नई दिल्ली (Bihar Smallest District). बिहार अपनी समृद्ध संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक विविधता के लिए जाना जाता है. इस राज्य में 38 प्रशासनिक जिले हैं, जिनमें से कुछ क्षेत्रफल की दृष्टि से काफी विशाल हैं तो वहीं कुछ बहुत छोटे हैं. इन छोटे जिलों की भी अपनी अनूठी पहचान और विशेषताएं हैं, जो इन्हें बिहार के मैप पर अहम स्थान दिलाती हैं. बिहार का सबसे छोटा जिला शिवहर अपनी भौगोलिक सीमा से कहीं अधिक धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व के लिए जाना जाता है.
शिवहर (Sheohar) जिले को क्षेत्रफल की दृष्टि से बिहार का सबसे छोटा जिला माना जाता है. जनसंख्या की दृष्टि से शेखपुरा सबसे छोटा है, लेकिन क्षेत्रफल के मामले में शिवहर सबसे छोटा है. शिवहर का क्षेत्रफल मात्र 443 वर्ग किलोमीटर है. यह जिला 6 अक्टूबर 1994 को सीतामढ़ी जिले से अलग होकर स्वतंत्र इकाई के रूप में अस्तित्व में आया. शिवहर जिला राजनीतिक, धार्मिक और कृषि क्षेत्र में खास जगह रखता है, जिसकी वजह से इसकी पहचान सिर्फ इसके छोटे आकार तक सीमित नहीं रहती.
बिहार का सबसे छोटा जिला: शिवहर
क्षेत्रफल के अनुसार बिहार का सबसे छोटा जिला शिवहर है. यह तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत आता है और नेपाल के तराई क्षेत्रों से सटा हुआ है. यह जिला उत्तर और पूर्व में सीतामढ़ी, पश्चिम में पूर्वी चंपारण और दक्षिण में मुजफ्फरपुर जिले से घिरा हुआ है.
| खासियत | डिटेल |
| नाम | शिवहर |
| स्थापना | 6 अक्टूबर 1994 (सीतामढ़ी से अलग होकर) |
| क्षेत्रफल | लगभग 443 वर्ग किलोमीटर |
| जनसंख्या | लगभग 6.56 लाख (2011 की जनगणना के अनुसार) |
| प्रशासनिक विभाजन | केवल 1 अनुमंडल और 5 प्रखंड (ब्लॉक) |
शिवहर जिले की क्या खासियत है?
शिवहर की पहचान केवल इसके छोटे आकार तक सीमित नहीं है. इसकी कई सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक विशेषताएं हैं, जो इसे खास बनाती हैं:
धार्मिक और पौराणिक महत्व
शिवहर नाम भगवान शिव और हरि (विष्णु) के मिलन की भूमि को दर्शाता है, जो इस क्षेत्र के गहरे धार्मिक जुड़ाव की तरफ इशारा करता है. देकुली धाम (बाबा भुवनेश्वर नाथ महादेव मंदिर): यह शिवहर जिले का सबसे पौराणिक धार्मिक स्थल है, जो बागमती नदी के किनारे स्थित है. मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने से नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा का फल मिलता है, जिससे यहां महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.Dekuli Dham Sheohar: यहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है
कृषि प्रधान क्षेत्र के तौर पर मशहूर
बागमती नदी के किनारे स्थित होने के कारण यहां की मिट्टी उपजाऊ है. इससे यह क्षेत्र कृषि प्रधान माना जाता है. यहां धान, गेहूं और गन्ने की अच्छी खेती होती है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था का आधार है.
प्राकृतिक सौंदर्य के साथ आती हैं कई चुनौतियां
यह जिला हरियाली से भरपूर है, जो इसे प्राकृतिक रूप से सुंदर बनाता है. हालांकि, बागमती नदी के किनारे होने के कारण यह जिला बाढ़ की विभीषिका से भी अक्सर प्रभावित होता रहा है. इससे इस जिले के विकास पर काफी असर पड़ा है.
राजनीति का केंद्र बिंदु है शिवहर
अपने छोटे आकार के बावजूद शिवहर हमेशा से महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र रहा है. यह अपनी एकमात्र विधानसभा सीट के लिए जाना जाता है और यहां के राजनीतिक समीकरण अक्सर काफी प्रभावशाली रहे हैं. इससे यह बिहार की राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता है.
रेलवे लाइन के इंतजार में हैं शिवहर वासी
वर्तमान में शिवहर को रेलमार्ग से जोड़ने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. बापू धाम मोतिहारी से सीतामढ़ी तक बिछाई जा रही नई रेलवे लाइन शिवहर जिले से होकर गुजरेगी. इससे इस क्षेत्र के आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी को नई स्पीड मिलने की उम्मीद है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में शिवहर से किसकी जीत हुई?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 परिणाम के अनुसार, शिवहर विधानसभा सीट पर जेडीयू (JD(U)) की उम्मीदवार श्वेता गुप्ता ने जीत हासिल की. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार नवनीत कुमार को 31,398 मतों के बड़े अंतर से हराया.

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