महा-डील: 79,000 करोड़ से खरीदे जाएंगे वो हथियार जो युद्ध का नक्शा बदल देंगे

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Last Updated:December 29, 2025, 15:54 IST

हवा में 'अस्त्र' मिसाइल, जमीन पर 'पिनाका' की दहाड़ और समंदर में ड्रोन की पैनी नजर. साल 2025 के जाते-जाते मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा धमाका किया है. 79,000 करोड़ रुपये की मेगा-डील को हरी झंडी मिल गई है, जिससे भारतीय सेना अब पहले से कहीं ज्यादा घातक और हाईटेक होने जा रही है.

  79,000 करोड़ से खरीदे जाएंगे वो हथियार जो युद्ध का नक्शा बदल देंगेभारत सरकार ने बड़ी ड‍िफेंस डील को मंजूरी दी.

नई दिल्ली: साल 2025 की विदाई एक ऐसी खबर के साथ हो रही है जो सरहद पार दुश्मनों के होश फाख्ता कर देगी. 29 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) की बैठक में इंडियन आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के लिए खजाने का मुंह खोल दिया गया है. करीब 79,000 करोड़ के रक्षा सौदों को शुरुआती मंजूरी दे दी गई है. इस फैसले का मतलब साफ है क‍ि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक तैयारी कर रहा है. आइए जानते हैं, आपके टैक्स के पैसों से देश की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से ‘ब्रह्मास्त्र’ खरीदे जा रहे हैं.

आर्मी: ‘सुसाइड ड्रोन’ और पिनाका की लंबी रेंज

पिनाका रॉकेट सिस्टम: थल सेना को जो हथियार मिलने वाले हैं, वे सीधे तौर पर मॉडर्न वॉरफेयर की जरूरतों को पूरा करेंगे.दुश्मन के बंकरों को तबाह करने के लिए मशहूर ‘पिनाका रॉकेट सिस्टम’ अब और ज्यादा खतरनाक होगा. इसके लिए लंबी दूरी के गाइडेड रॉकेट खरीदे जाएंगे, जो सटीक निशाना लगाकर तबाही मचाएंगे.

लाइटर म्यूनिशन: इसे आसान भाषा में ‘सुसाइड ड्रोन’ या ‘कामिकेजी ड्रोन’ कहा जाता है. ये आसमान में मंडराते रहेंगे और जैसे ही दुश्मन का टैंक या ठिकाना दिखेगा, उस पर गिरकर खुद को उड़ा लेंगे.

ड्रोन का तोड़: आज के दौर में छोटे ड्रोन सबसे बड़ा खतरा हैं. इससे निपटने के लिए इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम को मंजूरी मिली है, जो दुश्मन के जासूसी ड्रोन्स को हवा में ही जाम कर देगा या मार गिराएगा.

हल्के रडार: पहाड़ों पर तैनाती के लिए लो-लेवल लाइट वेट रडार आएंगे, जो नीची उड़ान भरने वाले दुश्मन के विमानों को पकड़ सकेंगे.

एयरफोर्स : ‘अस्त्र’ से मचेगा कोहराम और बालाकोट वाली ताकत

अस्त्र Mk-II: यह ‘बियांड विजुअल रेंज’ एयर-टू-एयर मिसाइल है. यानी पायलट को दुश्मन का जहाज देखने की भी जरूरत नहीं, रडार पर लॉक किया और मीलों दूर से ही उसे राख कर दिया. यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक है.

स्पाइस-1000: आपको बालाकोट एयरस्ट्राइक याद है? वहां स्पाइस-2000 बम गिराए गए थे. अब वायुसेना को SPICE-1000 गाइडेंस किट्स मिलेंगी. यह सामान्य बमों को ‘स्मार्ट बम’ में बदल देती हैं, जो पिन-पॉइंट एक्यूरेसी के साथ दुश्मन के ठिकाने को तबाह करते हैं.

तेजस सिम्युलेटर: देश के गौरव ‘तेजस’ फाइटर जेट के पायलटों की ट्रेनिंग को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए फुल मिशन सिम्युलेटर खरीदे जाएंगे.

इंडियन नेवी: हिंद महासागर पर ‘बाज’ जैसी नजर

समंदर में चीन की बढ़ती चालबाजी को देखते हुए नेवी को सर्विलांस (निगरानी) में सबसे बड़ी ताकत दी जा रही है.

HALE ड्रोन: यानी हाई अल्‍टीट्यूड लॉंग रेंज एंड्यूरेंस ड्रोन. ये ड्रोन हजारों फीट की ऊंचाई पर घंटों तक उड़ सकते हैं. हिंद महासागर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए ये भारत की ‘तीसरी आंख’ साबित होंगे.

सुरक्ष‍ित कम्‍युन‍िकेशन: युद्ध के दौरान दुश्मन सबसे पहले कम्यूनिकेशन काटता है. इससे बचने के लिए हाई फ्रीक्वेंसी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो खरीदे जाएंगे, जो हैक-प्रूफ बातचीत सुनिश्चित करेंगे. बंदरगाहों पर बड़े युद्धपोतों और पनडुब्बियों को संभालने के लिए पावरफुल बोलार्ड पुल टग्स भी बेड़े में शामिल होंगे.

आत्मनिर्भरता की नई उड़ान

इस पूरी खरीद प्रक्रिया की सबसे खास बात यह है कि इसमें ‘मेक इन इंडिया’ पर भारी जोर दिया गया है. 79,000 करोड़ का यह निवेश न केवल सेना को मजबूती देगा, बल्कि भारत की अपनी डिफेंस इंडस्ट्री को भी एक नई उड़ान देगा. 29 दिसंबर 2025 का यह फैसला आने वाले कई दशकों तक भारत की सुरक्षा को अभेद्य किले में तब्दील करने वाला साबित होगा.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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First Published :

December 29, 2025, 15:54 IST

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