Last Updated:December 28, 2025, 14:43 IST
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर सवार हुईं. भारतीय इतिहास में ऐसा करने वाली वह दूसरी राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने एक पनडुब्बी पर सॉर्टी की थी.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को भारतीय नौसेना की स्वदेशी रूप से निर्मित कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर पर सवार हुईं. भारत की सशस्त्र सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को कर्नाटक के कारवार नौसैनिक अड्डे पर पहुंची थीं. राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा भारतीय नौसेना की क्षमता और आत्मनिर्भर भारत के रक्षा निर्माण कार्यक्रम का सशक्त प्रतीक मानी जा रही है.

इस विशेष अभियान में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी मौजूद रहे. पनडुब्बी पर उच्च नौसैनिक अधिकारियों और पनडुब्बी के कमांडिंग ऑफिसर ने राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया. इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू को नौसेना की इस पनडुब्बी की परिचालन क्षमता, स्टील्थ फीचर्स व हथियार प्रणालियों से अवगत कराया गया. साथ ही, उन्हें भारतीय नौसेना के अंडरवॉटर वॉरफेयर नेटवर्क के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई. यह सॉर्टी कई मायनों में ऐतिहासिक है.

यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कलवरी क्लास की पनडुब्बी पर यह पहला दौरा था. भारतीय इतिहास में ऐसा करने वाली वह दूसरी राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने एक पनडुब्बी पर सॉर्टी की थी. भारतीय नौसेना के इतिहास में वह एक विशेष क्षण माना जाता है.
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रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक कारवार स्थित आईएनएस वाघशीर और अन्य नौसैनिक प्रतिष्ठानों पर राष्ट्रपति की यह यात्रा न केवल नौसेना के मनोबल को बढ़ाने वाली है, बल्कि यह दर्शाती है कि देश की सर्वोच्च नेतृत्व व्यवस्था सैन्य तैयारियों का प्रत्यक्ष अनुभव और मूल्यांकन करने में कितना सक्रिय है. राष्ट्रपति मुर्मू को समुद्र में तैनाती के दौरान पनडुब्बी कर्मियों की चुनौतियों, उनके प्रशिक्षण और मिशन प्रोफाइल के बारे में भी जानकारी दी गई. स्वदेशी डिजाइन और निर्माण वाली कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियां भारतीय नौसेना की अंडरवॉटर क्षमता का मजबूत स्तंभ हैं.

<br />आईएनएस वाघशीर, प्रोजेक्ट 75 के तहत निर्मित, अत्याधुनिक सेंसर, हथियारों और ध्वनि-रहित संचालन क्षमता से लैस है, जो इसे हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति का एक महत्वपूर्ण साधन बनाता है. राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा पश्चिमी समुद्री तट पर नौसेना के परिचालन क्षेत्रों के व्यापक मूल्यांकन का हिस्सा मानी जा रही है. रक्षा विशेषज्ञों ने इसे नौसेना के लिए प्रेरणादायक क्षण बताया, जो सैन्य बलों के प्रति राष्ट्रीय नेतृत्व के समर्थन और संवेदनशीलता को दर्शाता है.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीते दिनों भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान 'राफेल' में उड़ान भरी थी. लड़ाकू विमान में उड़ान भरने के बाद अब उन्होंने पनडुब्बी की यात्रा की है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान 'राफेल' में उड़ान भरी थी. अपनी इस उड़ान के साथ ही उन्होंने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था. राष्ट्रपति मुर्मू 29 अक्टूबर को हरियाणा के अंबाला स्थित वायुसेना स्टेशन का पहुंची थी. यहां उन्होंने वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमान 'राफेल' में सॉर्टी यानी उड़ान भरी.
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1 hour ago
