Last Updated:July 08, 2025, 13:08 IST
Purnia Crime News: बिहार के पूर्णिया जिले के टेटगमा गांव में अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों को डायन के आरोप में पीट-पीटकर और जिंदा जलाकर मार डाला गया. इस जघन्य हत्याकांड के बाद डीएम अंशुल कुमार औ...और पढ़ें

डायन के आरोप में पांच लोगों की जिंदा जलाकर हत्या मामले में 23 नामजद 200 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
हाइलाइट्स
टेटगमा गांव में डायन के शक में बाबूलाल उरांव के परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाया. पूर्णिया के डीएम अंशुल कुमार और एसपी स्वीटी सहरावत ने शवों का दाह संस्कार करवाया.डीएम अंशुल कुमार ने पीड़ित परिवार को सरकारी मदद और मुआवजा देने का आश्वासन दिया.पूर्णिया. मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजीगंज पंचायत अंतर्गत टेटगमा गांव में 6 जुलाई की रात मानवता को शर्मसार करने वाली घटना घटी. अंधविश्वास के चलते गांव वालों ने डायन होने के शक में 50 साल के बाबूलाल उरांव , 45 वर्ष की उनकी पत्नी सीता देवी , 70 साल की उनकी मां कातो देवी , 25 वर्ष के बेटे मनजीत उरांव और 22 साल की बहू रानी देवी को पीट-पीट कर जिंदा जला दिया. बताया जा रहा है कि जिंदा जलाने से पहले पहले बांस की छड़ियों से पीटा और फिर जिंदा जलाया. इस हत्याकांड ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और डीएम अंशुल कुमार और एसपी स्वीटी सहरावत ने 8 जुलाई को कप्तान पुल श्मशान घाट पर पहुंचकर मेडिकल बोर्ड की देखरेख में पांचों शवों का आदिवासी रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करवाया. डीएम ने बताया कि गांव वालों ने अंधविश्वास में पड़कर इस क्रूर कृत्य को अंजाम दिया. पुलिस ने 23 नामजद और करीब 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. अब तक एक नाबालिग समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी है.
डीएम अंशुल कुमार ने बताया कि बाबूलाल के 16 वर्षीय बेटे सोनू ने घटना की सूचना दी जिसे पुलिस कस्टडी में रखा गया है. सोनू ने बताया कि उसकी मां सीता देवी को मुख्य रूप से डायन बताकर निशाना बनाया गया. इस बीच डीएम ने पीड़ित परिवार को भोजन, आवास और सरकारी मुआवजा देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा, आधुनिक युग में डायन के नाम पर हत्या शर्मनाक है. लोगों को अंधविश्वास छोड़कर शिक्षा और चिकित्सा पर ध्यान देना चाहिए.
पूर्णिया प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
वहीं, पूर्णिया एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि घटना के पीछे रामदेव उरांव के बेटे की मौत और दूसरे बच्चे की बीमारी को कारण माना गया, जिसके लिए गांव वालों ने बाबूलाल के परिवार को जिम्मेदार ठहराया. पूर्णिया पुलिस ने फोरेंसिक और डॉग स्क्वॉड की मदद से साक्ष्य जुटाए हैं. गांव में दहशत का माहौल है और अधिकांश लोग फरार हैं. इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था और अंधविश्वास पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
अंधविश्वास में क्रूरता की पराकाष्ठा
पूर्णिया के मुफस्सिल थाना के टेटगमा में डायन बिसाही के आरोप में पांच लोगों की नृशंस हत्या मामले में जो जानकारी सामने आई है इसके अुसार इन सबको पहले पीटा गया और फिर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई. हत्या से पहले गांव में पंचायत भी बैठी थी और इसके बाद ढाई सौ लोगों की भीड़ ने इस नृशंस घटना को अंजाम दिया. सवाल उठता है कि आज जहां विज्ञान काफी आगे चला गया है, वहीं इस दौर में भी इस तरह की घटना शर्मनाक है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...
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