Last Updated:November 14, 2025, 23:54 IST
Bihar Chunav Result: बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार बिना हिंसा और पुनर्मतदान के मतदान हुआ. बिहार चुनाव में 66.91 प्रतिशत वोटिंग ने इतिहास रचा. महिला मतदाताओं की भी रिकॉर्ड भागीदारी दर्ज हुई. यह 1951 में हुए पहले बिहार चुनाव के बाद से सबसे अधिक मतदान है. मतदान केंद्रों पर 3.51 करोड़ मतदाता मतदान करने के लिए पहुंचे.
बिहार चुनाव में एनडीए को भारी जीत मिली है, जबकि महागठबंधन को शिकस्त झेलनी पड़ी. (फाइल फोटो)नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि मतदान के दिन किसी की भी मौत नहीं हुई और किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले विधानसभा चुनावों में राज्य में हिंसा हुई, कुछ मौतें भी हुईं और कई निर्वाचन क्षेत्रों में फिर से चुनाव भी कराने पड़े थे.
बिहार में राजग की शानदार जीत के बाद यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वे दिन गए जब राज्य में चुनाव में हिंसा, बूथों पर कब्जा और कदाचार के कारण पुनर्मतदान होते थे. उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव के दौरान राज्य में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई और चुनाव आयोग को किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान का आदेश नहीं देना पड़ा.
उन्होंने कहा, “बिहार चुनाव में जंगलराज के दौरान बूथ कैप्चरिंग, हिंसा एक आम बात हुआ करती थी, लेकिन अब ऐसा कोई मामला नहीं होता है.” उन्होंने यह भी कहा कि पहले के अवसरों पर, राज्य के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में माओवादियों के डर से दोपहर 3 बजे मतदान समाप्त हो जाता था. लेकिन अब अन्य इलाकों की तरह 11 घंटे तक मतदान हुआ. मतदान आमतौर पर सुबह 7 बजे शुरू होता है और शाम 6 बजे समाप्त होता है. पीएम मोदी ने विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड संख्या में मतदान करके लोकतंत्र और चुनाव आयोग में विश्वास जताने के लिए लोगों को बधाई दी.
बिहार में 7.45 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. इस बार 66.91 प्रतिशत मतदान हुआ. यह 1951 में हुए पहले बिहार चुनाव के बाद से सबसे अधिक मतदान है. मतदान केंद्रों पर 3.51 करोड़ मतदाता मतदान करने के लिए पहुंचे. बिहार ने अपने इतिहास में सबसे अधिक महिला मतदान दर्ज किया. आंकड़ों के अनुसार, 1985 के चुनावों में 63 मौतें हुई थीं और 156 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया गया था. साल 1990 के चुनावों के दौरान, चुनाव संबंधी हिंसा में 87 लोग मारे गए थे.
साल 1995 में, तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन ने अप्रत्याशित हिंसा और चुनावी कदाचार के कारण बिहार चुनावों को चार बार स्थगित करने का आदेश दिया था. आंकड़ों के अनुसार, 2005 में हिंसा और कदाचार के कारण 660 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ था. बिहार में इस साल दो चरणों में विधानसभा चुनाव हुए और इसके लिए मतगणना जारी है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 14, 2025, 23:37 IST

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