बिजनेसमैन के घर प्रूफ लेने पहुंची बैंकर, देखते ही बोकाबू हुआ शख्स, फिर जो हुआ

7 hours ago

Last Updated:July 27, 2025, 08:16 IST

मुंबई में कोर्ट ने चौंकाने वाले मामले में एक बिजनेसमैन को एक साल की कठिन जेल की सजा सुनाई है. 5 साल पुराने मामले में कोर्ट सजा सुनाते हुए आरोपी को दलीलों को नकारते हुए, उसे जेल की सजा सुनाई, फिलहाल वह जमानत पर ...और पढ़ें

बिजनेसमैन के घर प्रूफ लेने पहुंची बैंकर, देखते ही बोकाबू हुआ शख्स, फिर जो हुआमहिला बैंकर से बदतमीजी पड़ा महंगा, 1 साल की जेल की सजा.

मुंबई: मुंबई के मलाड में एक चौंकाने वाला मामला आया है. एक स्थानीय अदालत ने एक बिजनेसमैन को एक साल की कठोर कारावास की सुनाई है. दरअसल, स्थानीय मजिस्ट्रेट अदालत ने महिला बैंक कर्मचारी से छेड़खानी के आरोप को सही मानते हुए उनको जेल की सजा सुनाई है. जिस महिला के साथ जबरदस्ती का आरोप लगा है, वह बैंक की डिप्टी मैनेजर हैं. वह उस शख्स के घर खाता खोलने के तहत एड्रेस प्रूफ करने गई थीं. तभी उनके साथ ये घटना हुई. आरोपी की पहचान के नरेंद्र सागवेकर के रूप में हुई है.

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीएन चिकने ने सजा सुनाते हुए कहा कि आरोपी को अच्छे आचरण के मुचलके पर रिहा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, पीड़िता ड्यूटी पर थी. वह एड्रेस के सत्यापन के लिए आरोपी के घर गई थी. वह घर में अकेला था. उसने उस पर महिला पर बल प्रयोग करते हुए जबरदस्ती की . उसने जबरन महिला से किस (KISS) कर नैतिक पतन का अपराध किया है. इसलिए उसे अच्छे व्यवहार के लिए रिहा नहीं किया जा सकता है. जज ने आरोपी पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. वह जमानत पर बाहर था.

देरी से केस दर्ज होने पर क्या बोले जज?

मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस की जांच में काफी खामियां थीं. लेकिन कोर्ट में जिरह के दौरान महिला की गवाही विश्वसनीय थी. रिपोर्ट दर्ज करने में देरी हुई. मजिस्ट्रेट ने कहा, ऐसी घटना के बाद घबरा जाना कोई असामान्य बात नहीं है. ऐसी घटनाएं जीवन में बहुत बड़ा व्यवधान पैदा कर सकती हैं. ऐसी घटनाओं से महिलाएं सदमे में चली जाती हैं. साथ ही उसे किसी के सामने कह भी नहीं पाती हैं, किसी को बताने से पहले वे सौ बार सोचती हैं. इस मामले में, देरी का कारण स्पष्ट है. मजिस्ट्रेट ने इन घटनाओं के नेचर की भी बात की. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं चूंकि प्राइवेट दायरे में होती हैं, तो इनके गवाहों की भी कमी होती है.

झूठा आरोप लगा रही महिला- आरोपी

हालांकि आरोपी सागवेकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकार दिया है. साथ ही उसने महिला पर झूठा आरोप लगाकर फंसाने का आरोप लगाया है. उसने कोर्ट को बताया कि जब उन्होंने महिला बैंकर द्वारा सुझाए बचत योजना को नहीं माना तो उसने मुझे फंसाने की कोशिश की. हालांकि, मजिस्ट्रेट ने उसके आरोपों और दलीलों को सिरे से खारिज कर दिया. मजिस्ट्रेट ने कहा, यह विश्वास करना मुश्किल है कि केवल इसलिए कि आरोपी ने सूचना देने वाली महिला के व्हाट्सएप संदेश का जवाब नहीं दिया, उसने आरोपी के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी. सूचना देने वाली महिला के पास आरोपी के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने का कोई मकसद नहीं है.

कब का है मामला

चूंकि यह मामला पांच साल पुराना यानी कि 27 नवंबर, 2020 की है. सागवेकर 26 नवंबर, 2020 को बैंक खाता खुलवाने के लिए शाखा गए थे. बैंक के नियमों के अनुसार, ग्राहक के निवास पर पते का सत्यापन आवश्यक था. जब बैंक की तत्कालिक डिप्टी मैनेजर उनके घर पर एड्रेस के सत्यापन के लिए पहुंची तो वह अकेले का फायदा उठाते हुए उनके साथ छेड़खानी की.

Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...

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Mumbai,Maharashtra

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