Last Updated:September 12, 2025, 12:41 IST
Rahul Gandhi Security Protocol: सीआरपीएफ ने राहुल गांधी की विदेश यात्राओं में सुरक्षा प्रोटोकॉल उल्लंघन पर चिंता जतायी. सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने 2020 से 113 बार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है.

Rahul Gandhi Security Protocol: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की विदेश यात्राओं के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल में बार-बार चूक पर चिंता जतायी है. उसने चेतावनी दी कि इस तरह के उल्लंघन से उन्हें गंभीर खतरा हो सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे एक पत्र में सीआरपीएफ ने उनकी सुरक्षा प्रक्रियाओं पर चिंता जताई. सीआरपीएफ ने कहा कि अग्रिम सुरक्षा संपर्क (Advance Security Liaison) टीम के साथ जेड प्लस कवर प्राप्त करने के बावजूद राहुल गांधी ने कई मौकों पर अनिवार्य सुरक्षा उपायों का पालन नहीं किया. सीएपीएफ ने राहुल गांधी को एक अलग पत्र भेजकर कहा कि उनकी चूक उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि पत्र में इस मुद्दे को गंभीर चिंता का विषय बताया गया है. उन्होंने राहुल गांधी से भविष्य में दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है. सीआरपीएफ ने कहा कि स्थापित प्रक्रियाओं का कोई भी उल्लंघन वीवीआईपी सुरक्षा व्यवस्था के प्रभाव को कमजोर करता है. पत्र में राहुल गांधी की विदेश यात्राओं का हवाला देते हुए इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया जैसे स्थानों का जिक्र किया गया है.
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राहुल गांधी पर क्या हैं आरोप
पत्र में कहा गया है कि विपक्षी नेता निजी और राजनीतिक दोनों ही कारणों से अक्सर विदेश यात्राएं करते रहते हैं. ‘येलो बुक’ प्रोटोकॉल के तहत उच्च सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को अपनी सुरक्षा शाखा को अपनी सभी गतिविधियों जिनमें विदेश यात्राएं भी शामिल हैं के बारे में पहले से सूचित करना जरूरी है ताकि पर्याप्त व्यवस्था की जा सके. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि गांधी ने इस प्रक्रिया का लगातार पालन नहीं किया है. राहुल गांधी पर मुख्य तौर पर ये आरोप है कि उन्होंने पिछली छह विदेश यात्राएं बिना सिक्योरिटी एजेंसीज की जानकारी के की हैं. विदेशी ट्रिप पर जाने पर भी क्या सुरक्षा ले जानी होती है, ये नॉर्म क्या है. आइए विस्तार से समझते हैं कि विदेशी यात्रा पर सुरक्षा क्यों जरूरी होती है और इसको लेकर क्या नियम होते हैं.
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विदेश में क्या है सुरक्षा प्रोटोकॉल
भारत के किसी भी प्रमुख नेता या पूर्व प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर उन्हें सुरक्षा देना जरूरी होता है. ताकि उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. किसी संभावित आतंकवादी, राजनीतिक विरोधी या अन्य खतरे से उनका बचाव हो सके. यात्रा के दौरान देश की प्रतिष्ठा सुरक्षित रहे. यात्रा के दौरान उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. क्योंकि राहुल गांधी ने पिछले छह विदेशी दौरे बिना सुरक्षा एजेंसियों को सूचित दिए किए. इससे यह माना जा रहा है कि वह नियमों का उल्लंघन कर व्यक्तिगत इच्छानुसार यात्रा पर गए. उन्हें विशेष सुरक्षा नहीं मिली होगी, जिससे उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा का सवाल उठता है. सरकार का कहना है कि किसी वीआईपी तक सुरक्षा एजेंसियों की पहुंच जरूरी होती है, ताकि उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके.
पूर्व सूचना देना: विदेश यात्रा से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) सिक्योरिटी एजेंसीज (RAW, IB, SPG या एसपीजी के विशेष सुरक्षा दस्ते) को पूरी यात्रा का कार्यक्रम (Itinerary) देना अनिवार्य होता है. यात्रा का मकसद, तिथियां, ठहरने की जगहें, मुलाकातों और सभी तरह के कार्यक्रम आदि की पूरी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को देनी होती है.
