेकिन गरीब अफ्रीकी देश सूडान इस समय सबसे खराब मानवीय आपदाओं से दो-चार हो रहा है.  सूडान के दारफुर में इस कदर अत्याचार और हत्याएं हुई हैं जिसे लेकर दुनिया के कई देशों ने चिंता जाहिर की है. 

सूडान की जंग

दरअसल सूडान में SAF और RSF के बीच सत्ता को लेकर वर्चस्व की जंग चल रही है. सूडान में SAF यानी सूडान आर्म फोर्स की लीडरशिप को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है. दावा किया जाता है कि SAF को मिस्र, तुर्की, रूस और ईरान का समर्थन प्राप्त है. वहीं सूडान की लोकल मिलिशिया RSF यानि रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ भी सत्ता में दाखिल होना चाहती है और दावा है कि RSF को संयुक्त अरब अमीरात का समर्थन हासिल है.

दावा किया जा रहा है कि युद्ध के दौरान रैपिड सपोर्ट फोर्स RSF के पास हथियारों और ईंधन के लिए कई आपूर्तिकर्ता थे. लेकिन मेन सप्लायर यूएई था. हालांकि यूएई ने बार-बार RSF का समर्थन करने से इनकार किया है. इस तरह के आरोपों को UAE सूडान की सेना का मीडिया अभियान बताते हुए माफी की मांग की है. आरोप तो यहां तक लगे कि यूएई ने ना सिर्फ लीबिया की सीमा से सीधे सूडान तक बल्कि चाड और युगांडा के रास्ते भी हथियारों की तस्करी की है और यूएई की नजर सूडान के सोने के भंडार पर है.

यही वजह है कि यमन ने इस बार सीधे सीधे UAE और उसके प्रमुख शहरों को बारूदी चेतावनी देकर पूरी दुनिया को अलर्ट कर दिया है. ज़ी न्यूज़ ऐसी अटकलों या दावों की पुष्टि नहीं करता है. 'मिसबार' की रिपोर्ट के मुताबिक यमन के संगठन हूती ने ऐसी कोई धमकी नहीं दी है.

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