Last Updated:October 17, 2025, 19:04 IST
What is OctaFX Ponzi Scam : साल 2019 में शुरू हुआ OctaFX पोंजी स्कैम पूरे 5 साल तक चला और रूसी नागरिक ने स्पेन में बैठकर भारतीयों के 5 हजार करोड़ रुपये हड़प लिए. 17 अक्टूबर को स्पेन की पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है.

नई दिल्ली. लालच जब किसी पर हावी हो जाती है तो अंजाम तक पहुंचने से पहले तक उसे आभास भी नहीं होता. व्यक्ति इस जाल में अपना सबकुछ गंवाने तक फंसता चला जाता है. ऐसा ही एक साल साल 2019 में स्पेन में बैठै एक व्यक्ति ने बिछाया था. रूसी नागरिक पावेल प्रोजोरोव खुद स्पेन में रहता था और ठगी के लिए लालच यह जाल भारत में बिछाया. साल 2019 से 2024 तक इस व्यक्ति ने बंपर रिटर्न दिलाने के नाम पर लोगों से हजारों करोड़ वसूले और सारे पैसे लेकर फरार हो गया. खुलासा होने पर भारतीय जांच एजेंसियों ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया और आज 17 अक्टूबर, 2025 को इस व्यक्ति को स्पेन से गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली.
यह फर्जीवाड़ा था ऑक्टाएफएम पोंजी स्कैम (OctaFX Ponzi Scam) जिसने हजारों भारतीयों को तगड़ा मुनाफा दिलाने का लालच देकर उनसे पैसे निवेश कराए गए. शुरुआत में कुछ लोगों को अच्छा रिटर्न भी दिलाया, लेकिन जैसे ही लोगों का भरोसा बढ़ा, स्कैमर्स पैसे लेकर फरार हो गए और इस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को भी बंद कर दिया गया. आखिर यह पूरा घोटाला किस तरह से शुरू हुआ और इसका खुलासा कैसे हुआ, इसकी पूरी जानकारी सिलसिलेवार ढंग से आपको देते हैं.
क्या था OctaFX Ponzi Scam
सबसे पहले आपको यह बताते हैं कि आखिर OctaFX क्या था. यह एक अंतरराष्ट्रीय फॉरेक्टस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म था, जिस पर करेंसी, कमोडिटी और क्रिप्टो ट्रेडिंग किया जाता था. इसके लिए बाकायदा www.octafx.com के नाम से वेबसाइट बनाई गई थी. इस प्लेटफॉर्म ने लोगों को मोटा मुनाफा देने का लालच दिया और झूठे वादों में फंसाकर उनसे जमकर निवेश कराया. प्रवर्तन निदेशायल यानी ईडी की मानें तो यह स्कैम पूरे 5 साल चला. साल 2019 में शुरू हुआ और 2024 तक इसमें लोगों ने अपने पैसे लगाए.
भारतीयों के कितने पैसे डूबे
जांच एजेंसी ने खुलासा किया है कि 5 साल तक चले इस स्कैम में भारतीयों ने करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया. सबसे खराब दौर जुलाई 2022 से अप्रैल, 2023 तक रहा, जिस दौरान 1,875 करोड़ रुपये की रकम को डुप्लीकेट किया गया. इस प्रक्रिया में स्कैमर्स ने 800 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. यह प्लेटफॉर्म बिना आरबीआई की अनुमति के चल रहा था, जिसमें शुरुआत में तो कुछ निवेशकों को मुनाफा दिलाया गया और फिर सारी रकम लेकर स्कैमर फरार हो गया.
मास्टरमाइंड से कितने पैसे की वसूली
ईडी ने मामले की जांच शुरू की और विदेशी एजेंसियों का भी सहारा लिया. स्कैम के मास्टरमाइंड रूसी नागरिक पावेल को स्पेन की पुलिस ने 17 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से 2,385 करोड़ रुपये के क्रिप्टो असेट बरामद किए गए हैं. इसके अललावा स्पेन स्थित उसकी प्रॉपर्टी और लग्जरी यॉट को भी जब्त कर लिया गया है. अब तक आरोपी से करीब 2,681 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं.
फर्जीवाड़े में कितने लोग शामिल
यह फर्जीवाड़ा काफी बड़े स्केल पर किया जा रहा था, जिसमें कई कंपनियों और लोगों की मिलीभगत थी. ईडी ने अब तक दो चार्जशीट फाइल की है, जिसमें 55 कंपनियों और 55 इंटीटीज का नाम शामिल है. इसमें 41 कंपनियां हैं और 13 लोगों के नाम सामने आए हैं. एक भारतीय अन्ना रुदैया का नाम भी सामने आया है, जो देश छोड़कर भाग चुकी हैं. रुदैया OctaFX इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ऑक्टामार्केट की सीईओ रही हैं.
कैसे लगाया निवेशकों को चूना
OctaFX ने शिकार ज्यादातर टियर-2 और 3 शहरों से चुने, जहां सेबी सहित अन्य नियामकों की ज्यादा नजर नहीं होती है. निवेशकों को प्लेटफॉर्म के जरिये 5 महीने में रकम दोगुनी करने और 8 महीने में तीन गुनी करने का लालच दिया गया. लोगों का भरोसा जीतने के लिए यह कंपनी आईपीएल में दिल्ली टीम की स्पांसर भी बनी. टीवी एक्ट्रेस क्रिस्टर डिसूजा, करण वाही और निया शर्मा के अलावा सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर्स और बॉलीवुड स्टार्स से भी इसका प्रचार करवाया और रेफरल प्रोग्राम के जरिये निवेशकों को भारी कमीशन का भी लालच दिया जिससे बड़ी संख्या में निवेशक प्लेटफॉर्म से जुड़ गए.
पैसा लूटने का क्या तरीका
इस प्लेटफॉर्म पर निवेशकों को फेक चार्ट दिखाए जाते थे और इंटेंशनल डिले के जरिये ट्रेड को मैनुपुलेट किया जाा था, ताकि निवेशक हमेशा घाटे में रहें और अपने पैसे लगाने से बचें. शुरुआत में पैसे निकालने की सुविधा दी, लेकिन अमाउंट बड़ा होने पर विड्रॉल को रिजेक्ट कर दिया गया. निवेशकों के पैसों को यूपीआई और अकाउंट के जरिये डमी कंपनियों, कमीशन पर चलने वाले खातों में ट्रांसफर कराया गया. बाद में इन पैसों को दुबई-सिंगापुर के रास्ते यूरोप में खपा दिया गया.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 17, 2025, 19:04 IST