मणिपुर से भी छोटे देश की मदद क्यों कर रहा है भारत? रेबीज वैक्सीन की 10 हजार डोज भेजी

7 hours ago

India sends Rabies to Island Timor Leste: भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने बीते सोमवार को बताया कि भारत ने तिमोर-लेस्ते को रेबीज के प्रकोप से निपटने में मदद के लिए रेबीज वैक्सीन की 10,000 खुराकें और रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन की 2,000 शीशियां भेजी हैं. भारत ने ग्लोबल साउथ के लिए एक भरोसेमंद हेल्थ पार्टनर के तौर पर अपने रोल को कंफर्म किया.

भारत की तरफ से गिफ्ट
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने एक पोस्ट में कहा, "भारत ने तिमोर-लेस्ते को रेबीज के आउटब्रेक से निपटने में मदद के लिए रेबीज वैक्सीन की 10,000 खुराकें और रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन की 2,000 शीशियों की एक अर्जेंट खेप भेजी है. भारत ग्लोबल साउथ के लिए एक विश्वसनीय स्वास्थ्य भागीदार और भरोसमेंद फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनने के लिए कमिटेड है."

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India has dispatched an urgent consignment of 10,000 doses of rabies vaccine and 2,000 vials of rabies immunoglobulin to Timor Leste, to assist in combating an outbreak.

 remains committed to being a trusted health partner & reliable #FirstResponder to the Global South.

pic.twitter.com/L6ZsU3g95h

— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) November 3, 2025

वैक्सीन की जरूरत क्यों?
WHO के मुताहिक, तिमोर-लेस्ते में मार्च 2024 में पहला ह्यूमन रेबीज मामला सामने आया था. इसके बाद, WHO ने देश के स्वास्थ्य मंत्रालय को रेबीज वैक्सीन की 6,000 खुराकें और इम्युनोग्लोबुलिन की 2,000 खुराकें दी थी. नेशनल रिस्पॉन्स को और मजबूत करने के लिए 31 अगस्त को WHO की तरफ से हासिल वैक्सीन की 10,000 एक्सट्रा डोजेज और RIG की 1,000 खुराकें डिलि (Dili) पहुंचाई गईं.

रेबीज के खिलाफ कदम
तिमोर-लेस्ते सरकार ने एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है जो रेबीज उन्मूलन के लिए जन जागरूकता के साथ-साथ मानव और पशु स्वास्थ्य के प्रयासों को जोड़ते हुए, विभिन्न क्षेत्रों में उपायों का समन्वय करने के लिए प्रतिदिन बैठकें करती है. भारत और इंडोनेशिया की सरकारों सहित, साझेदारों के सहयोग से, WHO ने 12,000 अतिरिक्त वैक्सीन खुराकों और RIG की 2,000 खुराकों की सप्लाई में मदद की है, जो इस आउटब्रेक के खिलाफ एक सामूहिक क्षेत्रीय प्रयास का प्रतीक है.

भारत क्यों भेज रहा है वैक्सीन?
भारत तिमोर-लेस्ते के साथ लॉन्ग टर्म राजनयिक संबंध शेयर करता है और इस मुल्क की आजादी के बाद औपचारिक संबंध कायम करने वाले पहले देशों में से एक रहा है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मई 2002 में तिमोर-लेस्ते के स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लिया था, जिसके बाद जनवरी 2003 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए एक मेमोरेंडम पर दस्तखत किए गए थे.

आसियान में शामिल हुआ
ये मदद ऐसे वक्त में आई है जब तिमोर-लेस्ते ने एक अहम राजनयिक उपलब्धि हालिस की है. 26 अक्टूबर को, कुआलालंपुर में आयोजित 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान, देश को औपचारिक रूप से आसियान के 11वें सदस्य के रूप में शामिल किया गया, जो 26 सालों में समूह का पहला विस्तार था.

पीएम मोदी ने किया स्वागत
पीएम नरेंद्र मोदी ने 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान तिमोर-लेस्ते के आसियान में शामिल होने का स्वागत किया. आसियान को "भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मेन पिलर" बताते हुए, मोदी ने कहा कि भारत और आसियान मिलकर "विश्व की एक-चौथाई आबादी" का प्रतिनिधित्व करते हैं और "गहरे ऐतिहासिक संबंध और साझा मूल्य" शेयर करते हैं. पीएम मोदी ने कहा, "मैं आसियान के नए सदस्य के रूप में तिमोर-लेस्ते का स्वागत करता हूं." उन्होंने थाईलैंड की राजमाता, रानी सिरीकित (Queen Sirikit) के निधन पर भी शोक व्यक्त किया. 

(इनपुट-एएनआई)

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