Last Updated:May 17, 2025, 09:38 IST
India-Pakitan Tension : पहलगाम टेरर अटैक के बाद बॉर्डर एरिया की सुरक्षा को और मजबूत करने की बात उठी. अब भारत सरकार सीमाई इलाकों की सुरक्षा और बाड़बंदी से जुड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने को लेकर गंभीर ह...और पढ़ें

पाकिस्तान से लगती सीमा की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए 1500 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है. (फोटो: पीटीआई)
हाइलाइट्स
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बॉर्डर सिक्योरिटी को लेकर भारत गंभीर1500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को हरी झंडी, घुसपैठ करना होगा मुश्किलजम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब और राजस्थान तक में फैली सीमा होगी सिक्योरनई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार के बाद पाकिस्तान से लगते बॉर्डर की सुरक्षा को दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है. भारत बॉर्डर इलाकों में ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है, जिससे पाकिस्तानी फौज और आतंकवादियों के लिए घुसपैठ करना मुश्किल हो जाएगा. इसके साथ ही बॉर्डर पर चौबीसों घंटे तैनात रहने वाले BSF जवानों के लिए अपग्रेडेड पोस्ट की व्यवस्था भी की जाएगी. सरकार ने इसके लिए 1500 करोड़ रुपये का फंड जारी करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है.
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने सीमा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और घुसपैठ की घटनाओं को रोकना है. हाल ही में हुई उच्च स्तरीय बैठकों के बाद इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाए गए हैं. फाइनेंस और होम मिनिस्ट्री संयुक्त रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, बाड़बंदी और निगरानी प्रणाली जैसी परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं. लगभग 1,500 करोड़ रुपये की लागत से ये परियोजनाएं लागू की जा रही हैं. इसमें 500 किलोमीटर से अधिक की मौजूदा सीमा बाड़ को हाई क्वालिटी, मल्टीलेयर और मॉड्यूलर सामग्री से बदला जाएगा. यह कदम राजौरी और पुंछ में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के मद्देनजर उठाया गया है.
गजब की होगी व्यवस्था
हाई-लेवल एंपावर्ड कमेटी (HLEC) ने जम्मू-कश्मीर के सांबा, इंद्रेश्वर नगर और कठुआ, पंजाब के फिरोजपुर और अबोहर क्षेत्रों में बॉर्डर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. इनमें बॉर्डर आउट पोस्ट (BOPs) को मुख्य सीमा से जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण भी शामिल है, जिससे सुरक्षाबलों की आवाजाही तेज हो सकेगी. इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ सेंट्री पोस्ट भी बनाए जा रहे हैं. पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा की गई अकारण गोलीबारी की घटनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है. राजस्थान में विशेष रेतीले इलाकों के लिए लेयर्ड फेंसिंग, वॉल फेंसिंग, हाई-पावर एलईडी लाइट्स और बख्तरबंद भूमिगत केबलिंग पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
जवानों की सुविधा भी बढ़ेगी
बॉर्डर पर तैनात जवानों को पीने के पानी की आपूर्ति में हो रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए 160 करोड़ रुपये की लागत से नई वॉटर स्टोरेज और सप्लाई सिस्टम भी तैयार की जा रही है. अभी तक इन इलाकों में अस्थायी टैंकरों से पानी पहुंचाया जाता था, जो महंगा और अस्थिर समाधान था. सरकार के इन प्रयासों को भारत की सीमा सुरक्षा नीति में एक रणनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है. पारंपरिक घुसपैठ के साथ-साथ नई चुनौतियों से निपटने के लिए यह पहल सुरक्षा के प्रति सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है. इन परियोजनाओं के तेज़ी से क्रियान्वयन से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षात्मक तैयारियों को एक नई मजबूती मिलेगी.
पहलगाम अटैक के बाद बदले हालात
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर पर्यटकों की हत्या कर दी थी. इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने एयर स्ट्राइक करते हुए आतंकवादियों के कई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान के 11 एयरबेस को भी तबाह कर दिया.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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