Last Updated:December 28, 2025, 14:16 IST
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक बार फिर बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है. उत्तरी कश्मीर में सोपोर-बांदीपोरा सड़क पर मंगनीपोरा के पास एक शक्तिशाली IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद की गई है. उधर खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में जारी आतंकी खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया है.
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक बार फिर बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक बार फिर बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है. उत्तरी कश्मीर में सोपोर-बांदीपोरा सड़क पर मंगनीपोरा के पास एक शक्तिशाली IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद की गई है. आईईडी की सूचना मिलते ही बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा और उसे निष्क्रिय करने की कार्रवाई शुरू की गई. एहतियातन इस मार्ग पर यातायात को पूरी तरह से रोक दिया गया है.
इस बीच, खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में जारी आतंकी खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया है. सुरक्षा एजेंसियों के आकलन के मुताबिक, जम्मू क्षेत्र में इस समय 30 से अधिक पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय हैं. ये आतंकी सर्दियों के मौसम का फायदा उठाकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं.
‘चिल्लई कलां’ में सेना ने बढ़ाया आतंकियों पर दबाव
हालांकि, इस बार भारतीय सेना ने सर्दियों के दौरान होने वाली कथित ‘मौसमी सुस्ती’ को पूरी तरह खारिज कर दिया है. 21 दिसंबर से शुरू हुए ‘चिल्लई कलां’ यानी सर्दियों के सबसे कठोर 40 दिनों के दौरान सेना ने आतंकियों पर दबाव और बढ़ा दिया है. रक्षा सूत्रों के अनुसार, लगातार चल रही कार्रवाई के चलते आतंकी अब किश्तवाड़ और डोडा जैसे इलाकों के ऊंचे और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों की ओर खिसक गए हैं, जहां आम नागरिकों की आवाजाही बेहद कम है.
सूत्रों का कहना है कि आतंकी इन दुर्गम इलाकों में छिपकर दोबारा संगठित होने और सुरक्षा बलों की नजरों से बचने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सेना ने इस रणनीति को विफल करने के लिए बर्फीले और ऊंचाई वाले इलाकों में भी अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है. चिल्लई कलां की शुरुआत के साथ ही अग्रिम शीतकालीन बेस और अस्थायी निगरानी चौकियां स्थापित की गई हैं, ताकि आतंकियों पर लगातार नजर रखी जा सके.
सेना ने बढ़ाई गश्त
सेना की गश्ती टुकड़ियां पहाड़ी चोटियों, जंगलों और दूर-दराज की घाटियों में नियमित सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. अधिकारियों के मुताबिक, इस रणनीति का मकसद आतंकियों को कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में सीमित रखना, उनकी सप्लाई लाइन को बाधित करना और उन्हें आबादी वाले इलाकों की ओर बढ़ने से रोकना है.
आतंक विरोधी अभियानों में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप, वन विभाग के गार्ड्स और विलेज डिफेंस गार्ड्स के बीच करीबी तालमेल है. खुफिया सूचनाओं का संयुक्त रूप से विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि आतंकियों की गतिविधियों की सटीक मैपिंग कर समय रहते लक्षित कार्रवाई की जा सके.
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी ऑपरेशनों की रफ्तार कम नहीं की जाएगी और सर्दियों के बावजूद आतंकियों को किसी भी हाल में सुरक्षित ठिकाना नहीं बनाने दिया जाएगा.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
Location :
Srinagar,Jammu and Kashmir
First Published :
December 28, 2025, 14:16 IST

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