यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में दीपावाली, पीएम मोदी ने जताई खुशी

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Last Updated:December 10, 2025, 12:15 IST

Deepawali UNESCO Cultural Heritage List: दीपावली को यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया है. दिल्ली के लाल किले में यूनेस्को की अंतरसरकारी समिति के 20वें सत्र में इसकी घोषणा हुई. अब भारत की 16 परंपराएं इस सूची में हैं.

दीपावाली को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल किया गयादीपावली संपूर्ण भारत का सबसे बड़ा त्योहार है.

Deepawali UNESCO Cultural Heritage List: भारत के सबसे बड़े और प्रिय सांस्कृतिक उत्सव दीपावली को आज यूनेस्को ने आधिकारिक रूप से मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिष्ठित सूची में शामिल कर लिया. यह घोषणा दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर चल रहे यूनेस्को की अंतरसरकारी समिति के 20वें सत्र में की गई. लाल किले के दीवान-ए-आम में जैसे ही यूनेस्को के महानिदेशक की ओर से दीपावली के नाम की घोषणा हुई, पूरा सभागार तालियों और ‘वंदे मातरम’, ‘भारत माता की जय’ तथा ‘जय हिंद’ के गगनभेदी नारों से गूंज उठा.

संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, राजनयिकों और सांस्कृतिक विशेषज्ञों ने इसे भारत की सांस्कृतिक समृद्धि की एक और वैश्विक स्वीकारोता बताया.यह पहला अवसर है जब भारत यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए अंतरसरकारी समिति के सत्र की मेजबानी कर रहा है. 8 दिसंबर से 13 दिसंबर तक चलने वाले इस छह दिवसीय सत्र में 180 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.

भारत की कुल 16 परंपराएं अब यूनेस्को की सूची में

दीपावली के साथ ही भारत की कुल 16 परंपराएं अब यूनेस्को की इस सूची में शामिल हो चुकी हैं. इनमें पहले से मौजूद कुंभ मेला, योग, वैदिक मंत्रोच्चार, रामलीला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा, केरल का मुदियेट्टू, छऊ नृत्य, बौद्ध मंत्र जाप की हिमालयी परंपरा, नवरोज और संक्रांति-पोंगल-बैसाखी जैसे त्योहार शामिल हैं.

संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि दीपावली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की जीत, ज्ञान पर अज्ञान की विजय और अच्छाई पर बुराई के उत्सव का विश्वव्यापी प्रतीक है. यूनेस्को का यह सम्मान करोड़ों भारतीयों के साथ-साथ विश्व भर में दीपावली मनाने वाले हर समुदाय के लिए गर्व का क्षण है. यूनेस्को के अधिकारियों ने इसे विश्व के सबसे बड़े सामूहिक प्रकाश उत्सव के रूप में सराहा, जो परिवार, समुदाय और पर्यावरण के साथ गहरा जुड़ाव रखता है. अब दीपावली को वैश्विक स्तर पर संरक्षण और प्रचार के लिए विशेष सहायता और मान्यता मिलेगी. भारत ने इस सत्र में कुल तीन नई नामांकन प्रस्तुत किए थे, जिनमें से दीपावली को तत्काल मंजूरी मिल गई है. शेष दो पर चर्चा जारी है.लाल किला आज एक बार फिर भारतीय संस्कृति की जीत का साक्षी बन गया.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

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December 10, 2025, 12:13 IST

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दीपावाली को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल किया गया

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