Last Updated:December 10, 2025, 12:43 IST
शशि थरूर को वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड 2025 दिए जाने की खबर आई है. यह अवॉर्ड समारोह दिल्ली में होना हैं, जिसमें राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे. हालांकि अब कांग्रेस सांसद ने इस अवार्ड को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी है.
शशि थरूर ने साफ किया कि वह वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड स्वीकार नहीं करेंगे. (फाइल फोटो)कांग्रेस सांसद शशि थरूर को वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड 2025 दिए जाने की खबर सामने आई है. आयोजकों की ओर से दावा किया गया कि शशि थरूर उन छह लोगों में शामिल हैं, जिन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा. यह अवॉर्ड समारोह आज यानी 10 दिसंबर को ही दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन हॉल में आयोजित किया जाना है, जिसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, जबकि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे.
हालांकि, इस पूरे मामले पर खुद शशि थरूर ने अब स्थिति साफ कर दी है. थरूर ने साफ शब्दों में कहा है कि वह न तो इस पुरस्कार को स्वीकार कर रहे हैं और न ही इस कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे कुछ नहीं मिल रहा है. मुझे इसके बारे में कल ही पता चला और मैं वहां नहीं जा रहा हूं.’
सावरकर अवार्ड पर क्या कह रहे शशि थरूर?
शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें इस अवॉर्ड के बारे में सिर्फ मीडिया रिपोर्ट्स से जानकारी मिली, वह भी तब जब वह केरल में स्थानीय निकाय चुनावों के सिलसिले में व्यस्त थे. उन्होंने साफ किया कि न तो उन्हें इस पुरस्कार के लिए पहले से कोई सूचना दी गई थी और न ही उन्होंने इसकी स्वीकृति दी थी. थरूर ने आयोजकों के रवैये को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताते हुए कहा कि बिना किसी सहमति के उनका नाम सार्वजनिक कर देना पूरी तरह गलत है.
अपने बयान में थरूर ने यह भी कहा कि जब तक पुरस्कार की प्रकृति, उसे देने वाली संस्था और उसके पीछे के उद्देश्य को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जाती, तब तक इस पुरस्कार को स्वीकार करने या समारोह में शामिल होने का सवाल ही पैदा नहीं होता. उनका साफ कहना था कि इस पूरे मामले में उन्हें अंधेरे में रखा गया और अचानक उनका नाम घोषित कर दिया गया.
शशि थरूर को अवार्ड के लिए क्यों चुना गया?
दरअसल आयोजकों की ओर से दावा किया गया था कि शशि थरूर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके व्यापक प्रभाव और योगदान को देखते हुए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. उनके साथ पांच अन्य हस्तियों को भी विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए सम्मानित किया जाना है.
इस बीच कांग्रेस के भीतर से भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. केरल के प्रमुख अखबार मनोरमा के मुताबिक, कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन ने दो टूक कहा है कि कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता सावरकर के नाम से जुड़े किसी भी पुरस्कार को स्वीकार नहीं करेगा. उनके इस बयान को शशि थरूर के रुख के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है.
दरअसल, हाल के दिनों में शशि थरूर अपने कुछ बयानों को लेकर कांग्रेस के भीतर असहजता का कारण भी बने हैं, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुछ नीतियों और कदमों की सार्वजनिक सराहना को लेकर. ऐसे में जब सावरकर के नाम से जुड़े पुरस्कार में उनका नाम सामने आया, तो राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठने लगा कि क्या थरूर वास्तव में इसे स्वीकार करेंगे. अब खुद थरूर के बयान के बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि वह इस पुरस्कार से खुद को अलग रख रहे हैं.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 10, 2025, 12:43 IST

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