Last Updated:November 08, 2025, 12:03 IST
Viral Post: टीसीएस के पूर्व एंप्लॉई ने सोशल मीडिया पर नौकरी जाने का दर्द बयां किया है. इस शख्स के मुताबिक, टीसीएस ने बैकग्राउंड चेक का हवाला देकर जॉइनिंग के मात्र 5 दिन बाद ही उससे इस्तीफा मांग लिया.
Viral Post: टीसीएस एंप्लॉई का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैनई दिल्ली (Viral Post). देश की प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से जुड़ी एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. इसने कॉर्पोरेट जगत में बैकग्राउंड चेक की प्रक्रिया और एंप्लॉई के अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक व्यक्ति ने दावा किया है कि टीसीएस में जॉइनिंग के ठीक 5 दिन बाद ही उसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. कर्मचारी ने बताया कि इस्तीफा मांगने का कारण उसके बैंकग्राउंड चेक में आई समस्या थी, जिसकी जानकारी उसे स्पष्ट रूप से नहीं दी गई.
टीसीएस के पूर्व एंप्लॉई का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ज्यादातर कंपनियां थर्ड-पार्टी एजेंसी के जरिए बैकग्राउंड चेक करवाती हैं. इनमें गड़बड़ी होना सामान्य बात है. लेकिन इस चक्कर में कई कर्मचारियों का करियर खतरे में पड़ जाता है. पीड़ित कर्मचारी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. उसने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि इतनी बड़ी कंपनी से इस तरह का अनैतिक और अनप्रोफेशनल व्यवहार अस्वीकार्य है. यह घटना सवाल उठाती है कि जॉइनिंग से पहले बैकग्राउंड चेक को वेरिफाई क्यों नहीं किया गया.
जॉइनिंग के बाद इस्तीफा देने का दावा
कर्मचारी ने अपनी व्यथा सोशल मीडिया पर शेयर की. उसने दावा किया कि उसे TCS में जॉइन किए हुए सिर्फ 5 दिन ही हुए थे, जिसके बाद उसे तुरंत इस्तीफा देने को कहा गया. कंपनी ने बैकग्राउंड चेक में कुछ गड़बड़ियों का हवाला दिया, लेकिन कर्मचारी को स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि असल समस्या क्या थी. कर्मचारी ने इस कार्रवाई को अस्वीकार्य और अनैतिक बताया क्योंकि उसने इस नौकरी के लिए अपनी पिछली जॉब छोड़ दी थी और अब वह 5 दिनों में ही जॉबलेस हो गया था.
बैकग्राउंड चेक और HR प्रक्रिया पर सवाल
इस घटना ने बैकग्राउंड चेक की प्रक्रिया पर कई सवाल उठाए हैं. अगर बैकग्राउंड चेक में कोई गंभीर समस्या थी तो उसे जॉइनिंग से पहले ही पता लगाया जाना चाहिए था. जॉइनिंग के बाद इस्तीफा मांगना दर्शाता है कि या तो प्रक्रिया में देरी हुई या जांच में कोई त्रुटि थी. सिर्फ यही नहीं, कर्मचारी को विसंगति के बारे में स्पष्ट और ठोस जानकारी भी नहीं दी गई. इससे पारदर्शिता में कमी का अंदाजा लगाया जा सकता है. थर्ड-पार्टी वेंडर द्वारा किए जाने वाले बैकग्राउंड चेक में डेटा एंट्री या कम्युनिकेशन से जुड़ी गड़बड़ियां आम हैं.
Viral Post: टीसीएस के पूर्व एंप्लॉई ने स्पष्टीकरण मांगा है
कंपनी की नैतिक जिम्मेदारी
टीसीएस जैसी बड़ी आईटी कंपनी पर नैतिक जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्मचारियों के साथ प्रोफेशनल व्यवहार करे. अचानक मांगे गए इस्तीफे के कारण कर्मचारी को आर्थिक नुकसान हुआ है. शख्स ने वायरल पोस्ट में लिखा कि इंटरव्यू और जॉइनिंग की प्रक्रिया के बीच उसे कई बार 240 किमी की यात्रा करनी पड़ी. इस समय उसकी परीक्षाएं भी चल रही थीं. जहां ज्यादातर कंपनियां फ्रेशर के तौर पर शख्स को 20 हजार रुपये सैलरी दे रही हैं, वहीं उसकी पूर्व कंपनी ने कैश में सैलरी लेने पर 30 हजार रुपये का ऑफर दिया था.
कर्मचारी ने कंपनी से स्पष्टीकरण और उचित कार्रवाई की मांग की है.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
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First Published :
November 08, 2025, 12:03 IST

8 hours ago