सुरक्षा दस्ते का साथ देना: पूर्व पीएम और महत्वपूर्ण नेताओं को विदेश यात्रा के दौरान भारत सरकार द्वारा नियुक्त प्रमुख सुरक्षा दस्ते (Special Protection Group) या अन्य संबंधित एजेंसियों के सुरक्षा अधिकारी साथ रहते हैं. इन सुरक्षा कर्मियों की जिम्मेदारी होती है कि नेता सुरक्षित रहे, उन्हें अनजान जगहों पर सही मार्ग पर ले जाएं, संभावित खतरे से बचाएं और आपातकालीन परिस्थितियों में सही निर्णय लें.
प्रोटोकॉल का पालन करना: यात्रा के दौरान देश की विदेश नीति, सुरक्षा दिशा-निर्देश, स्थानीय कानूनों का पालन जरूरी होता है.सुरक्षा एजेंसियों से सहयोग करते हुए निर्धारित पॉलिसी के तहत यात्रा पूरी करनी होती है.
संपर्क में रहना: विदेश यात्रा के दौरान सुरक्षा एजेंसी से लगातार संपर्क बनाए रखना होता है. यात्रा की हर गतिविधि, कार्यक्रम आदि की जानकारी लगातार अपडेट करनी होती है.
अगर ये नियम नहीं माने जाएं तो क्या खतरा हो सकता है?
नेता की निजी सुरक्षा पर खतरा.
देश की प्रतिष्ठा पर असर.
किसी षड्यंत्र या हमला की साजिश होने पर समय पर रोकथाम नहीं हो पाती.
यात्रा के दौरान देश के हितों से जुड़े संवेदनशील निर्णयों पर गलत जानकारी फैल सकती है
सरकार से ट्रैवल क्लियरेंस न मिलने पर यात्रा अवैध मानी जा सकती है.
राहुल गांधी को मिली है कौन सी सुरक्षा
,लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा विंग ‘जेड प्लस’ (एएसएल) सशस्त्र सुरक्षा प्रदान करता है. जब भी वह कहीं जाते हैं लगभग 10-12 सशस्त्र सीआरपीएफ कमांडो उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं. उन्नत सुरक्षा संपर्क (एएसएल) के तहत सीआरपीएफ उन स्थानों की पहले से ही टोह लेता है जहां नेता विपक्ष को जाना होता है. दरअसल अर्धसैनिक बल की वीआईपी सुरक्षा इकाई ने गांधी की घरेलू यात्राओं के दौरान और विदेश यात्रा से पहले उनकी कुछ ‘बिना सूचना के अनिर्धारित गतिविधियों’ को चिह्नित किया है.
2020 से 113 बार किया उल्लंघन
सूत्रों के अनुसार पत्र में कहा गया है कि राहुल गांधी द्वारा दिशानिर्देशों के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन कई मौकों पर किया गया था. इस बारे में उन्हें समय-समय पर सूचित किया गया था. इसमें कहा गया है, “2020 से 113 उल्लंघन देखे गए हैं और विधिवत सूचित किए गए हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दिल्ली चरण के दौरान भी सुरक्षा दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया.
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कांग्रेस ने पत्र भेजने के समय पर उठाए सवाल
इस बीच कांग्रेस ने पत्र के समय और तत्काल सार्वजनिक रिलीज पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा, “यह ऐसे समय में आया है जब राहुल गांधी चुनाव आयोग की मिलीभगत से भाजपा द्वारा की गयी वोट चोरी के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं.” उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “क्या यह विपक्ष के नेता को डराने की एक छिपी हुई कोशिश है, जिन्होंने पहले ही एक और खुलासे की घोषणा कर दी है? क्या सरकार उनके द्वारा उजागर किए जाने वाले सच से घबरा गई है?”
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 12, 2025, 12:41 IST