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Last Updated:November 08, 2025, 09:43 IST
Today LIVE: देश के डिफिकल्ट बॉर्डर एरिया में सेना की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. सर क्रीक से लेकर थार रेगिस्तान और हिमालय तक से लगती सीमा क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर...और पढ़ें

लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में 13 डिफेंस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. (फाइल फोटो)
Today LIVE: राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की स्थायी समिति ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में 13 रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दी है. हाल ही में हुई समिति की 86वीं बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिसमें हिमालय क्षेत्र में इकोलॉजिकल सिस्टम की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया. यह प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा प्रस्तुत किया गया था. इसमें नए सीमा चौकियों, एक ब्रिगेड मुख्यालय, गोला-बारूद भंडारण और प्रशिक्षण सुविधाओं और पुल और पुलिया कार्य शामिल हैं. स्वीकृत प्रस्तावों में से एक में अरुणाचल प्रदेश के ईगलनेस्ट वन्यजीव अभयारण्य के इको-सेंसिटिव ज़ोन (ESZ) के 0.37 हेक्टेयर भूमि का उपयोग शामिल है. इस भूमि का उपयोग बालिपारा-चारदुआर-तवांग सड़क पर 158 मीटर लंबे स्थायी पुल के निर्माण के लिए किया जाएगा, जो प्रोजेक्ट वर्तक के तहत है. यह क्षेत्र वैश्विक स्तर पर जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में मान्यता प्राप्त है और एक महत्वपूर्ण हाथी गलियारे के रूप में कार्य करता है. मंजूरी के साथ एक शमन योजना भी दी गई है, जिसमें निर्माण कार्य केवल दिन के समय में किया जाएगा, गति सीमा निर्धारित की जाएगी और कचरा और शोर नियंत्रण के कड़े उपाय लागू किए जाएंगे.
लद्दाख के संरक्षित क्षेत्रों में प्रमुख रक्षा स्वीकृतियां
लद्दाख में चांगथांग कोल्ड डेजर्ट और काराकोरम (नुब्रा-शायोक) वन्यजीव अभयारण्यों के भीतर कई प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. इनमें चुशुल में 3.7 हेक्टेयर में फैली 315 फील्ड वर्कशॉप कंपनी शामिल है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास 142 इन्फैंट्री ब्रिगेड का समर्थन करेगी. पैनल ने त्सोग्त्सालु में 24.2 हेक्टेयर में फैली एक फॉर्मेशन गोला-बारूद भंडारण सुविधा (FASF) और काराकोरम अभयारण्य में KM-47 पर 47.1 हेक्टेयर में एक और FASF को भी मंजूरी दी. तारा में 48.6 हेक्टेयर का एक प्रशिक्षण नोड क्षेत्र, जो समुद्र तल से लगभग 15,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, को भी मंजूरी दी गई, ताकि सैनिक उच्च ऊंचाई पर यथार्थवादी सामरिक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें. इसके अतिरिक्त समिति ने 142 इन्फैंट्री ब्रिगेड के लिए एक ब्रिगेड मुख्यालय और सहायक इकाइयों की स्थापना के लिए चुषुल में 40 हेक्टेयर के उपयोग को मंजूरी दी.
काराकोरम में भी प्रोजेक्ट मंजूर
अन्य स्वीकृतियों में काराकोरम अभयारण्य के अंदर KM-148 पर 9.46 हेक्टेयर में एक तोपखाना बैटरी और KM-120 पर 8.16 हेक्टेयर में एक सेना शिविर शामिल हैं. समिति ने क्वाज़ी लैंगर, बोपसांग लुंगपा और KM-156 पर तीन नए ITBP सीमा चौकियों को भी मंजूरी दी, जिनमें से प्रत्येक का क्षेत्रफल लगभग 1.62 हेक्टेयर है, साथ ही KM-80 पर 0.1 हेक्टेयर में एक ट्रांजिट डिटैचमेंट को भी मंजूरी दी. नयोमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के पास मुद के निकट एक छोटे ह्यूम पाइप पुलिया को भी मंजूरी दी गई ताकि इंद्र नदी के पार सैनिकों और आपूर्ति की आवाजाही में सुधार हो सके.
November 8, 2025 09:43 IST
LIVE: समाज केवल कानून से नहीं, बल्कि संवेदना से भी चलता है: मोहन भागवत
ब्रेकिंग न्यूज लाइव: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बेंगलुरु में हुए नेले फाउंडेशन के रजत जयंती समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि एक अच्छा काम 25-50 साल चलाना कठिन होता है, क्योंकि अच्छा काम करते हैं तो रास्ता हमेशा थकाने वाला और कठिन होता है, लेकिन इतने लंबे समय तक अच्छा काम करते रहना हम सबके लिए आनंद का विषय है. मोहन भागवत ने कहा कि समाज केवल कानून से नहीं चलता है, बल्कि संवेदना से भी चलता है. एक अपनापन होता है. हम सभी को उस अपनेपन की संवेदना, उत्कृष्टता से अपने हृदय में अभिभूत करके उसे जागरूक रखने का काम करना चाहिए. तब हमारा समाज, भारतवर्ष, खड़ा होगा और हम विश्वगुरु बनेंगे. यह जो अपनापन है, वही हम सभी लोगों का मूल स्वरूप है. सभी लोगों में एक ही अस्तित्व है; उसी को हमारी परंपरा में ब्रह्म या ईश्वर कहते हैं, जिसे आज विज्ञान भी मानता है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 08, 2025, 09:39 IST

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